ये हैं राजस्थान के टॉप 5 घूसखोर IAS | rajasthan-top-five-bribery-ias-officers | Patrika News h3>
आजादी के बाद भी कई कलेक्टरों का कलेक्शन कायम है। भले देश में अब लोकतंत्र है। इसे घूसखोरी कहते हैं। गौरतलब है कि देश में कलेक्टर भारतीय प्रशासनिक सेवा से आते हैं। आइए आज आपको परिचित कराते हैं राजस्थान के टॉप घूसखोर आईएएस से…
जयपुर
Published: April 24, 2022 06:50:55 pm
लंदन विश्वविद्यालय के रॉयल हालवे कालेज में शोध कर रहे अरविंद कुमार लिखते हैं कि कलेक्टर शब्द का उदभव भारत में अंग्रेजों के साथ आया। कलेक्टर- जिसका मतलब होता था टैक्स इकट्ठा करने वाला। टैक्स इकट्ठा करने में कोई दिक़्क़त न हो, इसलिए उसको पूरी पुलिस फ़ोर्स दी गयी थी। किसी की जगह ज़मीन छीनने का अधिकार दिया गया था। किसी के घर में खाने को हो या न हो, सूखा पड़ा हो या अकाल पड़ा हो, टैक्स तो देना ही पड़ता था। नहीं देने पर पुलिसिया मदद से छीनकर लिया जाता था। ये तो रही गुलाम अंग्रेजी शासन की बात। अब आजादी के बाद भी कई कलेक्टरों का कलेक्शन कायम है। भले देश में अब लोकतंत्र है। इसे घूसखोरी कहते हैं। गौरतलब है कि देश के कलेक्टर भारतीय प्रशासनिक सेवा से आते हैं। आइए आज आपको परिचित कराते हैं राजस्थान के टॉप घूसखोर आईएएस से…
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इंद्र सिंह राव
यह प्रदेश के पहले आईएएस थे जिन पर कलेक्टर के पद पर रहते हुए घूस लेने का आरोप लगा। आईएएस अधिकारी और बारां जिले के पूर्व कलेक्टर इंद्र सिंह राव को रिश्वत लेने के आरोप में 23 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया। इनके निजी सहायक (पीए) को एक पेट्रोल पम्प का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी करने की ऐवज में 1.40 लाख रुपये की कथित रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
नीरज के पवन
सरकार के ट्रबल शूटर के नाम से मशहूर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले में साल 2016 आईएएस अधिकारी नीरज के पवन जेल गए। सरकार किसी की भी हो सिक्का इनका चलता है। स्वास्थ्य विभाग के प्रचार प्रसार से जुड़ी IIC विंग में दलाल के साथ मिलकर चहेती फर्म को गलत तरीके से टेंडर देने के मामले में भारी भ्रष्टाचार सामने आया था। इस मामले में ACB ने गिरफ्तार किया था। 17 मई 2016 से अप्रैल 2018 तक सस्पेंड रहे।
नन्नूमल पहाड़िया
आईएएस अधिकारी और अलवर के पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने शनिवार को पांच लाख रुपए की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया है। पहाड़िया के साथ ही आरएएस अधिकारी अशोक सांखला और दलाल नितिन शर्मा को भी गिरफ्तार किया है। नन्नूमल पहाड़िया तीन दिन पहले ही अलवर कलेक्टर के पद से रिलीव हुए थे।
अशोक सिंघवी
राजस्थान में 2014 में महाघूसकांड सामने आया था। केंद्रीय खनन मंत्रालय ने राजस्थान में नए खान आवंटन पर रोक लगा दी। इसके बावजूद 2014 से 2015 के बीच 653 खनन पट्टों का आवंटन किया। इसमें रिटायर्ड आईएएस अशोक सिंघवी सहित कई अन्य अधिकारियों पर करीब ढाई करोड़ की रिेश्वत के आरोप लगे। महाघूसकांड में सिंघवी को 2015 में गिरफ्तार किया गया। 2017 तक सस्पेंड रहे।
निर्मला मीणा
मई 2019 में आईएएस अधिकारी निर्मला मीणा को एसीबी ने करोड़ों रुपए के गेहूं घोटाले में गिरफ्तार किया। जांच के दौरान एसीबी अफसरों ने निर्मला मीणा की बीस से भी ज्यादा बेनामी संपत्तियों को भी अटैच किया। 8 अगस्त 2019 को सरकार ने इन्हें बहाल करके बेहतर गर्वनेंस का प्रशिक्षण देने वाले इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान के निदेशक पद पर पोस्टिंग दी गई।
टीना डाबी के पति पर भी है घूसखोरी का आरोप
प्रदीप गवांडे जब आरएसएलडीसी में एमडी थे तब उनका नाम रिश्वत केस में आया था। सितंबर 2021 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्रदीप गवांडे से 2 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। एसीबी डीजी बीएल सोनी के निर्देश पर आईएएस नीरज के पवन और प्रदीप गवांडे समेत 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। एसीबी की दर्ज एफआईआर के अनुसार यह अधिकारी पहले कौशल विकास योजनाएं चलाने वाले ट्रेनिंग सेंटर्स को ब्लैकलिस्ट करते थे, फिर उनसे अधिकारियों का ही एक दलाल ब्लैकलिस्ट से हटाने का सौदा करता था।
Anand Mani Tripathi
आनंद मणि त्रिपाठी राजस्थान पत्रिका में राजनीति, अपराध, विदेश, रक्षा एवं सामरिक मामलों के पत्रकार हैं। पत्रकारिता के तीनों माध्यम प्रिंट, टीवी और आनलाइन में गहरा और अपनी तेज तर्रार रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के कानपुर और बस्ती में हुई। माध्यमिक शिक्षा नवोदय विद्यालय बस्ती, फैजाबाद और पूर्वोत्तर त्रिपुरा के धलाई जिले में हुई। अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से स्नातक और 2009 में जेआईआईएमसी,दिल्ली से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया।
हरियाणा से पत्रकारिता आरंभ की। शिक्षा, विज्ञान, मौसम, रेलवे, प्रशासन, कृषि विभाग और मंत्रालय की रिपोर्टिंग की। इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग से शिक्षा और रेलवे विभाग के कई भ्रष्टाचार का खुलासा किया। रक्षा मंत्रालय के रक्षा संवाददाता पाठयक्रम-2016 पूरा किया। इसके बाद रक्षा मामलों की पत्रकारिता शुरू कर दी। चीन, पाकिस्तान और कश्मीर मामलों पर तीक्ष्ण नजर रहती है।
लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या 2017, राइफलमैन औरंगजेब की हत्या 2018, जम्मू—कश्मीर में बदले 2018 में बदले राजनीतिक समीकरण, पुलवामा हमला 2019, कश्मीर से 370 का हटना, गलवान घाटी मुठभेड़ 2020 को बेहद करीब से जम्मू और कश्मीर में रहकर ही कवर किया। कोरोना काल 2020 में भी लददाख से नेपाल तक की यात्रा चीन के बदलते समीकरण को लेकर की।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की रिपोर्टिंग की। 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या मामले में आए फैसले की अयोध्या से कवर किया। 2022 उत्तरप्रदेश् चुनाव को सहारनपुर से सोनभद्र तक मोटर साइकिल के माध्यम से कवर किया। पत्रकारिता से इतर आनंद मणि त्रिपाठी को संगीत और पर्यटन का जबरदस्त शौक है। इन्हें किसी भी कार्य में असंभव शब्द न प्रयोग करने के लिए जाना जाता है…
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आजादी के बाद भी कई कलेक्टरों का कलेक्शन कायम है। भले देश में अब लोकतंत्र है। इसे घूसखोरी कहते हैं। गौरतलब है कि देश में कलेक्टर भारतीय प्रशासनिक सेवा से आते हैं। आइए आज आपको परिचित कराते हैं राजस्थान के टॉप घूसखोर आईएएस से…
जयपुर
Published: April 24, 2022 06:50:55 pm
लंदन विश्वविद्यालय के रॉयल हालवे कालेज में शोध कर रहे अरविंद कुमार लिखते हैं कि कलेक्टर शब्द का उदभव भारत में अंग्रेजों के साथ आया। कलेक्टर- जिसका मतलब होता था टैक्स इकट्ठा करने वाला। टैक्स इकट्ठा करने में कोई दिक़्क़त न हो, इसलिए उसको पूरी पुलिस फ़ोर्स दी गयी थी। किसी की जगह ज़मीन छीनने का अधिकार दिया गया था। किसी के घर में खाने को हो या न हो, सूखा पड़ा हो या अकाल पड़ा हो, टैक्स तो देना ही पड़ता था। नहीं देने पर पुलिसिया मदद से छीनकर लिया जाता था। ये तो रही गुलाम अंग्रेजी शासन की बात। अब आजादी के बाद भी कई कलेक्टरों का कलेक्शन कायम है। भले देश में अब लोकतंत्र है। इसे घूसखोरी कहते हैं। गौरतलब है कि देश के कलेक्टर भारतीय प्रशासनिक सेवा से आते हैं। आइए आज आपको परिचित कराते हैं राजस्थान के टॉप घूसखोर आईएएस से…
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इंद्र सिंह राव
यह प्रदेश के पहले आईएएस थे जिन पर कलेक्टर के पद पर रहते हुए घूस लेने का आरोप लगा। आईएएस अधिकारी और बारां जिले के पूर्व कलेक्टर इंद्र सिंह राव को रिश्वत लेने के आरोप में 23 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया। इनके निजी सहायक (पीए) को एक पेट्रोल पम्प का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी करने की ऐवज में 1.40 लाख रुपये की कथित रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
नीरज के पवन
सरकार के ट्रबल शूटर के नाम से मशहूर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले में साल 2016 आईएएस अधिकारी नीरज के पवन जेल गए। सरकार किसी की भी हो सिक्का इनका चलता है। स्वास्थ्य विभाग के प्रचार प्रसार से जुड़ी IIC विंग में दलाल के साथ मिलकर चहेती फर्म को गलत तरीके से टेंडर देने के मामले में भारी भ्रष्टाचार सामने आया था। इस मामले में ACB ने गिरफ्तार किया था। 17 मई 2016 से अप्रैल 2018 तक सस्पेंड रहे।
नन्नूमल पहाड़िया
आईएएस अधिकारी और अलवर के पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने शनिवार को पांच लाख रुपए की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया है। पहाड़िया के साथ ही आरएएस अधिकारी अशोक सांखला और दलाल नितिन शर्मा को भी गिरफ्तार किया है। नन्नूमल पहाड़िया तीन दिन पहले ही अलवर कलेक्टर के पद से रिलीव हुए थे।
अशोक सिंघवी
राजस्थान में 2014 में महाघूसकांड सामने आया था। केंद्रीय खनन मंत्रालय ने राजस्थान में नए खान आवंटन पर रोक लगा दी। इसके बावजूद 2014 से 2015 के बीच 653 खनन पट्टों का आवंटन किया। इसमें रिटायर्ड आईएएस अशोक सिंघवी सहित कई अन्य अधिकारियों पर करीब ढाई करोड़ की रिेश्वत के आरोप लगे। महाघूसकांड में सिंघवी को 2015 में गिरफ्तार किया गया। 2017 तक सस्पेंड रहे।
निर्मला मीणा
मई 2019 में आईएएस अधिकारी निर्मला मीणा को एसीबी ने करोड़ों रुपए के गेहूं घोटाले में गिरफ्तार किया। जांच के दौरान एसीबी अफसरों ने निर्मला मीणा की बीस से भी ज्यादा बेनामी संपत्तियों को भी अटैच किया। 8 अगस्त 2019 को सरकार ने इन्हें बहाल करके बेहतर गर्वनेंस का प्रशिक्षण देने वाले इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान के निदेशक पद पर पोस्टिंग दी गई।
टीना डाबी के पति पर भी है घूसखोरी का आरोप
प्रदीप गवांडे जब आरएसएलडीसी में एमडी थे तब उनका नाम रिश्वत केस में आया था। सितंबर 2021 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्रदीप गवांडे से 2 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। एसीबी डीजी बीएल सोनी के निर्देश पर आईएएस नीरज के पवन और प्रदीप गवांडे समेत 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। एसीबी की दर्ज एफआईआर के अनुसार यह अधिकारी पहले कौशल विकास योजनाएं चलाने वाले ट्रेनिंग सेंटर्स को ब्लैकलिस्ट करते थे, फिर उनसे अधिकारियों का ही एक दलाल ब्लैकलिस्ट से हटाने का सौदा करता था।
Anand Mani Tripathi
आनंद मणि त्रिपाठी राजस्थान पत्रिका में राजनीति, अपराध, विदेश, रक्षा एवं सामरिक मामलों के पत्रकार हैं। पत्रकारिता के तीनों माध्यम प्रिंट, टीवी और आनलाइन में गहरा और अपनी तेज तर्रार रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के कानपुर और बस्ती में हुई। माध्यमिक शिक्षा नवोदय विद्यालय बस्ती, फैजाबाद और पूर्वोत्तर त्रिपुरा के धलाई जिले में हुई। अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से स्नातक और 2009 में जेआईआईएमसी,दिल्ली से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया।
हरियाणा से पत्रकारिता आरंभ की। शिक्षा, विज्ञान, मौसम, रेलवे, प्रशासन, कृषि विभाग और मंत्रालय की रिपोर्टिंग की। इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग से शिक्षा और रेलवे विभाग के कई भ्रष्टाचार का खुलासा किया। रक्षा मंत्रालय के रक्षा संवाददाता पाठयक्रम-2016 पूरा किया। इसके बाद रक्षा मामलों की पत्रकारिता शुरू कर दी। चीन, पाकिस्तान और कश्मीर मामलों पर तीक्ष्ण नजर रहती है।
लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या 2017, राइफलमैन औरंगजेब की हत्या 2018, जम्मू—कश्मीर में बदले 2018 में बदले राजनीतिक समीकरण, पुलवामा हमला 2019, कश्मीर से 370 का हटना, गलवान घाटी मुठभेड़ 2020 को बेहद करीब से जम्मू और कश्मीर में रहकर ही कवर किया। कोरोना काल 2020 में भी लददाख से नेपाल तक की यात्रा चीन के बदलते समीकरण को लेकर की।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की रिपोर्टिंग की। 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या मामले में आए फैसले की अयोध्या से कवर किया। 2022 उत्तरप्रदेश् चुनाव को सहारनपुर से सोनभद्र तक मोटर साइकिल के माध्यम से कवर किया। पत्रकारिता से इतर आनंद मणि त्रिपाठी को संगीत और पर्यटन का जबरदस्त शौक है। इन्हें किसी भी कार्य में असंभव शब्द न प्रयोग करने के लिए जाना जाता है…
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