काबिलियत पर भरोसा करो, जोखिम लेने में डरो नहीं, तभी बनोगे मजबूत इंसान | Believe in yourself and don’t be afraid to take risks | Patrika News h3>
2021 के पत्रिका 40 अंडर 40 पावर लिस्ट में शामिल नवीन कृष्ण राय आइआइएम इंदौर के मैनेजर गवर्नमेंट अफेयर एंड बिजनेस डवलपमेंट के पद पर हैं कार्यरत
इंदौर
Published: April 24, 2022 10:56:53 am
इंदौर। कभी डरे नहीं, कभी हारे नहीं जीवन में जो भी करना चाहते हैं वह काम ईश्वर पर विश्वास रखकर करिए। कोई भी स्टेप लेने से पहले खुद से पूछिए कि वह काम करने के बाद स्थिति क्या होगी? क्योंकि मैं जो आपसे बोल रहा हूं यह सब में भी करता हूं।
Naveen Krishna Rai
यह बात पत्रिका के साल 2021 में 40 अंडर 40 में शामिल किए गए आइआइएम इंदौर के मैनेजर गवर्मेंट अफेयर एंड बिजनेस डेवलपमेंट के पद पर कार्यरत नवीन कृष्णराय ने कही। उन्होंने अपने बचपन का एक किस्सा शेयर करते हुए कहा मेरे जन्म के तीन माह पहले ही मेरे पिता नहीं रहे।
वह दौर मेरी मां के लिए संघर्ष का दौर था। जब कभी दोस्तों के साथ खेलता था और उनसे झगड़ा हो जाता था तो वे कहते थे पापा से जाकर कह दूंगा, तब मुझे पिता की कमी बहुत खलती थी। खुद को उस वक्त बहुत कमजोर महसूस किया करता था लेकिन आज में उतना ही स्ट्रांग हूं। नवीन के पिता आर्मी में थे।
सवाल: नवोदय विद्यालय से स्कूलिंग और सरकारी कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद सामान्य नौकरी न करके नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहकर समाज सेवा का कठिन रास्ता क्यों चुना?
जवाब: किसी न किसी को तो वॉलेंटियर करना पड़ेगा बल्कि हर यूथ को करना चाहिए। समाज के हाशिए पर बैठे लोगों के लिए काम करना जरूरी है वरना उनकी समस्याएं कई तरह से मल्टीप्लाई हो जाएगी। इसी सोच के साथ मैंने फर्स्ट हैंड वॉलेंटियर किया और इसके लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काम करने से बेहतर कुछ नहीं था।
इसके लिए सबसे पहले अटेंडेंस विद सेल्फी का इनिशिएटिव लिया ताकि रोजाना सरकारी स्कूलों में शिक्षक पहुंचे। इसलिए स्कूल के सामने खड़े होकर न्यूज पेपर के साथ फोटो खिंचवाकर जिला प्रशासन में भेजना था। यह काम चंदोली जिले के सभी 1500 स्कूल में एक साथ शुरू किया गया था, जो अब पूरे यूपी में जारी हो गया है। अब इसके लिए एक एप बना दिया गया है। यह कार्य तात्कालिक जिला अधिकारी कुमार प्रशांत के साथ मिलकर किया था।
सवाल : जीवन में रिस्क के बारे में क्या विचार हैं?
जवाब: खुद पर भरोसा होना चाहिए कि हमें दो वक्त का खाना तो कहीं भी मिल ही जाएगा इसलिए हमेशा अपनी काबिलियत पर भरोसा करें और जोखिम लेने में न डरें।
सवाल: उपलब्धियों का श्रेय आप किसे देना चाहेंगे ?
जवाब: अपनी सोच को लोगों के सामने रखने का श्रेय में आइआइएम इंदौर के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय को देना चाहता हूं और पिता का साया न होने के चलते मेरा वो कमजोर समय भी इसका श्रेय है जिसके चलते मैं आज मजबूत हूं। अब अली एड विडोज के जीवन से अंधेरा मिटाने का प्रयास करूंगा ताकि वो कभी यह न सोचें कि घर कैसे चलाएंगी या बच्चों को कैसे पढ़ाएंगी।
नवीन ने इलाहबाद से स्कूलिंग के बाद गोरखपुर से इंजीनियरिंग की और फिर चंदोली जैसी नक्सल क्षेत्र में काम किया। तात्कालिक विधायक धनंजय कनौजिया के प्रतिनिधि बने फिर आइआइएम लखनऊ में एक प्रोजेक्ट में रिसर्च असिस्टेंट के तौर पर काम किया और 2019 से आइआइएम इंदौर में हैं।
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2021 के पत्रिका 40 अंडर 40 पावर लिस्ट में शामिल नवीन कृष्ण राय आइआइएम इंदौर के मैनेजर गवर्नमेंट अफेयर एंड बिजनेस डवलपमेंट के पद पर हैं कार्यरत
इंदौर
Published: April 24, 2022 10:56:53 am
इंदौर। कभी डरे नहीं, कभी हारे नहीं जीवन में जो भी करना चाहते हैं वह काम ईश्वर पर विश्वास रखकर करिए। कोई भी स्टेप लेने से पहले खुद से पूछिए कि वह काम करने के बाद स्थिति क्या होगी? क्योंकि मैं जो आपसे बोल रहा हूं यह सब में भी करता हूं।
Naveen Krishna Rai
यह बात पत्रिका के साल 2021 में 40 अंडर 40 में शामिल किए गए आइआइएम इंदौर के मैनेजर गवर्मेंट अफेयर एंड बिजनेस डेवलपमेंट के पद पर कार्यरत नवीन कृष्णराय ने कही। उन्होंने अपने बचपन का एक किस्सा शेयर करते हुए कहा मेरे जन्म के तीन माह पहले ही मेरे पिता नहीं रहे।
वह दौर मेरी मां के लिए संघर्ष का दौर था। जब कभी दोस्तों के साथ खेलता था और उनसे झगड़ा हो जाता था तो वे कहते थे पापा से जाकर कह दूंगा, तब मुझे पिता की कमी बहुत खलती थी। खुद को उस वक्त बहुत कमजोर महसूस किया करता था लेकिन आज में उतना ही स्ट्रांग हूं। नवीन के पिता आर्मी में थे।
सवाल: नवोदय विद्यालय से स्कूलिंग और सरकारी कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद सामान्य नौकरी न करके नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहकर समाज सेवा का कठिन रास्ता क्यों चुना?
जवाब: किसी न किसी को तो वॉलेंटियर करना पड़ेगा बल्कि हर यूथ को करना चाहिए। समाज के हाशिए पर बैठे लोगों के लिए काम करना जरूरी है वरना उनकी समस्याएं कई तरह से मल्टीप्लाई हो जाएगी। इसी सोच के साथ मैंने फर्स्ट हैंड वॉलेंटियर किया और इसके लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काम करने से बेहतर कुछ नहीं था।
इसके लिए सबसे पहले अटेंडेंस विद सेल्फी का इनिशिएटिव लिया ताकि रोजाना सरकारी स्कूलों में शिक्षक पहुंचे। इसलिए स्कूल के सामने खड़े होकर न्यूज पेपर के साथ फोटो खिंचवाकर जिला प्रशासन में भेजना था। यह काम चंदोली जिले के सभी 1500 स्कूल में एक साथ शुरू किया गया था, जो अब पूरे यूपी में जारी हो गया है। अब इसके लिए एक एप बना दिया गया है। यह कार्य तात्कालिक जिला अधिकारी कुमार प्रशांत के साथ मिलकर किया था।
सवाल : जीवन में रिस्क के बारे में क्या विचार हैं?
जवाब: खुद पर भरोसा होना चाहिए कि हमें दो वक्त का खाना तो कहीं भी मिल ही जाएगा इसलिए हमेशा अपनी काबिलियत पर भरोसा करें और जोखिम लेने में न डरें।
सवाल: उपलब्धियों का श्रेय आप किसे देना चाहेंगे ?
जवाब: अपनी सोच को लोगों के सामने रखने का श्रेय में आइआइएम इंदौर के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय को देना चाहता हूं और पिता का साया न होने के चलते मेरा वो कमजोर समय भी इसका श्रेय है जिसके चलते मैं आज मजबूत हूं। अब अली एड विडोज के जीवन से अंधेरा मिटाने का प्रयास करूंगा ताकि वो कभी यह न सोचें कि घर कैसे चलाएंगी या बच्चों को कैसे पढ़ाएंगी।
नवीन ने इलाहबाद से स्कूलिंग के बाद गोरखपुर से इंजीनियरिंग की और फिर चंदोली जैसी नक्सल क्षेत्र में काम किया। तात्कालिक विधायक धनंजय कनौजिया के प्रतिनिधि बने फिर आइआइएम लखनऊ में एक प्रोजेक्ट में रिसर्च असिस्टेंट के तौर पर काम किया और 2019 से आइआइएम इंदौर में हैं।
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