राजस्थान में 24 घंटे के भीतर बिजली कटौती शुरू, इतने घंटे गुल रहेगी बिजली, पढ़ें पूरी खबर | Power cut starts in Rajasthan within 24 hours | Patrika News

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राजस्थान में 24 घंटे के भीतर बिजली कटौती शुरू, इतने घंटे गुल रहेगी बिजली, पढ़ें पूरी खबर | Power cut starts in Rajasthan within 24 hours | Patrika News

राजस्थान में 24 घंटे के भीतर बिजली कटौती शुरू, इतने घंटे गुल रहेगी बिजली, पढ़ें पूरी खबर | Power cut starts in Rajasthan within 24 hours | Patrika News

Power Cut : राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच प्रदेशवासियों को राहत देने की बजाय अगले 24 घंटे के भीतर बिजली कटौती का खेल शुरू किया जा रहा है। ऊर्जा विभाग और डिस्कॉम्स देश के विभिन्न राज्यों में 7 से 8 घंटे बिजली कटौती का हवाला देते हुए राजस्थान में भी कटौती कर लाखों उपभोक्ताओं को करंट देंगे। ग्रामीण इलाकों में ढाई से तीन घंटे तक कटौती की जा सकती है, जबकि शहरी इलाकों में एक घंटे का समय रखा जा सकता है। बड़ी बात यह है कि कटौती सवेरे होगी, जिससे लोगों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ सकती है।

जयपुर

Updated: April 23, 2022 08:20:15 pm

Power Cut : राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच प्रदेशवासियों को राहत देने की बजाय अगले 24 घंटे के भीतर बिजली कटौती का खेल शुरू किया जा रहा है। ऊर्जा विभाग और डिस्कॉम्स देश के विभिन्न राज्यों में 7 से 8 घंटे बिजली कटौती का हवाला देते हुए राजस्थान में भी कटौती कर लाखों उपभोक्ताओं को करंट देंगे। ग्रामीण इलाकों में ढाई से तीन घंटे तक कटौती की जा सकती है, जबकि शहरी इलाकों में एक घंटे का समय रखा जा सकता है। जिला और संभागीय मुख्यालय में कटौती का फैसला बिजली आपूर्ति और मांग के आधार पर किया जाएगा। कहा तो यह भी कहा जा रहा है कि प्रदेश में बिजली की स्थिति सामान्य होते ही कटौती बंद कर दी जाएगी।

यूं बच रहे जिम्मेदार
ऊर्जा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का तर्क है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में पड़ रही भीषण गर्मी एवं कोविड के उपरान्त आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी की वजह से देशभर में बिजली की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। प्रदेश में भी बिजली की मांग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। बिजली की मांग में बढ़ोतरी के चलते देश के विभिन्न राज्यों में 7-8 घंटे बिजली कटौती हो रही है। प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष डिस्काॅम्स भास्कर ए. सावंत का कहना है कि पिछले साल अप्रेल में बिजली की मांग प्रतिदिन लगभग 2131 लाख यूनिट थी और अधिकतम मांग 11570 मेगावाट थी। वह चालू वर्ष में बढ़कर करीब 2800 लाख यूनिट प्रतिदिन व अधिकतम 13700 मेगावाट पहुंच गई है। इस तरह प्रदेश में बिजली की मांग 31 प्रतिशत बढ़ गई है। बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए एनर्जी एक्सचेंज सहित अन्य स्त्रोतों से भी मंहगे दामों में भी बिजली नहीं मिल पा रही है।

कोयला संकट से उत्पादन प्रभावित
ऊर्जा विभाग यह भी तर्क दे रहा है कि देशव्यापी कोयला संकट के कारण विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ है। अतिरिक्त मांग के अनुसार तापीय विद्युत गृहों को पर्याप्त कोयले की आपूर्ती नहीं होने की वजह से विद्युत उत्पादन इकाईयां पूर्ण क्षमता के साथ विद्युत का उत्पादन नहीं कर पा रही है। इसके चलते विद्युत की उपलब्धता में कमी आई आई है। कोयले की कमी का सामना देश के कई राज्यों के साथ ही राजस्थान के तापीय विद्युत गृह भी कर रहे हैं। प्रदेश के थर्मल पावर स्टेशन की विद्युत उत्पादन क्षमता 10110 मेगावाट है, जिनसे लगभग 6600 मेगावाट विद्युत का प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है।

रोस्टर से कटेगी बिजली
बिजली आपूर्ति व्यवस्था ऐसी स्थिति में आवश्यक सेवाओं जैसे अस्पताल, आक्सीजन सेन्टर, पेयजल आपूर्ती व मिलिट्री इन्स्टालेशन आदि को निर्बाध बिजली की आपूर्ति के लिए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्रों (जिला मुख्यालय एवं संभागीय मुख्यालय के अतिरिक्त) में रोस्टर के अनुसार बिजली कटौती करना निहायत जरुरी हो गया है। जिसके लिए उपभोक्ताओं को सूचित किया जाएगा। आवश्यक सेवाओं को बिजली कटौती से पूर्णतया मुक्त रखने के लिए सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। यह कटौती कुछ समय के लिए लागू की जा रही है और जैसे ही स्थिति सामान्य होती है इसे बन्द कर दिया जाएगा।

एक माह तक जारी रह सकती है कटौती
अप्रेल में भीषण गर्मी का दौर है, जो मई तक जारी रहेगा। ऐसे में प्रदेशवासी यह मानकर चलें कि बिजली कटौती का खेल एक माह तक जारी रहेगा और उसके बाद भी गर्मी रंग दिखाएगी तो इसे जारी रखा जा सकता है। बड़ी बात यह है कि ग्रामीण इलाकों को निशाना बनाया जाता रहा है। तीन घंटे कटौती की बात करने वाले जिम्मेदार ग्रामीण इलाकों में छह-छह घंटे तक कटौती करते हैं और जानकारी मांगने पर कहा जाता है कि फाल्ट के चलते बिजली बंद हुई है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हो सकता है।

बिजली दर का भी महंगी
बताया जा रहा है कि राज्य विद्युत उत्पादन निगम को 18 से 20 कोयला रैक प्रतिदिन मिलने लगी है, जो कोल इंडिया से हुए अनुबंधित के तहत ही है। पिछले 6 दिन में 132 रैक डिस्पेच हुई। लेकिन अब भी कोयला आपूर्ति में कमी का हवाला दे रहे हैं। स्टॉक में कमी जरूरी है। उधर, ऊर्जा विकास निगम ने 800 मेगावाट बिजली खरीद के लिए शॉर्ट टर्म टेंडर किया। पहली बार 10 रुपए प्रति यूनिट और दूसरी बार 11.15 रुपए प्रति यूनिट दर आई। इतनी महंगी दर पर बिजली नहीं खरीदी जा सकी।

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