अक्षय तृतीया 2022 पर बन रहा विशेष योग,पांच ग्रहों का संयोग रहेगा खरीदारी के लिए अति शुभ | Special yoga being made on Akshaya Tritiya 2022 | Patrika News h3>
– इस दिन तीन ग्रह उच्च और दो ग्रह स्वराशि में रहेंगे।
– अबूझ मुहूर्त में मंगल के रोहिणी नक्षत्र के शोभान योग में गूंजेगी शहनाइयां।
जबलपुर
Published: April 23, 2022 04:02:15 pm
जबलपुर। इस साल यानि 2022 में हिंदू कैलेंडर के वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को आने वाली अक्षय तृतीया अति विशेष मानी जा रही है। माना जा रहा है कि इस बार ऐसे योग का निर्माण हो रहा है कि यदि आपका कोई शुभ कार्य शुभ संयोग के इंतजार में अभी तक रुका हुआ था, तो इस बार अक्षय तृतीया पर आप उसे पूर्ण कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया 2022 पर शुभ मुहूर्त
दरअसल इस बार अक्षय तृतीया 3 मई को है। इस दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा जिसमें इस दिन विवाह समेत कोई भी शुभ कार्य बिना पंचाग देखें किया जा सकता है। इस बार अक्षय तृतीया पर ग्रहों का ऐसा संयोग बना है जो इस दिन को और शुभ और प्रभावशाली बना रहा है। इस अक्षय तृतीया पर 3 ग्रह उच्च के तथा दो ग्रह स्वराशि में रहेंगे। जो सुख, धन, वैभव, और समृद्धि के लिए काफी शुभ होंगे।
इस संबंध में पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि इस बार अक्षय तृतीया मंगलवार,3 मई के दिन रोहिणी नक्षत्र, शोभान योग, तैतिली करण तथा वृषभ राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। मंगलवार के दिन रोहिणी नक्षत्र होने से यहां मंगल रोहिणी योग का निर्माण होगा।
वहीं शोभानयोग की साक्षी इस दिन को शुभता प्रधान करेगी। इस बार अक्षय तृतीया पर प्रमुख ग्रह श्रेष्ठ स्थिति में रहेंगे। शुभ ग्रहों के संयोग में अक्षय तृतीया जैसी संपूर्ण तिथि पर हर प्रकार के शुभ मांगलिक कार्य करना श्रेष्ठ होगा।
जानकारों के अनुसार तिथि, योग, नक्षत्र, तथा ग्रहों की श्रेष्ठ स्थिति में दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन जल से परिपूर्ण कलश पर फल रख कर दान करने से भी अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
अक्षय तृतीया का महत्व : पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। मान्यता है कि इस दिन भागीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थी। शास्त्रों के अनुसार आज ही के दिन भगवान कृष्ण और सुदामा का मिलन हुआ था। अक्षय तृतीया के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने महाभारत लिखना शुरू किया था।
अक्षय तृतीया पर करें : यह शुभ काम
अक्षय तृतीया को शादी, गृह प्रवेश,कपड़े, जेवर की खरीदारी और घर, जमीन, गाड़ी की खरीदारी से जुड़े काम किए जा सकते हैं। इस दिन नया कपड़ा, जेवर पहनना और नई संस्था का काम करना शुभ होता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन तर्पण और पिंडदान किसी भी तरह का दान अक्षय फल देता है। इस दिन किया गया गंगा स्नान सभी पापों को नष्ट करता है। इसके साथ ही जप,तप,हवन पूजा, दान का फल कई गुना बढ़ जाता है।
अक्षय तृतीया पर होती है : मां लक्ष्मी की पूजा
इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा होती है। इस दिन नए व्यापार का प्रारंभ करना काफी फलदाई होता है। कहा जाता है। कि इस दिन किया गया निवेश कई गुना बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है। कि इस दिन अगर हम भौतिक संसाधन जुटाएं तो वे हमारे पास हमेशा के लिए बने रहते हैं। इसलिए खास दिन नया काम शुरू करने बर्तन, सोना,चांदी, जैसी कीमती वस्तुओं को खरीदने के लिए शुभ माना गया है। यह भी कहा जाता है। कि इस दिन खरीदा गया सोना पीढियों के साथ बढ़ता चला जाता है।
इन वस्तुओं का दान करें-
इस दिन को भूमि, तिल, सोना, घी, वस्त्र.गुड़, चांदी, नमक और शहद आदि वस्तुएं दान करने का महत्व होता है। अक्षय तृतीया के दिन जो भूखा हो उसे भोजन खिलाना चाहिए। सेवक को दिया गया दान इस दिन चौथाई फल देता है। वही कन्यादान इन सभी दानों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया। इसलिए इस दिन कन्या का विवाह किए जाते हैं। इस दिन स्वर्गीय आत्माओं की प्रसन्नता के लिए जल, कलश, पंखा, खड़ाऊ, छाता,सत्तू, ककड़ी, खरबूजा आदि फल, सकक््कर, मिठाई, घी आदि पदार्थ ब्राह्मण को दान करने चाहिए जिससे पितरों की कृपा प्राप्त हो सके।
तीन ग्रह उच्च के तथा दो ग्रह स्वराशि में रहेंगे-
वैशाख शुक्ल तृतीया पर पांच दशक बाद तीन ग्रह उच्च के और दो ग्रह स्वराशि में रहेंगे। सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में वहीं चंद्रमा भी अपनी उच्च राशि वृषभ में तथा शुक्र भी अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे। इसके साथ ही जिसमें शनि अपनी राशि कुंभ में तथा बृहस्पति स्वयं की राशि मीन में परिभ्रमण करेंगे। ग्रहों की स्थिति का प्रभाव दोषों के निवारण तथा बाधाओं,की निर्मिती के रूप में सामने आएंगे।
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– इस दिन तीन ग्रह उच्च और दो ग्रह स्वराशि में रहेंगे।
– अबूझ मुहूर्त में मंगल के रोहिणी नक्षत्र के शोभान योग में गूंजेगी शहनाइयां।
जबलपुर
Published: April 23, 2022 04:02:15 pm
जबलपुर। इस साल यानि 2022 में हिंदू कैलेंडर के वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को आने वाली अक्षय तृतीया अति विशेष मानी जा रही है। माना जा रहा है कि इस बार ऐसे योग का निर्माण हो रहा है कि यदि आपका कोई शुभ कार्य शुभ संयोग के इंतजार में अभी तक रुका हुआ था, तो इस बार अक्षय तृतीया पर आप उसे पूर्ण कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया 2022 पर शुभ मुहूर्त
दरअसल इस बार अक्षय तृतीया 3 मई को है। इस दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा जिसमें इस दिन विवाह समेत कोई भी शुभ कार्य बिना पंचाग देखें किया जा सकता है। इस बार अक्षय तृतीया पर ग्रहों का ऐसा संयोग बना है जो इस दिन को और शुभ और प्रभावशाली बना रहा है। इस अक्षय तृतीया पर 3 ग्रह उच्च के तथा दो ग्रह स्वराशि में रहेंगे। जो सुख, धन, वैभव, और समृद्धि के लिए काफी शुभ होंगे।
इस संबंध में पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि इस बार अक्षय तृतीया मंगलवार,3 मई के दिन रोहिणी नक्षत्र, शोभान योग, तैतिली करण तथा वृषभ राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। मंगलवार के दिन रोहिणी नक्षत्र होने से यहां मंगल रोहिणी योग का निर्माण होगा।
वहीं शोभानयोग की साक्षी इस दिन को शुभता प्रधान करेगी। इस बार अक्षय तृतीया पर प्रमुख ग्रह श्रेष्ठ स्थिति में रहेंगे। शुभ ग्रहों के संयोग में अक्षय तृतीया जैसी संपूर्ण तिथि पर हर प्रकार के शुभ मांगलिक कार्य करना श्रेष्ठ होगा।
जानकारों के अनुसार तिथि, योग, नक्षत्र, तथा ग्रहों की श्रेष्ठ स्थिति में दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन जल से परिपूर्ण कलश पर फल रख कर दान करने से भी अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
अक्षय तृतीया का महत्व : पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। मान्यता है कि इस दिन भागीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थी। शास्त्रों के अनुसार आज ही के दिन भगवान कृष्ण और सुदामा का मिलन हुआ था। अक्षय तृतीया के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने महाभारत लिखना शुरू किया था।
अक्षय तृतीया पर करें : यह शुभ काम
अक्षय तृतीया को शादी, गृह प्रवेश,कपड़े, जेवर की खरीदारी और घर, जमीन, गाड़ी की खरीदारी से जुड़े काम किए जा सकते हैं। इस दिन नया कपड़ा, जेवर पहनना और नई संस्था का काम करना शुभ होता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन तर्पण और पिंडदान किसी भी तरह का दान अक्षय फल देता है। इस दिन किया गया गंगा स्नान सभी पापों को नष्ट करता है। इसके साथ ही जप,तप,हवन पूजा, दान का फल कई गुना बढ़ जाता है।
अक्षय तृतीया पर होती है : मां लक्ष्मी की पूजा
इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा होती है। इस दिन नए व्यापार का प्रारंभ करना काफी फलदाई होता है। कहा जाता है। कि इस दिन किया गया निवेश कई गुना बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है। कि इस दिन अगर हम भौतिक संसाधन जुटाएं तो वे हमारे पास हमेशा के लिए बने रहते हैं। इसलिए खास दिन नया काम शुरू करने बर्तन, सोना,चांदी, जैसी कीमती वस्तुओं को खरीदने के लिए शुभ माना गया है। यह भी कहा जाता है। कि इस दिन खरीदा गया सोना पीढियों के साथ बढ़ता चला जाता है।
इन वस्तुओं का दान करें-
इस दिन को भूमि, तिल, सोना, घी, वस्त्र.गुड़, चांदी, नमक और शहद आदि वस्तुएं दान करने का महत्व होता है। अक्षय तृतीया के दिन जो भूखा हो उसे भोजन खिलाना चाहिए। सेवक को दिया गया दान इस दिन चौथाई फल देता है। वही कन्यादान इन सभी दानों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया। इसलिए इस दिन कन्या का विवाह किए जाते हैं। इस दिन स्वर्गीय आत्माओं की प्रसन्नता के लिए जल, कलश, पंखा, खड़ाऊ, छाता,सत्तू, ककड़ी, खरबूजा आदि फल, सकक््कर, मिठाई, घी आदि पदार्थ ब्राह्मण को दान करने चाहिए जिससे पितरों की कृपा प्राप्त हो सके।
तीन ग्रह उच्च के तथा दो ग्रह स्वराशि में रहेंगे-
वैशाख शुक्ल तृतीया पर पांच दशक बाद तीन ग्रह उच्च के और दो ग्रह स्वराशि में रहेंगे। सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में वहीं चंद्रमा भी अपनी उच्च राशि वृषभ में तथा शुक्र भी अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे। इसके साथ ही जिसमें शनि अपनी राशि कुंभ में तथा बृहस्पति स्वयं की राशि मीन में परिभ्रमण करेंगे। ग्रहों की स्थिति का प्रभाव दोषों के निवारण तथा बाधाओं,की निर्मिती के रूप में सामने आएंगे।
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