गणेश घाट पर जारी दुर्घटनाओं का दौर | Road accident zone | Patrika News h3>
सैकड़ों जानें चली गईं और अनगिनत घायल हो गए, लेकिन सुधार कार्य नहीं हुए
इंदौर
Updated: April 23, 2022 11:16:53 am
धार । गणेश घाट दुर्घटनाओं का पर्याय बन चुका है। यहां लगातार दुर्घटनाओं का क्रम जारी है। प्रति सप्ताह यहां दुर्घटनाएं होती हैं। जिसमें कई लोग घायल हो रहे हैं तो कई लोगों की जान जा रही है। वैकल्पिक सुधार कर के नाम पर जवाबदारों ने यहां पिछले कई वर्षों से लोहे की टंकियां लगा रखी हैं, लेकिन स्थाई समाधान नहीं हो पा रहा। स्थिति यह है कि हर तीसरे दिन वहां पर हादसे हो रहे हैं।
गणेश घाट पर जारी दुर्घटनाओं का दौर
बताया जाता है कि गणेश घाट पर सुधार के कोई ठोस कार्य अभी तक नहीं हुए। सुधार के नाम पर लीपापोती की गई। वहां पर मृतकों की संख्या सैकड़ों में चली गई तथा घायलों की संख्या अनगिनत। बताया जाता है कि शुरुआती दौर से ही लगातार दुर्घटना हो रही हैं। गौरतलब है कि विधायक पाचीलाल मेड़ा पूर्व में भी गणेशघाट पर दो दिवसीय आंदोलन कर चुके हैं। उस समय भी उन्होंने प्रशासन को हरकत में डाल दिया था। अब वह खुद विधायक हैं। सांसद छतरसिंह दरबार ने भी केंद्रीय परिवहन विभाग को अवगत कराया और तमाम जनप्रतिनिधियों ने पत्राचार से दुर्घटनाओं को रोकने की बात भी कही, लेकिन किसी की पहल मूर्त रूप नहीं ले पाई। स्थिति यह है कि आज भी दुर्घटनाएं लगातार हो रही हैं।
पूर्व वाहनों की रफ्तार रोकने के लिए गणेश घाट के ठीक ऊपर एक चौकी बनाई गई, लेकिन वहां पर नतीजा सिफर ही रहा। चौकी बनाने के शुरुआती दौर में बताया गया था कि कानवाई के माध्यम से वाहनों को क्रमबद्ध उतारा जाएगा, लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था सुचारू रूप से लागू नहीं की गई। जब से चौकी बनी है सिर्फ औपचारिकता ही सामने दिखाई देती है। तीन पुलिसकर्मियों के भरोसे सैकड़ों वाहनों को रोकना था अब वहां वैकल्पिक व्यवस्थाओं के नाम पर लोहे की कोठियां जमा दी गईं। जिससे वाहनों की गति रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन वह भी कारागार साबित नहीं हो पा रहे हैं।
धरातल पर कार्य नहीं
पूर्व में जनप्रतिनिधियों के विरोध के बाद करीब तीन वर्ष पूर्व एनएचआई के अधिकारियों ने बताया था कि जमीनी स्तर के कार्य शुरू हो जाएंगे। जिसमें प्रमुख रूप से हो चुकी दुर्घटनाओं के फ्लैक्स बनाकर घाट के ऊपर व आसपास लगाए जाएंगे ताकि वाहन चालक उन बोर्ड को देखकर अपने गति पर लगाम दें। साथ-साथ घाट के दूसरी ओर चौड़ीकरण का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। बीच के डिवाइडर को दो फीट उठाया जाएगा। यह सब हुआ लेकिन दुर्घटनाएं नहीं रुक पाईं।
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सैकड़ों जानें चली गईं और अनगिनत घायल हो गए, लेकिन सुधार कार्य नहीं हुए
इंदौर
Updated: April 23, 2022 11:16:53 am
धार । गणेश घाट दुर्घटनाओं का पर्याय बन चुका है। यहां लगातार दुर्घटनाओं का क्रम जारी है। प्रति सप्ताह यहां दुर्घटनाएं होती हैं। जिसमें कई लोग घायल हो रहे हैं तो कई लोगों की जान जा रही है। वैकल्पिक सुधार कर के नाम पर जवाबदारों ने यहां पिछले कई वर्षों से लोहे की टंकियां लगा रखी हैं, लेकिन स्थाई समाधान नहीं हो पा रहा। स्थिति यह है कि हर तीसरे दिन वहां पर हादसे हो रहे हैं।
गणेश घाट पर जारी दुर्घटनाओं का दौर
पूर्व वाहनों की रफ्तार रोकने के लिए गणेश घाट के ठीक ऊपर एक चौकी बनाई गई, लेकिन वहां पर नतीजा सिफर ही रहा। चौकी बनाने के शुरुआती दौर में बताया गया था कि कानवाई के माध्यम से वाहनों को क्रमबद्ध उतारा जाएगा, लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था सुचारू रूप से लागू नहीं की गई। जब से चौकी बनी है सिर्फ औपचारिकता ही सामने दिखाई देती है। तीन पुलिसकर्मियों के भरोसे सैकड़ों वाहनों को रोकना था अब वहां वैकल्पिक व्यवस्थाओं के नाम पर लोहे की कोठियां जमा दी गईं। जिससे वाहनों की गति रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन वह भी कारागार साबित नहीं हो पा रहे हैं।
धरातल पर कार्य नहीं
पूर्व में जनप्रतिनिधियों के विरोध के बाद करीब तीन वर्ष पूर्व एनएचआई के अधिकारियों ने बताया था कि जमीनी स्तर के कार्य शुरू हो जाएंगे। जिसमें प्रमुख रूप से हो चुकी दुर्घटनाओं के फ्लैक्स बनाकर घाट के ऊपर व आसपास लगाए जाएंगे ताकि वाहन चालक उन बोर्ड को देखकर अपने गति पर लगाम दें। साथ-साथ घाट के दूसरी ओर चौड़ीकरण का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। बीच के डिवाइडर को दो फीट उठाया जाएगा। यह सब हुआ लेकिन दुर्घटनाएं नहीं रुक पाईं।
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