BHU छात्र शिव त्रिवेदी की मौत का मामला: पुलिस प्रशासन की लापरवाही साफ दिख रही, परिवार को न्याय मिलना चाह‍िए, प्र‍ियंका गांधी ने उठाया मुद्दा

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BHU छात्र शिव त्रिवेदी की मौत का मामला: पुलिस प्रशासन की लापरवाही साफ दिख रही, परिवार को न्याय मिलना चाह‍िए, प्र‍ियंका गांधी ने उठाया मुद्दा

BHU छात्र शिव त्रिवेदी की मौत का मामला: पुलिस प्रशासन की लापरवाही साफ दिख रही, परिवार को न्याय मिलना चाह‍िए, प्र‍ियंका गांधी ने उठाया मुद्दा

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्‍वविद्यलाय (BHU) के छात्र रहे श‍िव कुमार त्रिवेदी (Shiv kumra Trivedi) के लिए कांग्रेस महासचिव प्र‍ियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने इंसाफ की मांग की है। उन्‍होंने अपने ट्वीट में लिखा क‍ि बीएयचू के छात्र शिव त्रिवेदी के परिवार की दर्दनाक आप बीती सुनकर मन को भारी दुख पहुंचा। पन्ना, मध्यप्रदेश से बीएचयू पढ़ने आए इस मेधावी छात्र के परिवार को 2 साल बाद पता चला कि शिव की मृत्यु हो गई। इस पूरी घटना में पुलिस प्रशासन की लापरवाही व असंवेदनशीलता साफ झलकती है और उच्चस्तरीय जांच से ही सही जानकारी व न्याय सुनिश्चित हो पाएगा।

शिव त्रिवेदी के परिवार को न्याय जरूर मिलना चाहिए। श‍िव बीएचयू में बीएससी सेकंड ईयर के छात्र थे। 13-14 फरवरी की रात वाराणसी (Varanasi) की लंका थाने की पुलिस एक श‍िकायत के बाद उन्‍हें उठा ले जाती है। श‍िव तब से लापता हैं। हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई में पुलिस ने 21 अप्रैल को बताया श‍िव की एक तालाब में डूबने से मौत हो चुकी है। सीबीसीआईडी मामले की जांच कर रही है।

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डीएनए टेस्‍ट से हुई पुष्‍ट‍ि
श‍िव को आख‍िरी बार लंका थाने में 13-14 फरवरी की रात में देखा गया था। उनकी पिता की श‍िकायत के बाद इसी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की जाती है। बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकील सौरभ तिवारी मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाख‍िल करते हैं। बाद में मामला सीबीआईडी को सौंप दिया जाता है। लगभग दो साल पुलिस बताती है क‍ि श‍िव के गुम होने के एक, दो दिन बाद ही रामनगर के एक तालाब में एक श‍व मिला था। उसकी ब‍िसरा रिपोर्ट से डीएनए टेस्‍ट हुआ जो श‍िव के पिता प्रदीप कुमार त्रिवेदी से मैच हुआ। 21 अप्रैल को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट के सामने डीएनए रिपोर्ट पेश की और बताया क‍ि श‍िव की मौत हो चुकी है।

जांच के घेरे में पुलिस
इस पूरे मामले में पुलिस का रवैया शुरू से संदेहास्‍पद रहा है। पहले तो पुलिस कहती रही क‍ि हम श‍िव को थाने लाये ही नहीं थे। बाद स्‍वीकार किया क‍ि वह आया तो था। लेकिन हमने उसे छोड़ दिया। कोर्ट की फटकार के बाद कहा माना क‍ि वह पुलिस की कस्‍टडी से ही गायब हुआ। लंका थाने में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। लेकिन पुलिस कहती रही क‍ि उस दिन वह काम नहीं कर रहा था। बाद में वकील सौरभ त‍िवारी ने जब सूचना के अध‍िकार के तहत जानकारी मांगी तो पता चला क‍ि सभी कैमरे चल रहे थे।

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