लोकल फॉर वोकल से शुरू किया स्टार्टअप, पहली साल में ही 2 करोड़ का व्यापार, जानिए सफलता की कहानी | Know About Devashish Ohlocal Startup Success Story | Patrika News

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लोकल फॉर वोकल से शुरू किया स्टार्टअप, पहली साल में ही 2 करोड़ का व्यापार, जानिए सफलता की कहानी | Know About Devashish Ohlocal Startup Success Story | Patrika News

लोकल फॉर वोकल से शुरू किया स्टार्टअप, पहली साल में ही 2 करोड़ का व्यापार, जानिए सफलता की कहानी | Know About Devashish Ohlocal Startup Success Story | Patrika News

Startup in UP: डिजिटल और तकनीकी जमाने के अनुसार युवाओं की एक टीम ने लोकल फॉर वोकल का सही इस्तेमाल किया है। इसके तहत प्रदेश चार बड़े शहरों के स्थानीय विक्रेताओं को जोड़कर करीब 2 करोड़ के टर्नओवर का व्यापार स्थापित कर दिया।

लखनऊ

Updated: April 21, 2022 04:58:09 pm

पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन मार्केटिंग की डिमांड बढ़ी है। ऑनलाइन मार्केट अब धीरे धीरे गांवों से भी जुड़ने लगा है। कई मायनों में इसके फायदे भी हैं, लेकिन दूसरी तरफ इससे स्थानीय दुकानदारों को नुकसान भी हो रहा है। लेकिन दोनों को बढ़ावा देने के प्रदेश में एक युवा ने नया स्टार्टअप शुरू किया है। इससे न केवल आम लोगों की बचत होगी बल्कि स्थानीय विक्रेताओं को भी बढ़ावा मिलेगा।

Know About Devashish Ohlocal Startup Success Story

दसअलर, भारत सरकार के ‘वोकल फार लोकल’ अभियान का देश के युवाओं पर कितना गहरा असर हुआ है, इसका एक उदाहरण मेरठ के देवाशीष गोयल हैं। इन्होंने ‘नये भारत की नई दुकान’ मोटो के साथ उद्यमिता में कदम रखा और शुरुआत हुई ‘ओहलोकल’ (ohlocal) की। यह अपनी तरह का देश का पहला आनलाइन टु आफलाइन लोकल मार्केटप्लेस है जो स्थानीय दुकानदारों को ग्राहकों से जोड़ता है। देवाशीष के अनुसार तो वे स्थानीय विक्रेताओं एवं खरीददारों के बीच की खाई को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे आम लोगों को भी कीमतों में 20 से 30 फीसदी तक फायदा होता है। एक साल में मात्र तीन से चार शहरों से दो करोड़ का व्यापार खड़ा कर दिया।

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स्थानीय विक्रेताओं को ऐसे मिला मौका देवाशीष ने बताया कि इस उनके प्लेटफार्म से चार शहर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और गुरुग्राम के 200 से ज्यादा सेलर्स जुड़े हैं, जो इलेक्ट्रानिक्स, होम अप्लायंसेज, मोबाइल फोन, लैपटाप, फर्नीचर, बर्तन एवं अन्य उत्पादों में डील करते हैं। बता दें ई-कॉमर्स प्लेटफार्म कहीं अधिक फीस चार्ज करते हैं। जबकि ओह लोकल में कीमतें कई 4-5 हजार रुपए कम रहती है।

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लखनऊ और कानपुर में भी होगी शुरू ओह लोकल के फाउंडर देवाशीष बतातें हैं कि लखनऊ और कानपुर के भी विक्रेताओं को भी ओह लोकल से जोड़ा जा रहा है। लखनऊ में ऑफिस तैयार हो रहा है। अभी टीम के सदस्य स्थानीय विक्रेताओं से संपर्क कर रहे हैं। करीब 80-90 विक्रेताओं को जोड़ा जाएगा।

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