शिवराज बोले- वन प्रबंधन मंत्री-विधायक की सलाह से हो, अफ्रीकी चीतों के तेज हो काम | shvraj singh | Patrika News h3>
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– वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक: बाघों के संरक्षण पर चिंता, बाघ क्षेत्रों को संरक्षित करने उठेंगे कदम
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भोपाल
Published: April 20, 2022 10:32:23 pm
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में जंगलों के प्रबंधन में मंत्री-विधायक सहित अन्य जन प्रतिनिधियों से सलाह लेकर काम करने की हिदायत दी है। साथ ही बाघ संरक्षण के लिए हर स्तर पर कदम उठाने के लिए कहा। शिवराज ने कहा कि कूनों में अफ्रीकी चीतों के पुनस्र्थापना के काम को भी तेजी से किया जाए। सोन अभ्यारण्य में भी रेत खनन जलीय जंतुओं व पर्यावरण को नुकसान पहुचाएं बिना हो।
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शिवराज ने यह बात बुधवार को राज्य मंत्रालय में राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की 22वीं बैठक में कही। यहां शिवराज ने कहा कि वन प्रबंधन से संबंधित विषयों में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से अभिमत जरुर लें। स्थानीय जनता की आवश्यकताओं, जन-प्रतिनिधियों के अभिमत तथा वैधानिक प्रावधानों में सामंजस्य स्थापित करते हुए योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। सीएम ने सागर में आरक्षित वनों को अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने व रातापानी अभयारण्य को रातापानी टाइगर रिजर्व घोषित करने के संबंध में क्षेत्र के जन-प्रतिनिधियों से चर्चा करने के निर्देश दिए। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीकी चीतों की पुनर्स्थापना को शीघ्र पूर्ण करने के भी निर्देश दिए।
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बाघों के सुरक्षा पर चिंता-
शिवराज ने बाघों की सुरक्षा के लिए अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि विभिन्न अभयारण्यों में बाघों की संवहनीयता का अध्ययन कर, आवश्यकता होने पर बाघों को अन्य अभयारण्यों में शिफ्ट करने संबंधी कार्यवाही की जाए। मानव बसावट क्षेत्रों में बाघों के विचरण को नियंत्रित करना आवश्यक है। बैठक में भोपाल के आसपास बायोडायवर्सिटी को बचाने, हरियाली और तालाब आदि की रक्षा के लिए मास्टर प्लान में विशेष प्रावधान करने और भोपाल से लगे बाघ मूवमेंट वाले क्षेत्र में निर्माण कार्यों को प्रतिबंधित करने संबंधी सुझाव भी प्राप्त हुए।
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हाथी उत्पात व सोन अभ्यारण्य-
शिवराज ने पूर्वी मध्यप्रदेश में जंगली हाथियों के उत्पाद के चलते नियंत्रण के लिए व्यवहारिक रणनीति बनाने के निर्देश दिए। साथ ही सोन घडिय़ाल अभयारण्य में पर्यावरण और घडय़िाल की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए कहा। शिवराज ने कहा कि पर्यावरण व घडिय़ाल को नुकसान पहुंचाए बिना, स्थानीय लोगों की आजीविका के लिए स्थानीय निवासियों को रेत आपूर्ति की व्यवस्था में सम्मिलित किया जाए। शिवराज ने जंगल में आग लगने पर आग को त्वरित रूप से नियंत्रित करने के लिए तकनीक का उपयोग करने के निर्देश दिए। बैठक में राजस्व की बंजर पड़ी भूमियों पर सागोन लगाने में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के संबंध में सुझाव भी दिया गया। बैठक में विभिन्न टाइगर रिजर्व को लेकर भी चर्चा हुई।
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– वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक: बाघों के संरक्षण पर चिंता, बाघ क्षेत्रों को संरक्षित करने उठेंगे कदम
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भोपाल
Published: April 20, 2022 10:32:23 pm
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में जंगलों के प्रबंधन में मंत्री-विधायक सहित अन्य जन प्रतिनिधियों से सलाह लेकर काम करने की हिदायत दी है। साथ ही बाघ संरक्षण के लिए हर स्तर पर कदम उठाने के लिए कहा। शिवराज ने कहा कि कूनों में अफ्रीकी चीतों के पुनस्र्थापना के काम को भी तेजी से किया जाए। सोन अभ्यारण्य में भी रेत खनन जलीय जंतुओं व पर्यावरण को नुकसान पहुचाएं बिना हो।
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शिवराज ने यह बात बुधवार को राज्य मंत्रालय में राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की 22वीं बैठक में कही। यहां शिवराज ने कहा कि वन प्रबंधन से संबंधित विषयों में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से अभिमत जरुर लें। स्थानीय जनता की आवश्यकताओं, जन-प्रतिनिधियों के अभिमत तथा वैधानिक प्रावधानों में सामंजस्य स्थापित करते हुए योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। सीएम ने सागर में आरक्षित वनों को अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने व रातापानी अभयारण्य को रातापानी टाइगर रिजर्व घोषित करने के संबंध में क्षेत्र के जन-प्रतिनिधियों से चर्चा करने के निर्देश दिए। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीकी चीतों की पुनर्स्थापना को शीघ्र पूर्ण करने के भी निर्देश दिए।
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बाघों के सुरक्षा पर चिंता-
शिवराज ने बाघों की सुरक्षा के लिए अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि विभिन्न अभयारण्यों में बाघों की संवहनीयता का अध्ययन कर, आवश्यकता होने पर बाघों को अन्य अभयारण्यों में शिफ्ट करने संबंधी कार्यवाही की जाए। मानव बसावट क्षेत्रों में बाघों के विचरण को नियंत्रित करना आवश्यक है। बैठक में भोपाल के आसपास बायोडायवर्सिटी को बचाने, हरियाली और तालाब आदि की रक्षा के लिए मास्टर प्लान में विशेष प्रावधान करने और भोपाल से लगे बाघ मूवमेंट वाले क्षेत्र में निर्माण कार्यों को प्रतिबंधित करने संबंधी सुझाव भी प्राप्त हुए।
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हाथी उत्पात व सोन अभ्यारण्य-
शिवराज ने पूर्वी मध्यप्रदेश में जंगली हाथियों के उत्पाद के चलते नियंत्रण के लिए व्यवहारिक रणनीति बनाने के निर्देश दिए। साथ ही सोन घडिय़ाल अभयारण्य में पर्यावरण और घडय़िाल की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए कहा। शिवराज ने कहा कि पर्यावरण व घडिय़ाल को नुकसान पहुंचाए बिना, स्थानीय लोगों की आजीविका के लिए स्थानीय निवासियों को रेत आपूर्ति की व्यवस्था में सम्मिलित किया जाए। शिवराज ने जंगल में आग लगने पर आग को त्वरित रूप से नियंत्रित करने के लिए तकनीक का उपयोग करने के निर्देश दिए। बैठक में राजस्व की बंजर पड़ी भूमियों पर सागोन लगाने में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के संबंध में सुझाव भी दिया गया। बैठक में विभिन्न टाइगर रिजर्व को लेकर भी चर्चा हुई।
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