पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक’ केंचुली’ का मंचन 24 को | story of Padmashree Vijaydan Detha#The play Kenchuli# | Patrika News

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पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक’ केंचुली’ का मंचन 24 को | story of Padmashree Vijaydan Detha#The play Kenchuli# | Patrika News

पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक’ केंचुली’ का मंचन 24 को | story of Padmashree Vijaydan Detha#The play Kenchuli# | Patrika News

। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जवाहर कला केंद्र में 23 अपे्रल को पाक्षिक नाट्य योजना के तहत नाटक केंचुली का मंचन किया जाएगा। यह नाटक पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित है। इसके नाट्यकार सुमन कुमार और निर्देशक नीलेश कुमार दीपक हैं।

जयपुर

Published: April 20, 2022 03:07:37 pm

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत
. पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक ‘केंचुली’ का मंचन 24 को
लोक संगीत की जाजम के तहत ‘हरिजस -. लोक भजन’ की होगी प्रस्तुति
जयपुर। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जवाहर कला केंद्र में 23 अपे्रल को पाक्षिक नाट्य योजना के तहत नाटक’केंचुली’ का मंचन किया जाएगा। यह नाटक पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित है। इसके नाट्यकार सुमन कुमार और निर्देशक नीलेश कुमार दीपक हैं। आयोजन जेकेके के रंगायन में शाम 7 बजे किया जाएगा और इसमें दर्शकों के लिए प्रवेश शुल्क 50 रुपए है। नाटक में कलाकार परिभाषा मिश्रा, दीलिप गुप्ता, राहुल, गणेश गौरव, पूजा, गौरव कुमार, वैभवि, आदिल और विराट प्रस्तुति देंगे। इसके साथ ही संगीत/गायन/ तबले पर लखन लाल अहिरवाल, हारमोनियम पर सतीश कुमार, सारंगी पर अनिल मिश्रा और गायन . राजीव रंजन व दीपक ठाकुर संगत करेंगे।
हरिजस -लोक भजन का भी होगा आयोजन
जवाहर कला केंद्र और जाजम फाउंडेशन द्वारा 24 अप्रेल को लोक संगीत की जाजम के तहत हरिजस-लोक भजन प्रस्तुति होगी। कार्यक्रम में पद्मश्री अनवर खान मांगणियार अपनी प्रस्तुति देंगे। आयेजन जेकेके के लॉन में सुबह 7 बजे होगा। कार्यक्रम में प्रवेश निशुल्क रहेगा और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा।

पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक केंचुली का मंचन 24 को

अनुसंधान प्रविधि पर कार्यशाला कल से
संस्कृत विश्वविद्यालय के अनुसंधान केंद्र की ओर से आयोजन जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में अनुसंधान प्रविधि पर कार्यशाला का आयोजन 21 अप्रेल को करेगा। अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. माताप्रसाद शर्मा ने बताया कि संस्कृत ग्रंथों पर शोध करते समय विशेष निर्देशों की जरूरत होती है। विश्वविद्यालय में शोध कर रहे शोधार्थियों के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से अनेक शोधार्थी और शिक्षक कार्यशाला में भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि कुलपति डॉ.अनुला मौर्य की अध्यक्षता में होने वाली कार्यशाला का उद्घाटन महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय हरियाणा के कुलपति प्रो.रमेश भारद्वाज करेंगे। आर्मीनिया के नायरा मकर्चयन मुख्य वक्ता होंगे।

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