Bharatpur News: 100 दलित परिवारों का गांव से ‘पलायन’? जिला कलेक्टर ने बताई हकीकत

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Bharatpur News: 100 दलित परिवारों का गांव से ‘पलायन’? जिला कलेक्टर ने बताई हकीकत

Bharatpur News: 100 दलित परिवारों का गांव से ‘पलायन’? जिला कलेक्टर ने बताई हकीकत

भरतपुर: राजस्थान के भरतपुर (Bharatpur) से बड़ी संख्या में दलित परिवारों (Dalit Samaj) के पलायन वाले वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (Viral Video) हो रहे हैं। एक दिन पहले मंगलवार को दलित समुदाय के करीब 100 परिवारों के गांव छोड़ने की खबरें सोशल मीडिया पर छाई रही। लेकिन इन तमाम वायरल खबरों को लेकर जिला कलेक्टर आलोक रंजन (District Collector Alok ranjan) हकीकत कुछ और ही बयां करते हैं। उन्होंने पलायन का पूरी तरह से खंडन किया है। साथ यह भी कहा है कि समाज में नफरत फैलाने वाले और सोशल मीडिया पर गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों की पहचान भी की जा रही है, जो दलितों के प्रदर्शन को पलायन का नाम देकर समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते थे।

ये है दलितों के पलायन की हकीकत

भरतपुर के कुम्हेर थाना इलाके के गांव सह का मामला है। यहां अंबेडकर जंयती पर 14 अप्रैल को दलित समुदाय की और रैली निकाली गई थी। इसी दौरान गुर्जर समाज के एक परिवार के सदस्यों से रैली के दौरान कहासुनी हो गई। बात हाथापाई तक पहुंची और फिर मामला बिगड़ता चला गया। दोनों पक्षों की लोगों के चोटें आई और संपत्ति को भी नुकसान हुआ। इसी मामले में दोनों पक्षों की ओर से पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई गई। लेकिन दलित परिवारों की नाराजगी तब और बढ़ गई जब गुर्जर परिवार की ओर से दर्ज बिना अनुमति रैली निकाले जाने की शिकायत की गई। इसी का विरोध करने और गुर्जर परिवार की शिकायत को वापस लेने की मांग पर दलित समुदाय एकजुट हुआ। स्थानीय नेताओं की अगुवाई में भरतपुर कलेक्टर को ज्ञापन देने और प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी अपने साथ खाली गैस सिलेंडर और अन्य सामान भी लेकर पहुंचे। इसी दौरान कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट तक के पैदल कूच को पलायन का नाम दे दिया गया।

गुर्जर परिवारों का आरोप, शराब के नशे में की लूटपाट
14 अप्रैल को गांव के दलित समुदाय ने अंबेडकर जयंती पर रैली निकाली। तभी दलितों का आरोप है की गांव के लखन गुर्जर के परिजनों ने दलितों पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया । जयंती के अलावा अंबेडकर जयंती मनाने के लिए जो पांडाल लगा हुआ था उसमें भी आग लगा दी गई। जबकि गुर्जर पक्ष ने दलितों पर आरोप लगाया कि बिना प्रशासन की अनुमति के रैली निकाली गई। रैली में शामिल दलितों ने शराब का नशा कर रखा था और उन्होंने गुर्जर समुदाय के घर पर पथराव कर दिया जिसमे कई महिलाएं घायल हुईं। नशे में लूटपाट भी की गई।
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क्या है पुलिस का कहना
पुलिस ने कहा कि 14 अप्रैल को रैली निकालते समय दो समुदाय के लोगों में झगड़ा हो गया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और करवाई की जा रही है। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। एडिशनल एसपी चंदप्रकाश शर्मा बताते हैं कि दलित समुदाय का कहना है कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों की जा रही है? लेकिन शिकायत दर्ज कराना सभी का अधिकार है बाकी निष्पक्ष जांच करना पुलिस का काम है।

गांव में अंबेडकर पार्क, अंबेडकर की मूर्ति लगी, पलायन जैसी नौबत नहीं

दलितों की ओर से अपनी शिकायत में मुख्य आरोपी बनाए गए लखन सिंह गुर्जर के परिजनों का कहना है कि जब लखन सिंह गुर्जर पंचायत का सरपंच रहा था तब उन्होंने दलितों के विकास के लिए खूब काम किए थे । गांव में अंबेडकर पार्क बनवाया था, अंबेडकर की मूर्ति लगाई थी। जबकि अब इसी लखन सिंह के खिलाफ कुछ लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इस आपसी झगड़े को दलित बनाम दबंग नाम दिया जा रहा है। जबकि यहां दलितों के पलायन जैसी कोई बात नहीं है।

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