विवाह योजना में 30 करोड़ का घोटाला, 3500 मामलों के तो दस्तावेज ही गायब | 30 crores scam in marriage scheme only documents missing 3500 cases | Patrika News h3>
गठजोड़ से गड़बड़ी : सिरोंज जपं में योजना के नाम पर 30 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी का मामला, जल्द पेश होगी चार्जशीट।
भोपाल
Updated: April 20, 2022 01:59:37 pm
भोपाल. मध्य प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कर्मचार मंडल में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों की शादी के नाम पर विदिशा जिले की सिरोंज जनपद पंचायत में हुए तीस करोड़ से ज्यादा के घोटाले की जांच में कई खुलासे हुए हैं। जांच एजेंसी आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) द्वारा तैयार चार्जशीट के मुताबिक, 2019 से 2021 के बीच विवाह योजना के तहत 6000 से ज्यादा प्रकरण मंजूर किए गए। इनमें से 2500 के ही दस्तावेज मिले हैं। 3500 से ज्यादा प्रकरणों के दस्तावेज गायब कर दिए गए। इसके चलते 15 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की पृष्टि हुई है।
विवाह योजना में 30 करोड़ का घोटाला, 3500 मामलों के तो दस्तावेज ही गायब
इस मामले में भी ईओडब्ल्यू केस दर्ज करेगी। सिरोंज जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ शोभित त्रिपाठी और इनके द्वारा रखे गए निजी कम्प्यूटर ऑपरेटर योगेंद्र शर्मा और जितेंद्र साहू को चार फरवरी को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था। फिलहाल, तीनों जेल में हैं। ईओडब्ल्यू जल्द ही अदालत में चार्जशीट पेश करेगी। इससे पहले मामले का खुलासा होने पर तीन जनवरी को सीएम के निर्देश पर शोभित त्रिपाठी को निलंबित किया था। सिरोंज के भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने विधानसभा में मामला उठाया था।
श्रमिकों के बच्चों की शादी के लिए शासन से मिलने वाली 51 हजार रुपए की राशि हड़पने के लिए बुजुर्ग समेत अन्य लोगों की फर्जी समग्र आइडी बनाई गई। बता दें, समग्र आइडी जनपद से ही बनाई गईं। इसमें बुजुर्गों की उम्र कम बताई गई। इसमें लगाए गए बैंक खातों में रुपए भेजने की बजाय अन्य खातों में राशि भेजी गई।
यह भी पढ़ें- गर्भपात मामले में हाईकोर्ट सख्त : बोला- ‘अभिशाप हैं लिव इन संबंध, बढ़ रहे यौन अपराध’
परत-दर-परत खुलासा
70 साल से ज्यादा उम्र के कई बुजुर्गों के नाम से फर्जी श्रमिक कार्ड बनवाए गए। इनसे आधार कार्ड, बैंक पास बुक समेत अन्य दस्तावेज लिए गए। कई व्यापारियों, किसानों समेत अन्य के फर्जी श्रमिक कार्ड बनाकर विवाह प्रकरण स्वीकृत किए। 27-30 साल के युवाओं के तीन से चार साल के बच्चों की शादी के फर्जी केस बनाए। राशि निकाली। अन्य जनपद पंचायतों की तुलना में 13 गुना ज्यादा विवाह प्रकरण स्वीकृत कर फर्जीवाड़ा किया। जिनसे दस्तावेज लिए, उन्हें विवाह योजना की राशि में से 5 हजार रुपए दिए। शेष राशि में से बड़ा हिस्सा शोभित त्रिपाठी को मिला। ऑपरेटर्स को भी पांच से दस हजार रुपए प्रति प्रकरण दिए। कई पीड़ितों को पता ही नहीं था कि, उनके नाम से शासन की योजना के तहत रुपए निकाले गए हैं।
ये भी बनेंगे आरोपी
फर्जीवाड़े में जिन लोगों के खातों में गलत तरीके से राशि भेजी गई, उन्हें भी आरोपी बनाए जाने की तैयारी है। यहां बता दें कि कई ऐसे बैंक खाते मिले हैं, जिनमें दस से 15 या इससे अधिक प्रकरणों की राशि भेजी गई थी। इस पूरे फर्जीवाड़े में 3500 से अधिक प्रकरणों के दस्तावेज नहीं मिलने से जांच लंबी चलने और आरोपियों की संख्या बढ़ने की बात कही जा रही है।
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भोपाल
Updated: April 20, 2022 01:59:37 pm
भोपाल. मध्य प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कर्मचार मंडल में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों की शादी के नाम पर विदिशा जिले की सिरोंज जनपद पंचायत में हुए तीस करोड़ से ज्यादा के घोटाले की जांच में कई खुलासे हुए हैं। जांच एजेंसी आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) द्वारा तैयार चार्जशीट के मुताबिक, 2019 से 2021 के बीच विवाह योजना के तहत 6000 से ज्यादा प्रकरण मंजूर किए गए। इनमें से 2500 के ही दस्तावेज मिले हैं। 3500 से ज्यादा प्रकरणों के दस्तावेज गायब कर दिए गए। इसके चलते 15 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की पृष्टि हुई है।
विवाह योजना में 30 करोड़ का घोटाला, 3500 मामलों के तो दस्तावेज ही गायब
इस मामले में भी ईओडब्ल्यू केस दर्ज करेगी। सिरोंज जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ शोभित त्रिपाठी और इनके द्वारा रखे गए निजी कम्प्यूटर ऑपरेटर योगेंद्र शर्मा और जितेंद्र साहू को चार फरवरी को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था। फिलहाल, तीनों जेल में हैं। ईओडब्ल्यू जल्द ही अदालत में चार्जशीट पेश करेगी। इससे पहले मामले का खुलासा होने पर तीन जनवरी को सीएम के निर्देश पर शोभित त्रिपाठी को निलंबित किया था। सिरोंज के भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने विधानसभा में मामला उठाया था।
श्रमिकों के बच्चों की शादी के लिए शासन से मिलने वाली 51 हजार रुपए की राशि हड़पने के लिए बुजुर्ग समेत अन्य लोगों की फर्जी समग्र आइडी बनाई गई। बता दें, समग्र आइडी जनपद से ही बनाई गईं। इसमें बुजुर्गों की उम्र कम बताई गई। इसमें लगाए गए बैंक खातों में रुपए भेजने की बजाय अन्य खातों में राशि भेजी गई।
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परत-दर-परत खुलासा
70 साल से ज्यादा उम्र के कई बुजुर्गों के नाम से फर्जी श्रमिक कार्ड बनवाए गए। इनसे आधार कार्ड, बैंक पास बुक समेत अन्य दस्तावेज लिए गए। कई व्यापारियों, किसानों समेत अन्य के फर्जी श्रमिक कार्ड बनाकर विवाह प्रकरण स्वीकृत किए। 27-30 साल के युवाओं के तीन से चार साल के बच्चों की शादी के फर्जी केस बनाए। राशि निकाली। अन्य जनपद पंचायतों की तुलना में 13 गुना ज्यादा विवाह प्रकरण स्वीकृत कर फर्जीवाड़ा किया। जिनसे दस्तावेज लिए, उन्हें विवाह योजना की राशि में से 5 हजार रुपए दिए। शेष राशि में से बड़ा हिस्सा शोभित त्रिपाठी को मिला। ऑपरेटर्स को भी पांच से दस हजार रुपए प्रति प्रकरण दिए। कई पीड़ितों को पता ही नहीं था कि, उनके नाम से शासन की योजना के तहत रुपए निकाले गए हैं।
ये भी बनेंगे आरोपी
फर्जीवाड़े में जिन लोगों के खातों में गलत तरीके से राशि भेजी गई, उन्हें भी आरोपी बनाए जाने की तैयारी है। यहां बता दें कि कई ऐसे बैंक खाते मिले हैं, जिनमें दस से 15 या इससे अधिक प्रकरणों की राशि भेजी गई थी। इस पूरे फर्जीवाड़े में 3500 से अधिक प्रकरणों के दस्तावेज नहीं मिलने से जांच लंबी चलने और आरोपियों की संख्या बढ़ने की बात कही जा रही है।
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