Dalmia Group: कोर्ट ने डालमिया ग्रुप की लैंडमार्क प्रॉपर्टी डेवलपमेंट कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का स्टेट केस चलाने का आदेश दिया h3>
मेरठ: एडिशनल सिविल जज सीनियर डिवीजन ने डालमिया ग्रुप (Dalmia Group) की लैंडमार्क प्रॉपर्टी डेवलपमेंट कंपनी के डायरेक्टर्स के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे को स्टेट केस की भांति दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Ansal Properties & Infrastructure Limited) के एमएन राय द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान दिया गया। डालमिया ग्रुप की कंपनी पर शेयर ट्रांसफर के नाम पर धोखाधड़ी कर 53.14 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है, जिसकी एफआईआर 16 फरवरी 2019 में थाना टीपी नगर मेरठ में दर्ज कराई गई थी, जिसमें पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी, जिस पर अंसल ग्रुप ने कोर्ट में अपील दायर की और कोर्ट ने पुलिस द्वारा लगाई गई फाइनल रिपोर्ट को कैंसिल कर सीधे लैंडमार्क प्रॉपर्टी डेवलपमेंट कंपनी मुलजिम की तरह पेश होने के आदेश दिए ।
21 दिसम्बर 2012 को दोनों पक्षों में समझौता हुआ
मेरठ कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई के दौरान थाना टीपी नगर द्वारा मामले में दाखिल फाइनल रिपोर्ट को भी डिसमिस करने को योग्य बताया। अदालत को दाखिल केस में बताया गया है कि अंसल प्रॉपर्टीज एण्ड इन्फाट्रक्चर लिमिटेड और आरोपी अभियुक्तगण लैण्डमार्क टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड के बीच 13 सितंबर 2004 को एक ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेंट हुआ था, जिसके तहत दोनों कंपनियां मेरठ करनाल और गाजियाबाद की 246 एकड़ भूमि पर कॉलोनी विकसित करना था। इसी बीच 21 दिसम्बर 2012 को दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से यह निर्णय लिया कि लैण्डमार्क ग्रुप अंसल प्रॉपर्टीज एण्ड इन्फाट्रक्चर लिमिटेड समूह से बाहर निकल जाएगा और अपने 50 प्रतिशत शेयर अंसल समूह को ट्रांसफर कर देगा।
शेष 46 फीसदी शेयर बैंक के पास गिरवी के तौर पर बंधक पड़े थे
आरोप है कि लैण्डमार्क प्रॉपर्टी डेवलपमेंट एण्ड कम्पनी ले डायरेक्टर आदि पदों पर तैनात पदधिकादियों ने केवल 4 फीसदी शेयर ट्रांसफर किए। अंसल प्रॉपर्टीज द्वारा जांच करने पर पता चला कि शेष 46 फीसदी शेयर बैंक के पास गिरवी के तौर पर बंधक पड़े थे और उनको ट्रांसफर नहीं किया जा सकता था। फिर भी कपटपूर्ण तरीके से शेयर परचेज एग्रीमेन्ट के दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार किए गए और 53.14 करोड़ रुपये हड़प लिए गए। इसी मामले की सुनवाई करते हुए एडिशनल सिविल जज सीनियर डिवीज़न ने राकेश अग्रवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर गौरव डालमिया, मृदु डालमिया, पदमा डालमिया, आभा डालमिया और रघुहरि डालमिया के विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 190(1)ख के अन्तर्गत आईपीसी की धारा 420,406, 120बी के तहत मुकदमा चलाने का आदेश देते हुए इस स्टेट केस की भांति दर्ज करने का आदेश पारित किया।
जब एसपी सिटी विनीत भटनागर से बात हुई तो उन्होंने कहा कि अभी हाल में कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ और न ही कोई आदेश आया है। वहीं, अब स्टेट केस की तरह लैंडमार्क प्रॉपर्टी डेवलपमेंट कंपनी के खिलाफ 420, 406,120बी के तहत मुकदमा चलाया जाएगा ।
21 दिसम्बर 2012 को दोनों पक्षों में समझौता हुआ
मेरठ कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई के दौरान थाना टीपी नगर द्वारा मामले में दाखिल फाइनल रिपोर्ट को भी डिसमिस करने को योग्य बताया। अदालत को दाखिल केस में बताया गया है कि अंसल प्रॉपर्टीज एण्ड इन्फाट्रक्चर लिमिटेड और आरोपी अभियुक्तगण लैण्डमार्क टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड के बीच 13 सितंबर 2004 को एक ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेंट हुआ था, जिसके तहत दोनों कंपनियां मेरठ करनाल और गाजियाबाद की 246 एकड़ भूमि पर कॉलोनी विकसित करना था। इसी बीच 21 दिसम्बर 2012 को दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से यह निर्णय लिया कि लैण्डमार्क ग्रुप अंसल प्रॉपर्टीज एण्ड इन्फाट्रक्चर लिमिटेड समूह से बाहर निकल जाएगा और अपने 50 प्रतिशत शेयर अंसल समूह को ट्रांसफर कर देगा।
शेष 46 फीसदी शेयर बैंक के पास गिरवी के तौर पर बंधक पड़े थे
आरोप है कि लैण्डमार्क प्रॉपर्टी डेवलपमेंट एण्ड कम्पनी ले डायरेक्टर आदि पदों पर तैनात पदधिकादियों ने केवल 4 फीसदी शेयर ट्रांसफर किए। अंसल प्रॉपर्टीज द्वारा जांच करने पर पता चला कि शेष 46 फीसदी शेयर बैंक के पास गिरवी के तौर पर बंधक पड़े थे और उनको ट्रांसफर नहीं किया जा सकता था। फिर भी कपटपूर्ण तरीके से शेयर परचेज एग्रीमेन्ट के दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार किए गए और 53.14 करोड़ रुपये हड़प लिए गए। इसी मामले की सुनवाई करते हुए एडिशनल सिविल जज सीनियर डिवीज़न ने राकेश अग्रवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर गौरव डालमिया, मृदु डालमिया, पदमा डालमिया, आभा डालमिया और रघुहरि डालमिया के विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 190(1)ख के अन्तर्गत आईपीसी की धारा 420,406, 120बी के तहत मुकदमा चलाने का आदेश देते हुए इस स्टेट केस की भांति दर्ज करने का आदेश पारित किया।
जब एसपी सिटी विनीत भटनागर से बात हुई तो उन्होंने कहा कि अभी हाल में कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ और न ही कोई आदेश आया है। वहीं, अब स्टेट केस की तरह लैंडमार्क प्रॉपर्टी डेवलपमेंट कंपनी के खिलाफ 420, 406,120बी के तहत मुकदमा चलाया जाएगा ।