इंडस्ट्रीज में आने वाला है बूम : इस राज्य में 1 साल के भीतर लगेंगे 1.4 लाख छोटे-बड़े उद्योग | 1.4 lakh small and big industries will setup in mp within 1 year | Patrika News

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इंडस्ट्रीज में आने वाला है बूम : इस राज्य में 1 साल के भीतर लगेंगे 1.4 लाख छोटे-बड़े उद्योग | 1.4 lakh small and big industries will setup in mp within 1 year | Patrika News

इंडस्ट्रीज में आने वाला है बूम : इस राज्य में 1 साल के भीतर लगेंगे 1.4 लाख छोटे-बड़े उद्योग | 1.4 lakh small and big industries will setup in mp within 1 year | Patrika News

राज्य के सभी 52 जिलों में होगा पो्टेशियल सर्वे, प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से तीन लाख लोग रोजगार-स्वरोजगार से जुड़ेंगे।

भोपाल

Published: April 18, 2022 03:44:41 pm

भोपाल. आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के सपने को धरातल पर लाने के लिए सरकार ने बड़ा प्लान तैयार किया है। इसके तहत राज्य में 1.4 लाख छोटे-बड़े कारोबार-उद्योग शुरू किए जाएंगे। एक साल में प्रदेश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से तीन लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार-स्वरोजगार मिलेगा।

इंडस्ट्रीज में आने वाला है बूम : इस राज्य में 1 साल के भीतर लगेंगे 1.4 लाख छोटे-बड़े उद्योग

इससे पहले 52 ज्लों में पोटेंशियल सर्वे होगा, ताकि यह देखा जा सके कि किस जिले में कौन से स्वरोजगार की सफलता ज्यादा रहेगी। चार जिलों के कलेक्टरों से उद्यमिता विकास केंद्र (सेडमैप) का एमओयू हो गया है। दो जिलों में अगले महीने तक अनुबंध हो जाएगा।

खास ये है कि हर जिले में दो हजार उद्योग शुरू करने का लक्ष्य है। बता दें, सीएम शिवराज सिंह ने हाल ही में स्वरोजगार पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा और सचिव पी नरहरि ने काम शुरू किया है। सेडमैप की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुराधा सिंघई ने इसका पूरा प्लान बनाया है।

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इन जिलों में अनुबंध

अभी सिंगरौली, शहडोल, उज्जैन और छतरपुर जिले से अनुबंध की औपचारिकता हो गई है। अनूपपुर और कटनी में एक्सपोजर विजिट हो गई है। सेकंड विजिट के बाद एमओयू होगा। इसमें हर जिले में टीम रखकर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सर्वे होगा।

उद्योग केन्द्रों से कनेक्टेड

जिला उद्योग केंद्रों से भी सेडमैप कनेक्टेड रहेगा। इन स्थानों से उद्योग क्लस्टर लगाने के लिए चयनित व्यक्तियों को भेजकर काम कराएगा। सरकारी योजनाओं व क्लस्टर के हिसाब से
काम होगा। इसके अलावा एक जिला एक उत्पादन स्कीम से भी तालमेल होगा।

यूं होगा उद्योग-कारोबार लगवाने का काम

-कलेक्टरों से अनुबंध

सेडमैप सबसे पहले जिला कलेक्टर से अनुबंध करेगा। इसमें क्षेत्र में सर्वे, रोजगार-स्वरोजगार देने, किन क्षेत्र में काम और किस तरह काम व सहयोग पैटर्न का अनुबंध होगा।

-पोटेंशियल सर्वे

हर जिले में सर्वे होगा कि उस जिले में किस उत्पाद या अन्य सर्विस सबसे खास है। इसमें एक जिला एक उत्पाद से तालमेल करके अन्य उत्पाद या सर्विस भी देखी जाएगी।

-हितग्राही चयन

सर्वे के बाद चयनित उत्पाद-सर्विस के लिए उद्योग-कारोबार क्लस्टर डिजाइन होगा। पोर्टल व जिला केंद्र से आवेदन लिए जाएंगे। हेल्प डेस्क बनाकर हितग्राही लेंगे।

-मार्गदर्शन ट्रेनिंग

चयनित हितग्राही और इच्छुक को पूरा मार्गदर्शन देंगे। उनका इंवेस्टमेंट प्लान तैयार किया जाएगा। चयनित सेक्टर में ट्रेनिंग दी जाएगी। विभिन्न विभाग के एक्सपर्ट जोड़ेंगे।

-कर्ज व अनुदान दिलाना

जरूरत के हिसाब से कर्ज-अनुदान दिलाया जाएगा। सरकारी विभागों व चयनित व्यक्ति के बीच लिंकअप एजेंसी की तरह सेडमैप ही काम करेगा।

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