मेडिकल काउंसिल के री-रजिस्ट्रेशन आंकड़ों का खुलासा, मध्यप्रदेश में 4400 की आबादी पर एक डॉक्टर | one doctor per population of 4400 in madhya pradesh | Patrika News

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मेडिकल काउंसिल के री-रजिस्ट्रेशन आंकड़ों का खुलासा, मध्यप्रदेश में 4400 की आबादी पर एक डॉक्टर | one doctor per population of 4400 in madhya pradesh | Patrika News

मेडिकल काउंसिल के री-रजिस्ट्रेशन आंकड़ों का खुलासा, मध्यप्रदेश में 4400 की आबादी पर एक डॉक्टर | one doctor per population of 4400 in madhya pradesh | Patrika News

मेडिकल काउंसिल के री-रजिस्ट्रेशन आंकड़ों का खुलासा, संख्या तय मानकों से चार गुना कम।

भोपाल

Published: April 18, 2022 03:22:19 pm

भोपाल. करीब 7.5 करोड़ की आबादी और डॉक्टर महज 17000, यानि करीब 4400 लोगों पर एक डॉक्टर की सुविधा। यह हालात मध्य प्रदेश के हैं, जहां सरकारी कागजों में तो 57000 से ज्यादा डॉक्टर उपलब्ध हैं, लेकिन हकीकत में तीन गुना कम। मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानकों के अनुसार, प्रति एक हजार व्यक्तियों पर एक डॉक्टर होना चाहिए, इस लिहाज से देखें तो मध्य प्रदेश में ये अनुपात तय मानकों से चार गुना कम है।

मेडिकल काउंसिल के री-रजिस्ट्रेशन आंकड़ों का खुलासा, मध्यप्रदेश में 4400 की आबादी पर एक डॉक्टर

यह चौकाने वाला आंकड़ा मध्य प्रदेश मेडिकल कांउंसिल में डॉक्टरों द्वारा कराए गए री रजिस्ट्रेशन से सामने आया है। दरअसल, काउंसिल ने मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की असल संख्या जानने के लिए री-रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश जारी किए थे। अब तक सिर्फ 17000 डॉक्टरों ने ही री-रजिस्ट्रेशन कराया है। अब काउंसिल री-रजिस्ट्रेशन अंतिम तारीख आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है।

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ऐसे हैं प्रदेश के हालात

स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञों के 3278 पदों में अभी 1029 कार्यरत हैं। इस साल रिटायर होने वाले 158 डॉक्टरों में करीब 91 विशेषज्ञ हैं चिकित्सा अधिकारियों के 1677 पद खाली हैं। खाली पदों पर पीएससी से भर्ती के शासन की तरफ से प्रस्ताव भेजा गया है। वहीं, मेडिकल कॉलेजों में भी 2890 पदों में से 863 पद खाली हैं। हद यह है कि मेडिकल कॉलेजों में डीन के 13 और अधीक्षक के 14 पद खाली हैं। मध्य प्रदेश में 19 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ 51 जिला अस्पताल, 66 सिविल अस्पताल, 335 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 1170 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 9192 स्वास्थ्य उप केंद्र और 49864 ग्राम आरोग्य केंद्र हैं।

मेडिकल काउंसिल में 80 साल पुराने रजिस्ट्रेनन भी जीवित

मप्र मेडिकल काउंसिल का गठन 1939 में किया गया था। इसके बाद कांउसिल में डॉक्टरों के लगातार रजिस्ट्रेशन होते गए। इस बीच कई डॉक्टरों का निधन हो गया तो कई दूसरे राज्य देश चले गए। वहीं, छत्तीसगढ़ राज्य अलग होने के बाद कई डॉक्टर वहां चले गए लेकिन, किसी का रजिस्ट्रेशन समाप्त नहीं हुआ। यही कारण है कि, कागजों में मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की संख्या बहुत ज्यादा है।

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