Akhilesh Yadav News: जानिए क्यों अखिलेश यादव ने अब तक नहीं की है चुनावी हार की समीक्षा? किसका इंतजार? h3>
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में करारी हार के बाद भी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अब तक समीक्षा बैठक का आयोजन नहीं किया है। यूपी चुनाव 2022 से पहले अखिलेश लगातार प्रदेश में सरकार बनाने का दावा कर रहे थे। 10 मार्च को सत्ता परिवर्तन के दावों को जनता ने खारिज कर दिया। यूपी में 37 साल के बाद किसी भी राजनीतिक दल को लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ वापस लौटने में सफलता मिली। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) की सीटों में वर्ष 2017 की तुलना में कमी दर्ज की गई। तमाम राजनीतिक दल चुनावी प्रदर्शन पर अपनी समीक्षा शुरू की है। लेकिन, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की ओर से अब तक समीक्षा जैसी कोई बैठक का आयोजन नहीं हो पाया है।
अखिलेश यादव ने यूपी चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर समीक्षा पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से उन्हें अभी तक फाइनल डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया है। डेटा आने के बाद वह इसकी समीक्षा करेंगे। चुनाव आयोग अभी यूपी चुनाव 2022 का फाइनल डेटा तैयार करा रहा है। इसके बाद इसे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इसे डाला जाएगा। हालांकि, पिछले दिनों बहुजन समाज पार्टी में हार के कारणों पर मंथन शुरू किया गया है। इस मामले में बसपा प्रमुख मायावती की ओर से कार्रवाई को तेज की गई है।
अखिलेश ने रिजल्ट की अपने आधार पर की समीक्षा
विधानसभा चुनाव के बाद रिजल्ट की अखिलेश यादव ने अपने तरीके से समीक्षा कर दी थी। उन्होंने पोस्टल बैलेट में मिले मतों के आधार पर सपा को 300 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने की बात कही थी। इसके अलावा वर्ष 2017 में आई 47 सीटों की तुलना में सपा को इस चुनाव में 111 सीटों पर जीत मिली। करीब ढाई गुना अधिक सीटों के आने के बाद पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी गदगद नजर आया। सपा के वोट प्रतिशत में वृद्धि को सकारात्मक रूप से पेश किया गया। वर्ष 2012 में 29 फीसदी के करीब वोट आए थे, इसमें दो से ढाई फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
हार के रूप में दिख सकती है समीक्षा
समाजवादी पार्टी किसी भी स्थिति में यूपी चुनाव 2022 में खुद को हारा हुआ दिखाने के मूड में नहीं है। माना जा रहा है कि इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं तक के मनोबल पर असर पड़ सकता है। पार्टी की भले ही सत्ता में वापसी नहीं हुई हो, नेताओं और कार्यकर्ताओं का रिजल्ट के बाद मनोबल बढ़ा है। ऐसे में समीक्षा होने पर हार के कारण खोजे जाएंगे। इसमें जिम्मेदारी तय होगी। पूरा चुनाव अखिलेश यादव के कंधे पर लड़ा गया, ऐसे में पार्टी नेता किन्हें जिम्मेदार बताएंगे? इन सवालों को लेकर तात्कालिक समीक्षा की जगह बूथवार हार की समीक्षा के कारणों को ढूंढने का प्रयास होगा। इसलिए, चुनाव आयोग के विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।
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अखिलेश ने रिजल्ट की अपने आधार पर की समीक्षा
विधानसभा चुनाव के बाद रिजल्ट की अखिलेश यादव ने अपने तरीके से समीक्षा कर दी थी। उन्होंने पोस्टल बैलेट में मिले मतों के आधार पर सपा को 300 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने की बात कही थी। इसके अलावा वर्ष 2017 में आई 47 सीटों की तुलना में सपा को इस चुनाव में 111 सीटों पर जीत मिली। करीब ढाई गुना अधिक सीटों के आने के बाद पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी गदगद नजर आया। सपा के वोट प्रतिशत में वृद्धि को सकारात्मक रूप से पेश किया गया। वर्ष 2012 में 29 फीसदी के करीब वोट आए थे, इसमें दो से ढाई फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
हार के रूप में दिख सकती है समीक्षा
समाजवादी पार्टी किसी भी स्थिति में यूपी चुनाव 2022 में खुद को हारा हुआ दिखाने के मूड में नहीं है। माना जा रहा है कि इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं तक के मनोबल पर असर पड़ सकता है। पार्टी की भले ही सत्ता में वापसी नहीं हुई हो, नेताओं और कार्यकर्ताओं का रिजल्ट के बाद मनोबल बढ़ा है। ऐसे में समीक्षा होने पर हार के कारण खोजे जाएंगे। इसमें जिम्मेदारी तय होगी। पूरा चुनाव अखिलेश यादव के कंधे पर लड़ा गया, ऐसे में पार्टी नेता किन्हें जिम्मेदार बताएंगे? इन सवालों को लेकर तात्कालिक समीक्षा की जगह बूथवार हार की समीक्षा के कारणों को ढूंढने का प्रयास होगा। इसलिए, चुनाव आयोग के विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।
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