19 वर्षीय इकलौती बेटी ने लिया वैराग्य, माता-पिता ने खुशी-खुशी दिलाई दीक्षा और किया रवाना | 19 year old only daughter adopted renunciation | Patrika News h3>
भोपाल की बेटी ने वैराग्य की ओर बढ़ाए कदम, मुमुक्ष प्रभुति दीक्षा लेकर बनी प्रणव निधि म.सा., जयकारों के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं ने किया स्वागत, सम्मान, परिजनों ने भाव विभोर होकर दी विदाई
भोपाल
Updated: April 17, 2022 10:19:09 pm
भोपाल. भोपाल की बेटी मुमुक्षु प्रभुति ने 19 साल की उम्र में सांसारिक मोहमाया छोड़कर संयम पथ की ओर कदम बढ़ाए हैं। चेहरे पर संयम धारण करने की खुशी और अपनी आप में लीन होकर प्रभु की भक्ति, संयम पथ पर आगे बढ़ने वाली इस बेटी का उपस्थित श्रद्धालुओं ने भी खूब स्वागत और सम्मान किया। दीक्षा के पूर्व श्रृंगार कर परिजनों से विदा हुई तो उपस्थित लोग भी भाव विभोर हो गए। इस दौरान उन्होंने माता-पिता के चरण धोकर उनकी उपकार वंदना की। दीक्षा लेकर प्रणव निधि म.सा. बनी प्रभुति के पिता एक निजी कंपनी में मैनेजर और माता नगर निगम में कार्यरत है। इकलौती संतान होने के बावजूद 4 माह पूर्व तीर्थयात्रा के दौरान महातीर्थ गिरनारजी में संयम का नियम ले लिया। दीक्षा के पूर्व देश के विभिन्न तीर्थ क्षेत्रों की वंदना कर आचार्य महाराज संघ के दर्शन किए।
भोपाल की बेटी ने वैराग्य की ओर बढ़ाए कदम
आचार्य पीयूष सागर महाराज, जिन श्रीश्री म.सा. आदी ठाणा के सान्निध्य में भोपाल के कोहेफिजा सिंधु भवन परिसर में दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। दीक्षा के बाद मुमुक्ष प्रभुति अब प्रणव निधि म.सा. के रूप में पहचानी जाएगी। दीक्षा के पूर्व पंचवटी जिनालय में गाजे-बाजे के साथ पहुंचकर मूलनायक भगवान मुनि सुव्रतनाथ स्वामी के दर्शन वंदना कर विधि-विधान से पूजा की। दीक्षा दिवस संयम महोत्सव के रूप में मनाया गया। दिल्ली, चेन्नई, बेगलुरू, जयपुर, गोहाटी, अहमदाबाद, सूरत, पटना सहित विभिन्न शहरों के श्रद्धालु दीक्षा दिवस में साक्षी बने।
प्रदर्शन से दर्शन, भौतिकता से आध्यात्मिकता की ओर जाने का लक्ष्य दीक्षा के पूर्व प्रभुति ने कहा मैं दीक्षा ले रही हूँ क्योंकि मेरा यह लक्ष्य है। प्रदर्शन से जैन दर्शन की ओर भौतिकता से आध्यात्मिकता की ओर जाना है। यही जैन दर्शन और जैन सिद्धांत में संयम का पथ अंगीकार करना है। मैं संपूर्ण परिवारजनों विशेष रूप से माता-पिता और संपूर्ण समाज के साथ जगत के जीवों से मेरे द्वारा हुई जाने-अनजाने में गलतियों के लिए क्षमा-याचना करती हूं। इस मौके पर संगीतमय स्वर लहरियों के साथ कर लो प्रभु का गुणगान आयी शुभ यह देखा मंगल यह घड़ी आदि भजनों पर हाथों में जीव दया का उपकरण लिए रजोहरण के साथ भक्ति करते हुए परिक्रमा की। आचार्य पीयूष सागर महाराज ने दीक्षा मंडप में दीक्षा मंत्र प्रदान किए। दीक्षा उपरांत मुमुक्षु प्रभुति का नया दीक्षित नाम प्रणव निधि जी म.सा. हुआ। प्रथम तिलक उत्सव का सौभाग्य वीरेन्द्र-विनीता कोठारी परिवार को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर राजेश तातेड़, महेश तातेड़, वीरेन्द्र कोठारी, ललित तातेड़ सहित अनेक लोग उपिस्थत थे।
उपवास के बाद परिजन कराएंगे पाड़ना
दीक्षा दिवस के दौरान नवदीक्षित प्रणव निधि म.सा. का रविवार को उपवास था। आयोजन समिति के प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया कि सोमवार को परिवारजनों द्वारा उनका पाड़ना कराया जाएगा।
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भोपाल की बेटी ने वैराग्य की ओर बढ़ाए कदम, मुमुक्ष प्रभुति दीक्षा लेकर बनी प्रणव निधि म.सा., जयकारों के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं ने किया स्वागत, सम्मान, परिजनों ने भाव विभोर होकर दी विदाई
भोपाल
Updated: April 17, 2022 10:19:09 pm
भोपाल. भोपाल की बेटी मुमुक्षु प्रभुति ने 19 साल की उम्र में सांसारिक मोहमाया छोड़कर संयम पथ की ओर कदम बढ़ाए हैं। चेहरे पर संयम धारण करने की खुशी और अपनी आप में लीन होकर प्रभु की भक्ति, संयम पथ पर आगे बढ़ने वाली इस बेटी का उपस्थित श्रद्धालुओं ने भी खूब स्वागत और सम्मान किया। दीक्षा के पूर्व श्रृंगार कर परिजनों से विदा हुई तो उपस्थित लोग भी भाव विभोर हो गए। इस दौरान उन्होंने माता-पिता के चरण धोकर उनकी उपकार वंदना की। दीक्षा लेकर प्रणव निधि म.सा. बनी प्रभुति के पिता एक निजी कंपनी में मैनेजर और माता नगर निगम में कार्यरत है। इकलौती संतान होने के बावजूद 4 माह पूर्व तीर्थयात्रा के दौरान महातीर्थ गिरनारजी में संयम का नियम ले लिया। दीक्षा के पूर्व देश के विभिन्न तीर्थ क्षेत्रों की वंदना कर आचार्य महाराज संघ के दर्शन किए।
भोपाल की बेटी ने वैराग्य की ओर बढ़ाए कदम
आचार्य पीयूष सागर महाराज, जिन श्रीश्री म.सा. आदी ठाणा के सान्निध्य में भोपाल के कोहेफिजा सिंधु भवन परिसर में दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। दीक्षा के बाद मुमुक्ष प्रभुति अब प्रणव निधि म.सा. के रूप में पहचानी जाएगी। दीक्षा के पूर्व पंचवटी जिनालय में गाजे-बाजे के साथ पहुंचकर मूलनायक भगवान मुनि सुव्रतनाथ स्वामी के दर्शन वंदना कर विधि-विधान से पूजा की। दीक्षा दिवस संयम महोत्सव के रूप में मनाया गया। दिल्ली, चेन्नई, बेगलुरू, जयपुर, गोहाटी, अहमदाबाद, सूरत, पटना सहित विभिन्न शहरों के श्रद्धालु दीक्षा दिवस में साक्षी बने।
प्रदर्शन से दर्शन, भौतिकता से आध्यात्मिकता की ओर जाने का लक्ष्य दीक्षा के पूर्व प्रभुति ने कहा मैं दीक्षा ले रही हूँ क्योंकि मेरा यह लक्ष्य है। प्रदर्शन से जैन दर्शन की ओर भौतिकता से आध्यात्मिकता की ओर जाना है। यही जैन दर्शन और जैन सिद्धांत में संयम का पथ अंगीकार करना है। मैं संपूर्ण परिवारजनों विशेष रूप से माता-पिता और संपूर्ण समाज के साथ जगत के जीवों से मेरे द्वारा हुई जाने-अनजाने में गलतियों के लिए क्षमा-याचना करती हूं। इस मौके पर संगीतमय स्वर लहरियों के साथ कर लो प्रभु का गुणगान आयी शुभ यह देखा मंगल यह घड़ी आदि भजनों पर हाथों में जीव दया का उपकरण लिए रजोहरण के साथ भक्ति करते हुए परिक्रमा की। आचार्य पीयूष सागर महाराज ने दीक्षा मंडप में दीक्षा मंत्र प्रदान किए। दीक्षा उपरांत मुमुक्षु प्रभुति का नया दीक्षित नाम प्रणव निधि जी म.सा. हुआ। प्रथम तिलक उत्सव का सौभाग्य वीरेन्द्र-विनीता कोठारी परिवार को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर राजेश तातेड़, महेश तातेड़, वीरेन्द्र कोठारी, ललित तातेड़ सहित अनेक लोग उपिस्थत थे।
उपवास के बाद परिजन कराएंगे पाड़ना
दीक्षा दिवस के दौरान नवदीक्षित प्रणव निधि म.सा. का रविवार को उपवास था। आयोजन समिति के प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया कि सोमवार को परिवारजनों द्वारा उनका पाड़ना कराया जाएगा।
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