मोदी के खिलाफ ‘महा’मोर्चे की तैयारी, मुंबई में गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों की बैठक! संजय राउत ने किया इशारा h3>
मुंबई: 2024 से पहले बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाने के लिए गोलबंदी तेज हो रही है। इस बीच शिवसेना ने संकेत दिए हैं मुंबई में जल्द गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक हो सकती है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा है कि देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए मुंबई में जल्द ही गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों का एक सम्मेलन होने की संभावना है। बताते चलें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सभी गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को खत लिखा था।
संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है, जहां बीजेपी सत्ता में नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्र में, देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने की जरूरत को रेखांकित किया गया है। राउत ने कहा, ‘एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस पर चर्चा की है और मुंबई में इस तरह का एक सम्मेलन आयोजित करने का प्रयास किया जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई, केंद्रीय जांच एजेंसियों के ‘दुरुपयोग’, साम्प्रदायिक वैमनस्य पैदा करने की कोशिशें सहित विभिन्न मुद्दों पर आगामी बैठक में चर्चा की जाएगी। शनिवार को विपक्ष के 13 नेताओं ने देश में हुई हालिया सांप्रदायिक हिंसा और नफरती भाषण संबंधी घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता जताई और लोगों से शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील की।
संयुक्त बयान में 13 विपक्षी दलों ने कहा है कि वे ‘क्षुब्ध’ हैं कि भोजन, वेशभूषा, आस्था, त्योहारों और भाषा जैसे मुद्दों का इस्तेमाल सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए किया जा रहा है। यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत 13 नेताओं द्वारा जारी किया गया था।
राउत ने आरोप लगाया कि रामनवमी और हनुमान जयंती मनाने के लिए निकाली गई शोभायात्राओं पर हुए हालिया हमले खासकर उन राज्यों के मतदाताओं के ध्रुवीकरण करने के लिए राजनीतिक रूप से प्रायोजित हैं, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ राजनीतिक दल देश की एकता पर आघात करने के लिए इन दो देवताओं का इस्तेमाल अपना हित साधने में कर रहे हैं।’
उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे को नया हिंदू ओवैसी कहकर अपना तंज कसा। राज ठाकरे ने तीन मई तक मस्जिदों के ऊपर से लाउडस्पीकर हटाने की मांग करते हुए एक आक्रामक कदम उठाया है। शिवसेना नेता राउत ने कहा, ‘महाराष्ट्र में भी एक हिंदू ओवैसी ने हनुमान जयंती की शांति में विघ्न डालने के सारे प्रयास किए। महाराष्ट्र में अशांति पैदा करने के लिए समन्वित प्रयास किए गए लेकिन लोग और पुलिस संयमित तथा मजबूत हैं।’
एमएनएस प्रमुख ने शनिवार को पुणे में हनुमान जयंती मनाने के लिए महाआरती की। शहर में राज ठाकरे को हिंदूजननायक घोषित करने वाले पोस्टर लगाए गए, जिससे सत्तारूढ़ शिवसेना चिढ़ी हुई है। यह पूछे जाने पर कि हिंदू ओवैसी वह किसे बताना चाह रहे हैं, राउत ने कहा, ‘यह कुछ लाउडस्पीकर से स्पष्ट है कि हिंदू ओवैसी कौन है। मस्जिदों के ऊपर लाउडस्पीकर के मुद्दे पर सरकार के साथ चर्चा की जा सकती है, लेकिन राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भारतीय जनता पार्टी की इच्छा पूरी करने के लिए कानून व्यवस्था की समस्या पैदा करना उनका मकसद है।’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘बीजेपी ने (एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का) उत्तर प्रदेश चुनावों में इस्तेमाल किया और हिंदू ओवैसी का महाराष्ट्र में इस्तेमाल कर रही है।’ उधर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एमएनएस प्रमुख ने कहा था कि एक रीढ़विहीन व्यक्ति को वह जवाब नहीं देना चाहते। उन्होंने हिंदू ओवैसी संबंधी राउत के तंज के बारे में पूछे जाने पर यह कहा था।
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उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई, केंद्रीय जांच एजेंसियों के ‘दुरुपयोग’, साम्प्रदायिक वैमनस्य पैदा करने की कोशिशें सहित विभिन्न मुद्दों पर आगामी बैठक में चर्चा की जाएगी। शनिवार को विपक्ष के 13 नेताओं ने देश में हुई हालिया सांप्रदायिक हिंसा और नफरती भाषण संबंधी घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता जताई और लोगों से शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील की।
संयुक्त बयान में 13 विपक्षी दलों ने कहा है कि वे ‘क्षुब्ध’ हैं कि भोजन, वेशभूषा, आस्था, त्योहारों और भाषा जैसे मुद्दों का इस्तेमाल सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए किया जा रहा है। यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत 13 नेताओं द्वारा जारी किया गया था।
राउत ने आरोप लगाया कि रामनवमी और हनुमान जयंती मनाने के लिए निकाली गई शोभायात्राओं पर हुए हालिया हमले खासकर उन राज्यों के मतदाताओं के ध्रुवीकरण करने के लिए राजनीतिक रूप से प्रायोजित हैं, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ राजनीतिक दल देश की एकता पर आघात करने के लिए इन दो देवताओं का इस्तेमाल अपना हित साधने में कर रहे हैं।’
उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे को नया हिंदू ओवैसी कहकर अपना तंज कसा। राज ठाकरे ने तीन मई तक मस्जिदों के ऊपर से लाउडस्पीकर हटाने की मांग करते हुए एक आक्रामक कदम उठाया है। शिवसेना नेता राउत ने कहा, ‘महाराष्ट्र में भी एक हिंदू ओवैसी ने हनुमान जयंती की शांति में विघ्न डालने के सारे प्रयास किए। महाराष्ट्र में अशांति पैदा करने के लिए समन्वित प्रयास किए गए लेकिन लोग और पुलिस संयमित तथा मजबूत हैं।’
एमएनएस प्रमुख ने शनिवार को पुणे में हनुमान जयंती मनाने के लिए महाआरती की। शहर में राज ठाकरे को हिंदूजननायक घोषित करने वाले पोस्टर लगाए गए, जिससे सत्तारूढ़ शिवसेना चिढ़ी हुई है। यह पूछे जाने पर कि हिंदू ओवैसी वह किसे बताना चाह रहे हैं, राउत ने कहा, ‘यह कुछ लाउडस्पीकर से स्पष्ट है कि हिंदू ओवैसी कौन है। मस्जिदों के ऊपर लाउडस्पीकर के मुद्दे पर सरकार के साथ चर्चा की जा सकती है, लेकिन राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भारतीय जनता पार्टी की इच्छा पूरी करने के लिए कानून व्यवस्था की समस्या पैदा करना उनका मकसद है।’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘बीजेपी ने (एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का) उत्तर प्रदेश चुनावों में इस्तेमाल किया और हिंदू ओवैसी का महाराष्ट्र में इस्तेमाल कर रही है।’ उधर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एमएनएस प्रमुख ने कहा था कि एक रीढ़विहीन व्यक्ति को वह जवाब नहीं देना चाहते। उन्होंने हिंदू ओवैसी संबंधी राउत के तंज के बारे में पूछे जाने पर यह कहा था।
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