सात खूबियों वाला स्मार्टपोल- निजी टेलीकॉम एजेंसी के विज्ञापन बोर्ड टांगने का प्रोजेक्ट बन गया | bhopal smart poll news | Patrika News

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सात खूबियों वाला स्मार्टपोल- निजी टेलीकॉम एजेंसी के विज्ञापन बोर्ड टांगने का प्रोजेक्ट बन गया | bhopal smart poll news | Patrika News

सात खूबियों वाला स्मार्टपोल- निजी टेलीकॉम एजेंसी के विज्ञापन बोर्ड टांगने का प्रोजेक्ट बन गया | bhopal smart poll news | Patrika News

70 फीसदी स्मार्ट लाइट बंद, 700 करोड़ के प्रोजेक्ट को लगाया पलीता

भोपाल

Updated: April 17, 2022 01:25:14 am

भोपाल. स्मार्ट पोल से 7 तरह की सुविधाएं सेवाएं देने का वादा था, लेकिन 700 करोड रुपए की बड़ी राशि खर्च के बावजूद यह प्रोजेक्ट खंभों पर निजी टेलीकॉम एजेंसी के विज्ञापन बोर्ड लगाने वाला प्रोजेक्ट बनकर रह गया। यहां बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि इस प्रोजेक्ट में आम जनता के पसीने की जो कमाई बर्बाद की गई उसका हिसाब कौन देगा?

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स्मार्ट पोल- स्मार्ट लाइट का प्रोजेक्ट एक साथ शुरू किया गया था। तत्कालीन सीईओ व चीफ इंजीनियर्स ने इसे शुरू कराया था। सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल को दरकिनार करते हुए निजी टेलीकॉम कंपनी को स्मार्टपोल का काम दिया गया। कंपनी ने मनचाही लोकेशन पर स्मार्टपोल स्थापित किए।

इनमें इंटरनेट कनेक्शन, फ्री वाईफाई, इलेक्ट्रिक चार्जिंग पोल, स्मोक सेंसर के साथ ही अन्य सुविधाएं देने का वादा किया, लेकिन फिलहाल इन पर सिर्फ एक डिजिटल विज्ञापन बोर्ड चल रहा है। इसमें कंपनी विज्ञापन के पैसे वसुलती हैं। शहरभर में करीब 400 स्मार्टपोल और 20,500 स्मार्ट स्ट्रीट लाइट लगाई गई।

20,500 स्मार्ट स्ट्रीट लाइट में से 70 फीसदी बंद – निर्देश है कि ये स्ट्रीट लाइट पूरे समय चालू रहे। इनसे जुड़ी शिकायतें एक दिन में ही निराकृत हो। अभी की स्थिति यह है कि 70 फ़ीसदी स्ट्रीट लाइट बंद हैं।

जांच हो, जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी – स्मार्ट सिटी के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में तत्कालीन चीफ इंजीनियर रामजी अवस्थी की बड़ी भूमिका रही। समय के साथ यहां से चले गए और उनके बाद जो चीफ इंजीनियर आए उन्होंने ध्यान नहीं दिया। रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी हरिओम राव का कहना है कि इस प्रोजेक्ट की जांच खर्च के साथ ही जिम्मेदारी तय करके कार्रवाई करने की जरूरत है।

स्मार्टपोल का प्रोजेक्ट कब शुरू हुआ और कब खत्म हो गया। क्या सुविधाएं इससे शहर को मिल रही है? हमें पता ही नहीं है। जाहिर है, आम जनता तक प्रोजेक्ट पहुंचा ही नहीं। इसकी जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाना चाहिए।

– आनंद रावत, रहवासी साईं हिल्स स्मार्टपोल की तो हमें जानकारी ही नहीं है। स्मार्ट लाइट के नाम पर जो एलईडी लाइट लगाई गई है, वह रोशनी ही नहीं देती। आधी लाइट तो बंद पड़ी रहती है। ऐसे प्रोजेक्ट को लाने और लगाने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई करना चाहिए।

– आशा देवलिया, मंदाकिनी कॉलोनी कोट््सस्मार्टसिटी के प्रोजेक्ट को लेकर समीक्षा करने वाले हैं। उसमें सभी मुद्दे आएंगे। इस पर भी बात कर स्थिति स्पष्ट की जाएगी। निकुंज श्रीवास्तव, आयुक्त शहरी आवास एवं विकास

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