PM मोदी, योगी से लेकर केजरीवाल, वाजपेयी तक… नेताओं के संकटमोचक बनते जा रहे हैं बजरंग बली h3>
नई दिल्ली: भारत के राजनीतिक घमासान में उलझने से भगवान भी नहीं बच पाते। अभी रामनवमी पर देशभर से हिंसक घटनाओं की रिपोर्ट्स आईं। आज जब देशभर में हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा है तो राजनीति भी खूब हो रही है। कई शहरों में लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ चल रहा है। महाराष्ट्र में शिवसेना और मनसे के बीच अलग बवाल छिड़ा है। MNS चीफ राज ठाकरे पहले ही ‘मस्जिदों के बाहर स्पीकर पर तेज आवाज में ‘हनुमान चालीसा’ बजाने की धमकी दे चुके थे। ठाकरे ने कहा है कि अगर राज्य सरकार ने तीन मई से पहले मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए तो उनके कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा बजाएंगे। यूपी के कई हिस्सों में लगातार अजान बनाम हनुमान चालीसा होने लगा है। वाराणसी और अलीगढ़ जैसे इलाकों में लाउडस्पीकर पर अजान के वक्त हनुमान चालीसा होने लगी है। अलीगढ़ में एबीवीपी के पदाधिकारियों ने शहर के 21 चौराहों पर लाउडस्पीकर लगवाने के लिए एडीएम सिटी को पत्र सौंपा है।
हनुमान के आगे नतमस्तक हैं नेता
नेताओं की राजनीति के लिए भगवान हनुमान के नाम का इस्तेमाल नया नहीं। हनुमान को कभी कोई नेता दलित बताता है तो कोई मुसलमान होने का दावा करता है। पीएम मोदी हों या यूपी के सीएम योगी, केजरीवाल हों, राहुल गांधी या कोई और नेता… भगवान हनुमान के आगे सब सिर झुकाते हैं। चुनावी सीजन में मंदिरों तक नेताओं की दौड़ तेज हो जाती है।
अयोध्या के हनुमान मंदिर में पीएम मोदी (फाइल)
महाराष्ट्र में हनुमान जन्मोत्सव पर राजनीतिक घमासान
हनुमान जन्मोत्सव पर पूरी तरह से राजनीतिक रंग चढ़ गया है। सत्ताधारी दल शिवसेना व एनसीपी और मनसे के बीच हनुमान जन्मोत्सव मनाने की होड़ लग गई है। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे शनिवार को पुणे के खालकर चौक में स्थित हनुमान मंदिर में महाआरती करेंगे। राज की मौजूदगी में हनुमान चालीसा का पाठ होगा। इसके जवाब में एनसीपी ने पुणे में ही हनुमान जयंती पर आरती का आयोजन किया है। इधर, मुंबई में शिवसेना हनुमान मंदिर में महाआरती का आयोजन कर रही है।
लाउडस्पीकर विवादः मंदिर पर माइक लगाकर हुआ हनुमान चालीसा का पाठ, मुस्लिम बोले- हमें कोई दिक्कत नहीं
PM आज गुजरात में करेंगे भगवान हनुमान की मूर्ति का अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर गुजरात के मोरबी में भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी। पीएमओ के मुताबिक, भगवान हनुमान से संबंधित चार धाम परियोजना के तहत देश के चारों दिशाओं में हनुमान की मूर्ति स्थापित की जानी है। इस कड़ी में यह हनुमान की दूसरी मूर्ति होगी जो पश्चिम दिशा में होगी। इसकी स्थापना मोरबी के बापू केशवानंद आश्रम में की गई है।
कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में चालीसा पढ़ने आते हैं नेता
2020 में दिल्ली के भीतर विधानसभा चुनाव हुए। तब ‘हनुमान’ के नाम का खूब जाप हुआ। अरविंद केजरीवाल ने एक टीवी इंटव्यू में हनुमान चलीसा सुनाया। फिर उन्होंने अपनी पहचान ‘बजरंगबली के भक्त’ के रूप में बनानी शुरू की। अरविंद केजरीवाल या मनीष सिसोदिया ने कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में शीश झुकाया था। इस मंदिर मेंसियासी हस्तियां दशकों से आ रही हैं। पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी, बाबू जगजीवन राम हनुमान मंदिर में आकर हनुमान चालीसा पढ़ना पसंद करते थे।
हनुमान मंदिर में राहुल गांधी (फाइल)
हमने देखा कि बड़े-बड़े नेताओं को मंदिर जाने में लाज लगती थी। इसके पीछे का कारण था कि उन्हें अगर कोई देख लेगा तो उनकी धर्मनिरपेक्षता खतरे में पड़ जाएगी। लेकिन, आज राहुल गांधी मंदिर जाने लगे हैं, अरविंद केजरीवाल हनुमान चालीसा पढ़ने लगे हैं और ममता दीदी भी मंदिर जाने लगी हैं।
देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम
वाजपेयी ने कहा था, हनुमान वानर नहीं इंसान थे
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भगवान हनुमान के वक्त थे। पुणे में 1982 में आयोजित एक कार्यक्रम में अटल ने कहा था कि ‘यह विचार अपने मन से निकाल दीजिए कि हनुमान जी बंदर थे। मूर्तियां ऐसी बनी हैं, चित्र ऐसे बने हैं, लेकिन सचमुच में वो हमारे जैसे मनुष्य थे। उनकी पूंछ नहीं थी, वे कमर में रस्सा बांधते थे और रस्से का थोड़ा हिस्सा लटकता रहता था, जो आगे जाकर पूंछ के रूप में चित्रित होने लगा। भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा सुनो! कितना हनुमान शुद्ध संस्कृत बोल रहे हैं, व्याकरण की एक भी गलती नहीं है। अब वानर कितने भी चतुर हों, अगर वे सचमुच वानर हैं तो ऐसा नहीं कर सकते।’
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हनुमान जी की जाति क्या है?
राजस्थान में चुनाव प्रचार करते हुए 2018 में योगी आदित्यनाथ ने भगवान हनुमान को दलित बताकर बवाल खड़ा कर दिया था। इस बात से सांसद सावित्रीबाई फुले भी सहमत थीं। बीजेपी के ही बुक्कल नवाब चार कदम आगे निकल गए और बताने लगे कि असल में हनुमान तो मुसलमान थे। तब यूपी में कैबिनेट मंत्री रहे लक्ष्मी नारायण चौधरी ने भगवान हनुमान को जाट बना दिया। नैशनल कमिशन फार शेड्यूल्ड ट्राइब्स के चेयरमैन नंद कुमार साई ने दावा किया था कि हनुमान आदिवासी थे। उसी समय, भोपाल में एक जैन पुजारी ने दावा किया भगवान हनुमान न तो दलित थे न आदिवासी, बल्कि वो तो जैन थे।
…जब बजरंगबली के भक्त बुक्कल नवाब ने पढ़ी हनुमान चालीसा
अजान की तुलना हनुमान चालीसा से…
वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि देश भर में हनुमान चालीसा और भगवान राम के भजनों का प्रसार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा की आजान से तुलना करना गलत है। उन्होंने कहा रामनवमी के जुलूस पर हिंदुओं के ऊपर आक्रमण करना और उन्हीं को दोष देना गलत है। हम तो हनुमान चालीसा की बात करेंगे। देश में हनुमान की भक्ति और आदर्श लोगों के सामने आने चाहिए। कहा कि हनुमान जी की तुलना आजान से हो ही नहीं सकती। हनुमान जी सर्वोच्च हैं।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। जमीयत के सचिव नियाज फारूकी ने कहा कि ‘अजान लोगों के लिए जितनी जरूरी है उतना ही जरूरी हनुमान चालीसा है लेकिन एक-दूसरे से इसपर मुकाबला करना ठीक नहीं क्योंकि मुल्क का दस्तूर अभी तक सभी धर्मों की इज्जत करना सिखाता है। हनुमान चालीसा होने से किसी को ऐतराज नहीं, बल्कि यह तो अच्छा है बुरे कामों को छोड़ लोग हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू करेंगे।’
BJP नेता ने छत पर लगाया लाउड स्पीकर, अजान की तरह 5 बार बजेगा हनुमान चालीसा
बीजेपी नेता बंटवा रहे लाउडस्पीकर
मंदिरों से देवी-देवताओं के भजन-कीर्तन और हनुमान चालीसा के प्रसारण के लिए बीजेपी नेता मोहित कंबोज भारतीय फ्री में लाउडस्पीकर बांट रहे हैं। मोहित के अनुसार, 10,000 से ज्यादा लोगों ने लाउडस्पीकर की मांग की है। लाउडस्पीकर की आपूर्ति के लिए मोहित ने दिल्ली की एक कंपनी से करार किया है। यह कंपनी लाउडस्पीकरों की आपूर्ति करेगी। लाउडस्पीकर के वितरण की विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि देशभर के मंदिरों तक लाउडस्पीकर को पहुंचाया जा सके।
हनुमान के आगे नतमस्तक हैं नेता
नेताओं की राजनीति के लिए भगवान हनुमान के नाम का इस्तेमाल नया नहीं। हनुमान को कभी कोई नेता दलित बताता है तो कोई मुसलमान होने का दावा करता है। पीएम मोदी हों या यूपी के सीएम योगी, केजरीवाल हों, राहुल गांधी या कोई और नेता… भगवान हनुमान के आगे सब सिर झुकाते हैं। चुनावी सीजन में मंदिरों तक नेताओं की दौड़ तेज हो जाती है।
अयोध्या के हनुमान मंदिर में पीएम मोदी (फाइल)
महाराष्ट्र में हनुमान जन्मोत्सव पर राजनीतिक घमासान
हनुमान जन्मोत्सव पर पूरी तरह से राजनीतिक रंग चढ़ गया है। सत्ताधारी दल शिवसेना व एनसीपी और मनसे के बीच हनुमान जन्मोत्सव मनाने की होड़ लग गई है। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे शनिवार को पुणे के खालकर चौक में स्थित हनुमान मंदिर में महाआरती करेंगे। राज की मौजूदगी में हनुमान चालीसा का पाठ होगा। इसके जवाब में एनसीपी ने पुणे में ही हनुमान जयंती पर आरती का आयोजन किया है। इधर, मुंबई में शिवसेना हनुमान मंदिर में महाआरती का आयोजन कर रही है।
लाउडस्पीकर विवादः मंदिर पर माइक लगाकर हुआ हनुमान चालीसा का पाठ, मुस्लिम बोले- हमें कोई दिक्कत नहीं
PM आज गुजरात में करेंगे भगवान हनुमान की मूर्ति का अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर गुजरात के मोरबी में भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी। पीएमओ के मुताबिक, भगवान हनुमान से संबंधित चार धाम परियोजना के तहत देश के चारों दिशाओं में हनुमान की मूर्ति स्थापित की जानी है। इस कड़ी में यह हनुमान की दूसरी मूर्ति होगी जो पश्चिम दिशा में होगी। इसकी स्थापना मोरबी के बापू केशवानंद आश्रम में की गई है।
कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में चालीसा पढ़ने आते हैं नेता
2020 में दिल्ली के भीतर विधानसभा चुनाव हुए। तब ‘हनुमान’ के नाम का खूब जाप हुआ। अरविंद केजरीवाल ने एक टीवी इंटव्यू में हनुमान चलीसा सुनाया। फिर उन्होंने अपनी पहचान ‘बजरंगबली के भक्त’ के रूप में बनानी शुरू की। अरविंद केजरीवाल या मनीष सिसोदिया ने कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में शीश झुकाया था। इस मंदिर मेंसियासी हस्तियां दशकों से आ रही हैं। पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी, बाबू जगजीवन राम हनुमान मंदिर में आकर हनुमान चालीसा पढ़ना पसंद करते थे।
हनुमान मंदिर में राहुल गांधी (फाइल)
हमने देखा कि बड़े-बड़े नेताओं को मंदिर जाने में लाज लगती थी। इसके पीछे का कारण था कि उन्हें अगर कोई देख लेगा तो उनकी धर्मनिरपेक्षता खतरे में पड़ जाएगी। लेकिन, आज राहुल गांधी मंदिर जाने लगे हैं, अरविंद केजरीवाल हनुमान चालीसा पढ़ने लगे हैं और ममता दीदी भी मंदिर जाने लगी हैं।
देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम
वाजपेयी ने कहा था, हनुमान वानर नहीं इंसान थे
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भगवान हनुमान के वक्त थे। पुणे में 1982 में आयोजित एक कार्यक्रम में अटल ने कहा था कि ‘यह विचार अपने मन से निकाल दीजिए कि हनुमान जी बंदर थे। मूर्तियां ऐसी बनी हैं, चित्र ऐसे बने हैं, लेकिन सचमुच में वो हमारे जैसे मनुष्य थे। उनकी पूंछ नहीं थी, वे कमर में रस्सा बांधते थे और रस्से का थोड़ा हिस्सा लटकता रहता था, जो आगे जाकर पूंछ के रूप में चित्रित होने लगा। भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा सुनो! कितना हनुमान शुद्ध संस्कृत बोल रहे हैं, व्याकरण की एक भी गलती नहीं है। अब वानर कितने भी चतुर हों, अगर वे सचमुच वानर हैं तो ऐसा नहीं कर सकते।’
UP Election: ओम प्रकाश राजभर बोले- हम हनुमान जी के बिरादर, जल रही है बीजेपी की लंका
हनुमान जी की जाति क्या है?
राजस्थान में चुनाव प्रचार करते हुए 2018 में योगी आदित्यनाथ ने भगवान हनुमान को दलित बताकर बवाल खड़ा कर दिया था। इस बात से सांसद सावित्रीबाई फुले भी सहमत थीं। बीजेपी के ही बुक्कल नवाब चार कदम आगे निकल गए और बताने लगे कि असल में हनुमान तो मुसलमान थे। तब यूपी में कैबिनेट मंत्री रहे लक्ष्मी नारायण चौधरी ने भगवान हनुमान को जाट बना दिया। नैशनल कमिशन फार शेड्यूल्ड ट्राइब्स के चेयरमैन नंद कुमार साई ने दावा किया था कि हनुमान आदिवासी थे। उसी समय, भोपाल में एक जैन पुजारी ने दावा किया भगवान हनुमान न तो दलित थे न आदिवासी, बल्कि वो तो जैन थे।
…जब बजरंगबली के भक्त बुक्कल नवाब ने पढ़ी हनुमान चालीसा
अजान की तुलना हनुमान चालीसा से…
वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि देश भर में हनुमान चालीसा और भगवान राम के भजनों का प्रसार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा की आजान से तुलना करना गलत है। उन्होंने कहा रामनवमी के जुलूस पर हिंदुओं के ऊपर आक्रमण करना और उन्हीं को दोष देना गलत है। हम तो हनुमान चालीसा की बात करेंगे। देश में हनुमान की भक्ति और आदर्श लोगों के सामने आने चाहिए। कहा कि हनुमान जी की तुलना आजान से हो ही नहीं सकती। हनुमान जी सर्वोच्च हैं।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। जमीयत के सचिव नियाज फारूकी ने कहा कि ‘अजान लोगों के लिए जितनी जरूरी है उतना ही जरूरी हनुमान चालीसा है लेकिन एक-दूसरे से इसपर मुकाबला करना ठीक नहीं क्योंकि मुल्क का दस्तूर अभी तक सभी धर्मों की इज्जत करना सिखाता है। हनुमान चालीसा होने से किसी को ऐतराज नहीं, बल्कि यह तो अच्छा है बुरे कामों को छोड़ लोग हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू करेंगे।’
BJP नेता ने छत पर लगाया लाउड स्पीकर, अजान की तरह 5 बार बजेगा हनुमान चालीसा
बीजेपी नेता बंटवा रहे लाउडस्पीकर
मंदिरों से देवी-देवताओं के भजन-कीर्तन और हनुमान चालीसा के प्रसारण के लिए बीजेपी नेता मोहित कंबोज भारतीय फ्री में लाउडस्पीकर बांट रहे हैं। मोहित के अनुसार, 10,000 से ज्यादा लोगों ने लाउडस्पीकर की मांग की है। लाउडस्पीकर की आपूर्ति के लिए मोहित ने दिल्ली की एक कंपनी से करार किया है। यह कंपनी लाउडस्पीकरों की आपूर्ति करेगी। लाउडस्पीकर के वितरण की विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि देशभर के मंदिरों तक लाउडस्पीकर को पहुंचाया जा सके।