यू-ट्यूब पर नकली नोट बनाना सीख कर बाजार में उतारे, ऐसे फूटा भांडा | how to print fake notes from youtube police caught | Patrika News h3>
दो बेरोजगार युवकों ने यू-ट्यूब पर पहले नकली नोट बनाने सीखे फिर प्रिंटर की मदद से 100-100 के नकली नोट घर में छापने लगे। दोनों युवक नकली नोटों को साप्ताहिक बाजार में आसानी से चला रहे थे, लेकिन मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
नोएडा
Published: April 16, 2022 10:31:53 am
ये खबर आपको खबरदार करने वाली है। यदि आप बाजार से कोई समान खरीदने जा रहे हैं या गाड़ी में पेट्रोल भरवाने जा रहे है तो पैसो का लेन-देन करने में सावधानी बरतें। अच्छी तरह जांच परखकर ही नोटों का आदान-प्रदान करें, क्योंकि ग्रेटर नोएडा की इकोटेक-3 पुलिस ने दो बदमाशो को गिरफ्तार किया है, जो धड़ाधड़ नकली नोट छापकर बाजार में खपाने में जुटे थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 14 नकली नोट, लैपटॉप, प्रिंटर, एक ब्लेड पेपर कटिंग, ए-4 साइज के 52 पेपर, एक पैमाना आदि सामान बरामद किए हैं।
पुलिस के गिरफ्त में आए विकास सिंह और त्रिवेंद्र शर्मा को नकली नोट छाप कर सड़क पर लगने वाले साप्ताहिक बाजार में खपाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। डीसीपी हरीश चंद्र ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर त्रिवेन्द्र को केके फूड के सामने ग्राम हबीबपुर से गिरफ्तार किया है। वहीं दूसरे आरोपी विकास सिंह को नकली नोट बनाते हुए ग्राम छलेरा से गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी ने बताया कि विकास सिंह पुरानी कार टैक्सी के रूप में चलाकर गुजारा चलाता था, लेकिन कुछ माह पहले उसकी टैक्सी खराब हो गई थी। इससे वह बेरोजगार हो गया। इसके बाद उसने यू-ट्यूब पर नकली नोट बनाने का तरीका ढूंढा और सौ-सौ के नकली नोट प्रिंटर आदि की मदद से छापने लगा और अपने साथी त्रिवेंद्र शर्मा की मदद से साप्ताहिक बाजार में नकली नोट चलाकर सामान खरीदने लगा। त्रिवेंद्र पहले एक निजी कंपनी में काम करता था, लेकिन काम छूटने के बाद किसी नए काम की तलाश में था।
यह भी पढ़ें- बीमारी से ग्रसित पीयूष जैन को अदालत से बड़ा झटका, अर्जी हुई खारिज साप्ताहिक बाजार रहते थे टारगेट पर विकास नकली नोट त्रिवेंद्र को देता था। त्रिवेंद्र इन नोटों को साप्ताहिक बाजार में चलाकर दस या बीस रुपये का सामान रेहड़ी पटरी से खरीदकर बचे हुए पैसे रख लेता था। कई बार विकास सिंह भी इसी तरह बाजार में नोट चलाता था।
यह भी पढ़ें- यूपी के इस जिले में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या, दहलउठी संगमनगरी इसलिए सिर्फ 100 के नोट ही छापते थे आरोपियों का कहना है कि सौ के नोट को ध्यान से कोई नहीं देखता। इस कारण वह सौ रुपये का ही नोट छापकर चलाते थे। दोनों आरोपी एक माह में हजारों नकली नोट इसी तरह चला चुके हैं। लेकिन, मुखबिर की सूचना पर ईकोटेक-3 थाना पुलिस ने शुक्रवार शाम गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 14 नकली नोट, लैपटॉप, प्रिंटर, एक ब्लेड पेपर कटिंग, ए-4 साइज के 52 पेपर, एक पैमाना आदि सामान बरामद किए हैं।
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दो बेरोजगार युवकों ने यू-ट्यूब पर पहले नकली नोट बनाने सीखे फिर प्रिंटर की मदद से 100-100 के नकली नोट घर में छापने लगे। दोनों युवक नकली नोटों को साप्ताहिक बाजार में आसानी से चला रहे थे, लेकिन मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
नोएडा
Published: April 16, 2022 10:31:53 am
ये खबर आपको खबरदार करने वाली है। यदि आप बाजार से कोई समान खरीदने जा रहे हैं या गाड़ी में पेट्रोल भरवाने जा रहे है तो पैसो का लेन-देन करने में सावधानी बरतें। अच्छी तरह जांच परखकर ही नोटों का आदान-प्रदान करें, क्योंकि ग्रेटर नोएडा की इकोटेक-3 पुलिस ने दो बदमाशो को गिरफ्तार किया है, जो धड़ाधड़ नकली नोट छापकर बाजार में खपाने में जुटे थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 14 नकली नोट, लैपटॉप, प्रिंटर, एक ब्लेड पेपर कटिंग, ए-4 साइज के 52 पेपर, एक पैमाना आदि सामान बरामद किए हैं।
पुलिस के गिरफ्त में आए विकास सिंह और त्रिवेंद्र शर्मा को नकली नोट छाप कर सड़क पर लगने वाले साप्ताहिक बाजार में खपाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। डीसीपी हरीश चंद्र ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर त्रिवेन्द्र को केके फूड के सामने ग्राम हबीबपुर से गिरफ्तार किया है। वहीं दूसरे आरोपी विकास सिंह को नकली नोट बनाते हुए ग्राम छलेरा से गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी ने बताया कि विकास सिंह पुरानी कार टैक्सी के रूप में चलाकर गुजारा चलाता था, लेकिन कुछ माह पहले उसकी टैक्सी खराब हो गई थी। इससे वह बेरोजगार हो गया। इसके बाद उसने यू-ट्यूब पर नकली नोट बनाने का तरीका ढूंढा और सौ-सौ के नकली नोट प्रिंटर आदि की मदद से छापने लगा और अपने साथी त्रिवेंद्र शर्मा की मदद से साप्ताहिक बाजार में नकली नोट चलाकर सामान खरीदने लगा। त्रिवेंद्र पहले एक निजी कंपनी में काम करता था, लेकिन काम छूटने के बाद किसी नए काम की तलाश में था।
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