हनुमानजी का भी है वाट्सअप नंबर, मैसेज करने से भी पूरी होती है मनोकामना | whatsapp number of lord hanuman hanuman jayanti 2022 news | Patrika News h3>
hanuman jayanti 2022- भोपाल में हनुमान जी का एक अनोखा मंदिर हैं, यहां वाट्सअप पर भी लोग अपनी मनोकामना भेजते हैं…।
भोपाल
Published: April 15, 2022 07:17:31 pm
भोपाल। आस्था का एक केंद्र ऐसा भी है, जहां लिखित में अर्जी लगाने वालों की मनोकामना पूरी हो जाती है। इस मंदिर की खास बात यह है कि जो लोग इस मंदिर तक नहीं पहुंच सकते हैं, वे वाट्सअप पर ही अपना संदेश हनुमानजी तक पहुंचा सकते हैं। खास कर इस मंदिर में पढ़ाई-लिखाई करने वाले और दूर शहरों में रहने चले गए श्रद्धालु वाट्सअप पर भी अपनी मनोकामना के लिए अर्जी लगाते हैं।
यह मंदिर नेहरू नगर में अर्जीवाले हनुमानजी के नाम से विख्यात है। यहां आने वाले लोग बताते हैं कि पहले यहां चिट्ठी और पत्रों के जरिए एक नारियल के साथ अर्जी लगाई जाती थी, लेकिन दौर बदला और लोग फोन पर अपनी मनोकामना सुनाने लगे। कई लोग दूर रहने वाले अपने परिचितों के संदेश हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष पढ़ देते थे। अब श्रद्धालु वाट्सअप के जरिए भी अपनी अर्जी हनुमानजी तक पहुंचाने लगे। यहां के पुजारी नरेंद्र दीक्षित ने बकायदा हनुमानजी का एक फोन नंबर रख रखा है। इसी पर लोग अपनी समस्या बताते हैं और वाट्सअप के जरिए अपनी अर्जी भेज देते हैं। पंडितजी उनका यह संदेश हनुमानजी की मूर्ति तक मंत्रोच्चार के साथ पहुंचा देते हैं।
कई वर्षों से जुड़े हैं हजारों लोग
अर्जी वाले हनुमान मंदिर के पुजारी नरेन्द्र दीक्षित कहते हैं कि यहां सैकड़ों लोग आज भी जुड़े हैं, जो दूर दराज के शहरों में रहने चले गए हैं। स्थानीय लोगों के अलावा बेंगलूरु, पुणे, मुंबई तो कोई दिल्ली, हिमाचल, पंजाब चले गए लोग आज भी वाट्सअप पर अपनी अर्जी भेज देते हैं। यह उनकी भावनाएं हैं कि वे किसी न किसी तरह से भगवान के साथ जुड़े रहना चाहते हैं।
वाट्सअप पर आई थी पहली अर्जी
पंडित नरेंद्र दीक्षित कहते हैं कि आज से चार साल पहले राहुल गुप्ता नामक एक युवक ने वाट्सअप के जरिए पहली बार अर्जी लगाई थी। पहले वे खुद हैरान रह गए लेकिन बच्चे की आस्था के आगे उन्होंने भी अर्जी को आगे बढ़ा दिया। उसकी अर्जी भगवान के समक्ष पढ़कर सुना दी। फिर क्या था, बच्चे की मनोकामना पूरी होने के बाद यह सिलसिला ही शुरू हो गया। अब स्थानीय लोग तो आते ही है, बाहर के लोग जो नहीं आ पाते वे सोशल मीडिया से हनुमानजी के संपर्क में रहते हैं।
पं. दीक्षित के अनुसार कई परिजनों ने अस्पताल में भर्ती मरीजों को मंदिर के पूजन और आरती को वीडियो काल के जरिए भी मूर्ति दिखाई गई, दर्शन कराए गए तो उन्हें लाभ हुआ। जिसे भी हनुमानजी से अपनी मनोकामना व्यक्त करना हो वे हनुमानजी के 9827331604 नंबर पर वाट्सअप कर सकते हैं।
हनुमानजी के कान में लगाते हैं मोबाइल
यही प्रक्रिया फोन कॉल आने पर भी की जाती है। कई भक्तों के फोन पंडितजी को भी आते है। वे भगवान को अपनी समस्या सुनाना चाहते हैं, तो पंडितजी अपना मोबाइल भगवान के कानों में लगा देते हैं।
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hanuman jayanti 2022- भोपाल में हनुमान जी का एक अनोखा मंदिर हैं, यहां वाट्सअप पर भी लोग अपनी मनोकामना भेजते हैं…।
भोपाल
Published: April 15, 2022 07:17:31 pm
भोपाल। आस्था का एक केंद्र ऐसा भी है, जहां लिखित में अर्जी लगाने वालों की मनोकामना पूरी हो जाती है। इस मंदिर की खास बात यह है कि जो लोग इस मंदिर तक नहीं पहुंच सकते हैं, वे वाट्सअप पर ही अपना संदेश हनुमानजी तक पहुंचा सकते हैं। खास कर इस मंदिर में पढ़ाई-लिखाई करने वाले और दूर शहरों में रहने चले गए श्रद्धालु वाट्सअप पर भी अपनी मनोकामना के लिए अर्जी लगाते हैं।
यह मंदिर नेहरू नगर में अर्जीवाले हनुमानजी के नाम से विख्यात है। यहां आने वाले लोग बताते हैं कि पहले यहां चिट्ठी और पत्रों के जरिए एक नारियल के साथ अर्जी लगाई जाती थी, लेकिन दौर बदला और लोग फोन पर अपनी मनोकामना सुनाने लगे। कई लोग दूर रहने वाले अपने परिचितों के संदेश हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष पढ़ देते थे। अब श्रद्धालु वाट्सअप के जरिए भी अपनी अर्जी हनुमानजी तक पहुंचाने लगे। यहां के पुजारी नरेंद्र दीक्षित ने बकायदा हनुमानजी का एक फोन नंबर रख रखा है। इसी पर लोग अपनी समस्या बताते हैं और वाट्सअप के जरिए अपनी अर्जी भेज देते हैं। पंडितजी उनका यह संदेश हनुमानजी की मूर्ति तक मंत्रोच्चार के साथ पहुंचा देते हैं।
कई वर्षों से जुड़े हैं हजारों लोग
अर्जी वाले हनुमान मंदिर के पुजारी नरेन्द्र दीक्षित कहते हैं कि यहां सैकड़ों लोग आज भी जुड़े हैं, जो दूर दराज के शहरों में रहने चले गए हैं। स्थानीय लोगों के अलावा बेंगलूरु, पुणे, मुंबई तो कोई दिल्ली, हिमाचल, पंजाब चले गए लोग आज भी वाट्सअप पर अपनी अर्जी भेज देते हैं। यह उनकी भावनाएं हैं कि वे किसी न किसी तरह से भगवान के साथ जुड़े रहना चाहते हैं।
वाट्सअप पर आई थी पहली अर्जी
पंडित नरेंद्र दीक्षित कहते हैं कि आज से चार साल पहले राहुल गुप्ता नामक एक युवक ने वाट्सअप के जरिए पहली बार अर्जी लगाई थी। पहले वे खुद हैरान रह गए लेकिन बच्चे की आस्था के आगे उन्होंने भी अर्जी को आगे बढ़ा दिया। उसकी अर्जी भगवान के समक्ष पढ़कर सुना दी। फिर क्या था, बच्चे की मनोकामना पूरी होने के बाद यह सिलसिला ही शुरू हो गया। अब स्थानीय लोग तो आते ही है, बाहर के लोग जो नहीं आ पाते वे सोशल मीडिया से हनुमानजी के संपर्क में रहते हैं।
पं. दीक्षित के अनुसार कई परिजनों ने अस्पताल में भर्ती मरीजों को मंदिर के पूजन और आरती को वीडियो काल के जरिए भी मूर्ति दिखाई गई, दर्शन कराए गए तो उन्हें लाभ हुआ। जिसे भी हनुमानजी से अपनी मनोकामना व्यक्त करना हो वे हनुमानजी के 9827331604 नंबर पर वाट्सअप कर सकते हैं।
हनुमानजी के कान में लगाते हैं मोबाइल
यही प्रक्रिया फोन कॉल आने पर भी की जाती है। कई भक्तों के फोन पंडितजी को भी आते है। वे भगवान को अपनी समस्या सुनाना चाहते हैं, तो पंडितजी अपना मोबाइल भगवान के कानों में लगा देते हैं।
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