Elon Musk Twitter takeover: ट्विटर को खरीदने के लिए क्यों बेताब हैं दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क, यहां जानिए सबकुछ h3>
नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क (Elon Musk) लोकप्रिय सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर (Twitter) को खरीदने के लिए भारी रकम देने को तैयार हैं। उन्होंने कंपनी के हरेक शेयर के लिए 54.20 डॉलर देने की पेशकश की है। इस हिसाब से कंपनी की वैल्यू 43 अरब डॉलर बैठती है। टेस्ला (Tesla), स्पेसएक्स (SpaceX) और कई दूसरी कंपनियों को चलाने वाले मस्क पहले ही ट्विटर में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी खरीद चुके हैं। इस ऑफर के साथ ही उन्होंने ट्विटर को आगाह भी किया है कि अगर उनका ऑफर नहीं माना गया तो वह कंपनी में अपने निवेश पर नए सिरे से विचार कर सकते है।
मस्क ने ट्विटर के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के चेयमैन ब्रेट टेलर (Bret Taylor) को लिखे एक पत्र में कहा, ‘मौजूदा रूप में कंपनी न तो आगे बढ़ेगी और न ही अपने लक्ष्य को पूरा कर सकेगी। ट्विटर में भारी क्षमताएं हैं और मैं उसे उसके मुकाम पर पहुंचाऊंगा। मस्क ने ट्विटर के हरेक शेयर के लिए 54.20 डॉलर देने की पेशकश की है जो इसके बुधवार के बंद भाव से 18 फीसदी और एक अप्रैल के भाव से 38 फीसदी अधिक है। मस्क का कहना है कि यह बेस्ट और फाइनल ऑफर है।
मस्क का ऑफर
मस्क ने करीब दो हफ्ते पहले ट्विटर में हिस्सेदारी खरीदने का खुलासा किया था। वह ट्विटर में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी खरीदकर सबसे बड़े स्टेकहोल्डर बन गए थे। तब से ही ट्विटर और मस्क में जबरदस्त खींचतान चल रही है। इस बीच ट्विटर ने दावा किया था कि मस्क उसके बोर्ड में शामिल होंगे। लेकिन मस्क ने इस ऑफर को ठुकरा दिया था। इसके बाद से ऐसी अटकलों का बाजार गर्म था कि मस्क जबरन कंपनी का टेकओवर कर सकते हैं।
आखिर सवाल उठता है कि ट्विटर में ऐसा क्या है कि दुनिया का सबसे रईस शख्स किसी भी कीमत पर उसे खरीदना चाहता है। मस्क ट्विटर की ताकत को समझते हैं और अपनी बात कहने के लिए इसका खूब इस्तेमाल करते हैं। इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके 8.1 करोड़ फॉलोअर्स हैं। उनके एक ट्वीट से क्रिप्टोकरेंसीज की कीमत में भारी उतार-चढ़ाव आ सकता है। डॉगकॉइन (Dogecoin) और शीबा इनू (Shiba Inu) जैसी मीम क्रिप्टोकरेंसीज इसका उदाहरण हैं। साथ ही वह जब-तब ट्विटर पर पोल कराते रहते हैं। लेकिन मस्क ट्विटर के सबसे बड़े आलोचक भी हैं।
ट्विटर पर पोल
मार्च में मस्क ने ट्विटर पर एक पोल कराया था। इसमें उन्होंने अपने फॉलोअर्स से पूछा था कि ट्विटर फ्री स्पीच को प्रोटेक्ट करता है या नहीं। मस्क ने दावा किया कि 20 लाख यूजर्स ने इस पर जवाब दिया और उनमें से 70 फीसदी का जवाब ‘नहीं’ में था। यानी उनका मानना था कि ट्विटर फ्री स्पीच को प्रोटेक्ट नहीं करता है। मस्क ने कहा था कि यह पोल बहुत अहम है। इसके बाद एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि ट्विटर एक पब्लि टाउन स्क्वायर की तरह काम करता है और अगर वह फ्री स्पीच के सिद्धांतों को नहीं मानता है तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। क्या किया जाना चाहिए।
टेलर को लिखी चिट्ठी में मस्क ने कहा कि उन्होंने ट्विटर में इसलिए निवेश किया क्योंकि उन्हें लगता है कि यह पूरी दुनिया में फ्री स्पीच का प्लेटफॉर्म बन सकता है। मस्क को लगता है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस पब्लिक कंपनी को प्राइवेट बनाने की जरूरत है। यही वजह है कि मस्क ने पूरी कंपनी को खरीदने की पेशकश की है।
ट्विटर का रिस्पॉन्स
ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल ने रविवार को कर्मचारियों को आगाह किया था कि आने वाले दिनों में भारी उथलपुथल देखने को मिल सकती है। हालांकि मस्क के ऑफर पर उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। इस बीच ट्विटर ने कहा है कि उसे मस्क का ऑफर मिल चुका है और बोर्ड इस पर विचार कर रहा है। बोर्ड के मुताबिक जो भी फैसला होगा वह कंपनी और शेयरहोल्डर्स के हित में होगा। जानकारों का कहना है कि इस बात की संभावना कम है कि ट्विटर मस्क के ऑफर को स्वीकार करेगा।
मस्क ने आगाह किया है कि अगर ट्विटर ने उसके ऑफर को ठुकराया तो वह अपनी में अपनी हिस्सेदारी पर विचार करेंगे। जानकारों का कहना है कि अगर ट्विटर इस ऑफर को ठुकराता है तो उसके शेयरों में गिरावट आएगी। मस्क ने साथ ही एक नया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाने का आइडिया दिया है। ऐसे में ट्विटर का मुकाबला करने के लिए वह एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बना सकते हैं। मस्क ने गुरुवार को कहा था कि अगर था कि अगर उनका ऑफर खारिज होता है तो उनके पास प्लान बी तैयार है।
कर्मचारियों में डर
ट्विटर में हिस्सेदारी लेने के बाद मस्क ने इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ब्लू प्रीमियम सब्सक्रिप्शन सर्विस में बदलाव का सुझाव दिया था। इन सुझावों में कीमत में कमी, विज्ञापन पर प्रतिबंध और क्रिप्टोकरेंसी डॉगकॉइन में भुगतान का विकल्प देना भी शामिल था। मस्क के जुड़ने से ट्विटर के कुछ कर्मचारियों में डर का माहौल था। यहां तक जा रहा है कि कुछ कर्मचारी अपना रेज्यूमे अपडेट कर रहे हैं क्योंकि वे मस्क के साथ काम नहीं करना चाहते हैं।
Elon Musk Offer To Buy Twitter: एलन मस्क को चाहिए ट्विटर, 3.2 लाख करोड़ रुपए कैश में देंगे
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मस्क ने ट्विटर के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के चेयमैन ब्रेट टेलर (Bret Taylor) को लिखे एक पत्र में कहा, ‘मौजूदा रूप में कंपनी न तो आगे बढ़ेगी और न ही अपने लक्ष्य को पूरा कर सकेगी। ट्विटर में भारी क्षमताएं हैं और मैं उसे उसके मुकाम पर पहुंचाऊंगा। मस्क ने ट्विटर के हरेक शेयर के लिए 54.20 डॉलर देने की पेशकश की है जो इसके बुधवार के बंद भाव से 18 फीसदी और एक अप्रैल के भाव से 38 फीसदी अधिक है। मस्क का कहना है कि यह बेस्ट और फाइनल ऑफर है।
मस्क का ऑफर
मस्क ने करीब दो हफ्ते पहले ट्विटर में हिस्सेदारी खरीदने का खुलासा किया था। वह ट्विटर में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी खरीदकर सबसे बड़े स्टेकहोल्डर बन गए थे। तब से ही ट्विटर और मस्क में जबरदस्त खींचतान चल रही है। इस बीच ट्विटर ने दावा किया था कि मस्क उसके बोर्ड में शामिल होंगे। लेकिन मस्क ने इस ऑफर को ठुकरा दिया था। इसके बाद से ऐसी अटकलों का बाजार गर्म था कि मस्क जबरन कंपनी का टेकओवर कर सकते हैं।
आखिर सवाल उठता है कि ट्विटर में ऐसा क्या है कि दुनिया का सबसे रईस शख्स किसी भी कीमत पर उसे खरीदना चाहता है। मस्क ट्विटर की ताकत को समझते हैं और अपनी बात कहने के लिए इसका खूब इस्तेमाल करते हैं। इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके 8.1 करोड़ फॉलोअर्स हैं। उनके एक ट्वीट से क्रिप्टोकरेंसीज की कीमत में भारी उतार-चढ़ाव आ सकता है। डॉगकॉइन (Dogecoin) और शीबा इनू (Shiba Inu) जैसी मीम क्रिप्टोकरेंसीज इसका उदाहरण हैं। साथ ही वह जब-तब ट्विटर पर पोल कराते रहते हैं। लेकिन मस्क ट्विटर के सबसे बड़े आलोचक भी हैं।
ट्विटर पर पोल
मार्च में मस्क ने ट्विटर पर एक पोल कराया था। इसमें उन्होंने अपने फॉलोअर्स से पूछा था कि ट्विटर फ्री स्पीच को प्रोटेक्ट करता है या नहीं। मस्क ने दावा किया कि 20 लाख यूजर्स ने इस पर जवाब दिया और उनमें से 70 फीसदी का जवाब ‘नहीं’ में था। यानी उनका मानना था कि ट्विटर फ्री स्पीच को प्रोटेक्ट नहीं करता है। मस्क ने कहा था कि यह पोल बहुत अहम है। इसके बाद एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि ट्विटर एक पब्लि टाउन स्क्वायर की तरह काम करता है और अगर वह फ्री स्पीच के सिद्धांतों को नहीं मानता है तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। क्या किया जाना चाहिए।
टेलर को लिखी चिट्ठी में मस्क ने कहा कि उन्होंने ट्विटर में इसलिए निवेश किया क्योंकि उन्हें लगता है कि यह पूरी दुनिया में फ्री स्पीच का प्लेटफॉर्म बन सकता है। मस्क को लगता है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस पब्लिक कंपनी को प्राइवेट बनाने की जरूरत है। यही वजह है कि मस्क ने पूरी कंपनी को खरीदने की पेशकश की है।
ट्विटर का रिस्पॉन्स
ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल ने रविवार को कर्मचारियों को आगाह किया था कि आने वाले दिनों में भारी उथलपुथल देखने को मिल सकती है। हालांकि मस्क के ऑफर पर उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। इस बीच ट्विटर ने कहा है कि उसे मस्क का ऑफर मिल चुका है और बोर्ड इस पर विचार कर रहा है। बोर्ड के मुताबिक जो भी फैसला होगा वह कंपनी और शेयरहोल्डर्स के हित में होगा। जानकारों का कहना है कि इस बात की संभावना कम है कि ट्विटर मस्क के ऑफर को स्वीकार करेगा।
मस्क ने आगाह किया है कि अगर ट्विटर ने उसके ऑफर को ठुकराया तो वह अपनी में अपनी हिस्सेदारी पर विचार करेंगे। जानकारों का कहना है कि अगर ट्विटर इस ऑफर को ठुकराता है तो उसके शेयरों में गिरावट आएगी। मस्क ने साथ ही एक नया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाने का आइडिया दिया है। ऐसे में ट्विटर का मुकाबला करने के लिए वह एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बना सकते हैं। मस्क ने गुरुवार को कहा था कि अगर था कि अगर उनका ऑफर खारिज होता है तो उनके पास प्लान बी तैयार है।
कर्मचारियों में डर
ट्विटर में हिस्सेदारी लेने के बाद मस्क ने इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ब्लू प्रीमियम सब्सक्रिप्शन सर्विस में बदलाव का सुझाव दिया था। इन सुझावों में कीमत में कमी, विज्ञापन पर प्रतिबंध और क्रिप्टोकरेंसी डॉगकॉइन में भुगतान का विकल्प देना भी शामिल था। मस्क के जुड़ने से ट्विटर के कुछ कर्मचारियों में डर का माहौल था। यहां तक जा रहा है कि कुछ कर्मचारी अपना रेज्यूमे अपडेट कर रहे हैं क्योंकि वे मस्क के साथ काम नहीं करना चाहते हैं।
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