Russian Commander: पुतिन ने ‘कसाई’ को सौंपी रूसी सेना की कमान, सीरिया और चेचेन्या में बिछा चुका है लाशें…खतरे में यूक्रेन का भविष्य!

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Russian Commander: पुतिन ने ‘कसाई’ को सौंपी रूसी सेना की कमान, सीरिया और चेचेन्या में बिछा चुका है लाशें…खतरे में यूक्रेन का भविष्य!

Russian Commander: पुतिन ने ‘कसाई’ को सौंपी रूसी सेना की कमान, सीरिया और चेचेन्या में बिछा चुका है लाशें…खतरे में यूक्रेन का भविष्य!

कीव/मॉस्को : रूस और यूक्रेन के बीच जंग आने वाले दिनों में एक नया मोड़ ले सकती है। रूसी सैनिकों की कमान अब एक ‘कसाई’ के हाथ में है। यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के पूर्व उप प्रमुख ले. जनरल इहोर रोमनेंको ने अलेक्जेंडर ड्वोर्निकोव के बारे में कहा, ‘उसे दूसरे चेचेन युद्ध और फिर सीरिया में अलेप्पो के बाद से कसाई कहा जाता है।’ हालिया खबरों के मुताबिक पुतिन ने अलेक्जेंडर ड्वोर्निकोव को यूक्रेन में रूसी सैन्य बलों का सुप्रीम कमांडर नियुक्त किया है।

अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक ड्वोर्निकोव ने 1999 से 2000 के बीच एक रूसी मोटर राइफल डिवीजन का नेतृत्व किया था, जिसने चेचेन्या की राजधानी ग्रोज़्नी में तबाही मचा दी थी। उस दौरान रूसी सेना ने पहले शहर की घेराबंदी की और फिर उस पर बम बरसाए। इसके बाद सेना पैदल सैनिकों की टुकड़ियों में भीतर घुसी और कहा जाता है कि उन्हें जो दिखा उसे गोली मार दी। रॉकेट, तोपों, प्रतिबंधित क्लस्टर बम और क्रूज मिसाइलों ने हजारों नागरिकों को मार डाला और ग्रोज़्नी को बर्बाद कर दिया।

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मारियुपोल में इस्तेमाल कर रहा ग्रोज़्नी रणनीति
यह शहर 6 फरवरी 2000 को रूस के कब्जे में आ गया। तब पुतिन को रूस की सत्ता संभाले एक महीने से भी कम समय हुआ था। युद्ध पर करीब से नजर रखने वालों का कहना है कि रूस दक्षिणी यूक्रेनी शहर मारियुपोल में उसी रणनीति का इस्तेमाल कर रहा है। यूक्रेन के अधिकारियों ने रूस पर दसियों हजार नागरिकों की हत्या और लगभग हर इमारत को क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया है। ड्वोर्निकोव पुतिन के भरोसेमंद माने जाते हैं। 2015 में पुतिन ने ड्वोर्निकोव को युद्ध-ग्रस्त सीरिया में रूसी कार्रवाई की कमान सौंपी थी।

‘उसे कोई नहीं रोक सकता…हम देख चुके हैं’
ड्वोर्निकोव ने न सिर्फ सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को बरकार रखा और अलेप्पो के युद्ध में जीत हासिल की। खबरों के मुताबिक ऐसा प्रतीत होता है कि ड्वोर्निकोव ने अलेप्पो में भी ग्रोज़्नी की रणनीति का इस्तेमाल किया था जिसमें हजारों सीरियाई नागरिक मारे गए और ऐतिहासिक शहर एक मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। रोमनेंको ने कहा, ‘उसे कोई नहीं रोक सकता। हम अलेप्पो में नतीजे देख चुके हैं। रूसी सेना ने सीरिया में सिर्फ साढ़े पांच महीनों में ही हालत बदल दिए थे।’



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