बंदियों को सिखाया योग और प्राणायाम | Yoga and Pranayama taught to prisoners | Patrika News h3>
आर्ट ऑफ लिविंग परिवार जयपुर की ओर से केन्द्रीय कारागार जयपुर में बंदियों के लिए प्रिजन स्मार्ट कार्यक्रम का 5 दिवसीय कोर्स आयोजित किया गया। जिसमें प्राणायाम,ध्यान और सत्संग का आयोजन सेंट्रल जेल में स्थित सभागार में किया गया।
जयपुर
Updated: April 12, 2022 04:49:11 pm
बंदियों को सिखाया योग और प्राणायाम
जयपुर।
आर्ट ऑफ लिविंग परिवार जयपुर की ओर से केन्द्रीय कारागार जयपुर में बंदियों के लिए प्रिजन स्मार्ट कार्यक्रम का 5 दिवसीय कोर्स आयोजित किया गया। जिसमें प्राणायाम,ध्यान और सत्संग का आयोजन सेंट्रल जेल में स्थित सभागार में किया गया। वरिष्ठ आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षक विजय दत्त शर्मा ने बंदियों को योग,प्राणायाम एवं सुदर्शन क्रिया का अभ्यास व ध्यान कराया। जेल अधीक्षक राकेश मोहन शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में 60 से अधिक बंदियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में बंदियों द्वारा नियमित योग साधना का संकल्प लिया गया। सत्संग के बाद कार्यक्रम में फल वितरण किया गया और भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रम करवाने का आश्वासन दिया। स्टेट मीडिया कॉॅर्डिनेटर आभा पराशर ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम सेंट्रल जेल में बंदियों के उत्थान और पुनर्निमाण के लिए सभी जेलों में आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से करवाए जाते हैं।
बंदियों को सिखाया योग और प्राणायाम
नेशनल स्टोन स्कल्पचर कैम्प सृजन-22 का समापन
30 से अधिक कलाकृतियां की गई प्रदर्शित
जयपुर। पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ डिजाइन एंड आट्र्स की ओर से आयोजित दस दिवसीय नेशनल स्टोन स्कल्पचर कैम्प सृजन 22 का भव्य समापन हुआ। यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ.सुरेश चंद्र पाधे समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर कैम्प के 10 दिनों के दौरान बनाई गई 30 से अधिक छोटी बड़ी कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं।जो कलाकारों व स्टूडेंट्स के शिल्प कौशल को साफ दर्शा रही थी। इस दौरान फाइन आर्ट डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स द्वारा शिल्प कला पर बनाई गई नृत्य नाटिका की प्रस्तुति की गई, जिसे पूजा सोनी और रानू राज व द्वारा निर्देशित किया गया। इस संगीतमय प्रस्तुति के जरिए कला के विभिन्न आयामों को बेहद खूबसूरती के साथ प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर शिल्पकार हरिराम कुम्भावत और कवि चित्रकार अमित कल्ला भी उपस्थित थे। मुख्य अतिथि डॉ. सुरेश चंद्र पाधे और अन्य अतिथियों द्वारा सभी कलाकारों, उनके सहायकों और प्रतिभागी स्टूडेंट्स को प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
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आर्ट ऑफ लिविंग परिवार जयपुर की ओर से केन्द्रीय कारागार जयपुर में बंदियों के लिए प्रिजन स्मार्ट कार्यक्रम का 5 दिवसीय कोर्स आयोजित किया गया। जिसमें प्राणायाम,ध्यान और सत्संग का आयोजन सेंट्रल जेल में स्थित सभागार में किया गया।
जयपुर
Updated: April 12, 2022 04:49:11 pm
बंदियों को सिखाया योग और प्राणायाम
जयपुर।
आर्ट ऑफ लिविंग परिवार जयपुर की ओर से केन्द्रीय कारागार जयपुर में बंदियों के लिए प्रिजन स्मार्ट कार्यक्रम का 5 दिवसीय कोर्स आयोजित किया गया। जिसमें प्राणायाम,ध्यान और सत्संग का आयोजन सेंट्रल जेल में स्थित सभागार में किया गया। वरिष्ठ आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षक विजय दत्त शर्मा ने बंदियों को योग,प्राणायाम एवं सुदर्शन क्रिया का अभ्यास व ध्यान कराया। जेल अधीक्षक राकेश मोहन शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में 60 से अधिक बंदियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में बंदियों द्वारा नियमित योग साधना का संकल्प लिया गया। सत्संग के बाद कार्यक्रम में फल वितरण किया गया और भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रम करवाने का आश्वासन दिया। स्टेट मीडिया कॉॅर्डिनेटर आभा पराशर ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम सेंट्रल जेल में बंदियों के उत्थान और पुनर्निमाण के लिए सभी जेलों में आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से करवाए जाते हैं।
बंदियों को सिखाया योग और प्राणायाम
नेशनल स्टोन स्कल्पचर कैम्प सृजन-22 का समापन
30 से अधिक कलाकृतियां की गई प्रदर्शित
जयपुर। पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ डिजाइन एंड आट्र्स की ओर से आयोजित दस दिवसीय नेशनल स्टोन स्कल्पचर कैम्प सृजन 22 का भव्य समापन हुआ। यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ.सुरेश चंद्र पाधे समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर कैम्प के 10 दिनों के दौरान बनाई गई 30 से अधिक छोटी बड़ी कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं।जो कलाकारों व स्टूडेंट्स के शिल्प कौशल को साफ दर्शा रही थी। इस दौरान फाइन आर्ट डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स द्वारा शिल्प कला पर बनाई गई नृत्य नाटिका की प्रस्तुति की गई, जिसे पूजा सोनी और रानू राज व द्वारा निर्देशित किया गया। इस संगीतमय प्रस्तुति के जरिए कला के विभिन्न आयामों को बेहद खूबसूरती के साथ प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर शिल्पकार हरिराम कुम्भावत और कवि चित्रकार अमित कल्ला भी उपस्थित थे। मुख्य अतिथि डॉ. सुरेश चंद्र पाधे और अन्य अतिथियों द्वारा सभी कलाकारों, उनके सहायकों और प्रतिभागी स्टूडेंट्स को प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
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