‘होम सेक्रेटरी ज्यादा व्यस्त हैं तो यहां बुला लेंगे…’, सुप्रीम कोर्ट ने सलेम की सजा पर हलफनामा दायर करने का दिया आखिरी मौका

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‘होम सेक्रेटरी ज्यादा व्यस्त हैं तो यहां बुला लेंगे…’, सुप्रीम कोर्ट ने सलेम की सजा पर हलफनामा दायर करने का दिया आखिरी मौका

‘होम सेक्रेटरी ज्यादा व्यस्त हैं तो यहां बुला लेंगे…’, सुप्रीम कोर्ट ने सलेम की सजा पर हलफनामा दायर करने का दिया आखिरी मौका

SC directions to Union Home Secretary: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार के होम सेक्रेटरी (Union Home Secretary) से कहा है कि वह सलेम मामले में 18 अप्रैल तक हलफनामा दायर करें। कोर्ट ने होम सेक्रेटरी से कहा है कि वह भारत सरकार की ओर से सलेम (Abu Salem Sentence) की सजा के मामले में दिए गए अंडरटेकिंग मामले में बताएं कि क्या वह पुर्तगाल में दिए गए अंडरटेकिंग का पालन करने के लिए तैयार हैं। सलेम के प्रत्यर्पण के दौरान केंद्र सरकार ने पुर्तगाल सरकार के सामने अंडरटेकिंग दी थी कि सलेम को अधिकतम 25 साल की सजा होगी।

जस्टिस एसके कौल की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा है कि आपको आखिरी मौका दिया जाता है। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि लगता है कि कुछ कम्युनिकेशन गैप है। कोर्ट ने हलफनामा दायर न करने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि यह फेयर नहीं है। अगर आपके होम सेक्रेटरी ज्यादा व्यस्त हैं तो हम यहां बुला लेंगे। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि 18 अप्रैल तक हलफनामा दायर किया जाएगा।

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8 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के उस हलफनामा पर असंतुष्टि जाहिर की थी जिसमें सीबीआई ने कहा था कि अबू सलेम को प्रत्यर्पण के जरिये भारत लाने के दौरान भारत सरकार ने पुर्तगाल अथॉरिटी के सामने अधिकतम सजा को लेकर जो अंडरटेकिंग दी थी उससे भारतीय कोर्ट बाध्य नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के हलफनामे पर अंसुष्टि जाहिर की थी और केंद्र सरकार से इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा था। दरअसल, दिसंबर 2002 में भारत सरकार ने पुर्तगाल सरकार को प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान कहा था कि सलेम को 25 साल से ज्यादा सजा नहीं दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में सलेम की ओर से पेश वकील ने इस संदर्भ का हवाला दिया था और कहा था कि टाडा स्पेशल कोर्ट द्वारा सलेम को उम्रकैद की सजा देना भारत सरकार के अंडरटेकिंग के खिलाफ है जिसमें भारत सरकार ने पुर्तगाल में अंडरटेकिंग दी थी कि सलेम को 25 साल से ज्यादा सजा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह सच‍िव से जवाब दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने होम सेक्रेटरी से कहा है कि वह बताएं कि भारत सरकार की ओर से तब जो अंटरटेकिंग पुर्तगाल कोर्ट और अथॉरिटी को दी गई थी उस पर सरकार का क्या स्टैंड है।

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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल की अगुवाई वाली बेंच में सलेम के वकील ऋषि मल्होत्रा ने कहा था कि टाडा अदालत ने सलेम को उम्रकैद की जो सजा दी है वह सरकार के अंडरटेकिंग के खिलाफ है। साथ ही कहा था कि टाडा कोर्ट ने कहा था कि वह सरकार के अंडरटेकिंग के लिए बाध्य नहीं है।

साथ ही मल्होत्रा ने कहा कि सलेम को 2002 में कस्टडी में लिया गया था और भारत उसे 2005 में लाया गया। गौरतलब है कि 18 सितंबर 2002 को सलेम को पुर्तगाल में ग‍िरफ्तार किया गया था। उसे बॉम्बे बम ब्लास्ट केस में प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया था। 11 नवंबर 2005 को भारत लाया गया। सलेम को प्रदीप जैन मर्डर केस में उम्रकैद हो रखी है।



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