Pakistan News : जिस सेना पर था गर्व, उसे आज धिक्कार रहे पाकिस्तानी! जनरल बाजवा को मीर जाफर क्यों कह रहे?

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Pakistan News : जिस सेना पर था गर्व, उसे आज धिक्कार रहे पाकिस्तानी! जनरल बाजवा को मीर जाफर क्यों कह रहे?

Pakistan News : जिस सेना पर था गर्व, उसे आज धिक्कार रहे पाकिस्तानी! जनरल बाजवा को मीर जाफर क्यों कह रहे?

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की संसद में नंबरगेम का खेल इमरान खान (Imran Khan) हार गए हैं। शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के रूप में पाकिस्तान को नया प्रधानमंत्री मिलने वाला है। कुर्सी बचाने की आखिरी कोशिशों तक इमरान खान और उनकी पूरी पार्टी खुलेआम अमेरिका का नाम लेकर विदेशी साजिश की बात करती रही, लेकिन आधी रात को सरकार गिर गई। देश का एक बड़ा तबका इस घटनाक्रम से गुस्साया हुआ है। पाकिस्तानी युवा देश के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा (General Bajwa) पर भड़के हुए हैं। इमरान सरकार नैशनल असेंबली में विश्वास मत हार गई तो देश के लोग आर्मी चीफ पर गुस्सा क्यों उतार रहे हैं? कुछ लोग तो उन्हें मीर जाफर भी कह रहे हैं। देश के साथ गद्दारी की बातें कहते हुए पाकिस्तानी कई वीडियो शेयर कर रहे हैं और मुल्क में #BajwaSurrender ट्रेंड हो रहा है। देश के कई शहरों में इमरान सरकार को गिराने के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं।

बाजवा ने देश को धोखा दिया
दरअसल, पाकिस्तानी कह रहे हैं कि आर्मी चीफ बाजवा ने देश को धोखा दिया है और अमेरिका के साथ मिलकर इमरान सरकार को गिराने में उनका हाथ है। शकील सत्तार ने लिखा कि पाकिस्तान आर्मी पर मुझे हमेशा से गर्व रहा है लेकिन दुखद है कि अब नहीं। पाकिस्तान के कई शहरों में प्रदर्शन की तस्वीरें लोग ट्विटर पर शेयर कर रहे हैं। एक पोस्टर में लिखा दिखता है, ‘जनरल बना फिरता है, जो अमेरिका से डरता है।’ पाकिस्तान के कई लोग अपने ही सेना के चीफ को मीर जाफर कह रहे हैं। दरअसल, मीर जाफर बंगाल में सिराजुद्दौला का सेनापति था। प्लासी के युद्ध में वह रॉबर्ट क्लाइव के साथ मिल गया था। क्लाइव ने उसे बंगाल का नवाब बनाने का लालच दिया था। इस घटना को भारत में ब्रिटिश राज की स्थापना की शुरुआत माना जाता है। आगे चलकर मीर जाफर का नाम पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में देशद्रोही और गद्दारी का पर्याय बन गया।

तलहा बाजवा नाम के यूजर ने लिखा कि बाजवा पाकिस्तान आर्मी के इतिहास के सबसे खराब जनरल साबित हुए हैं। एक अन्य यूजर ने बाजवा की तस्वीर के साथ लिखा, ‘अब कोई सम्मान नहीं बचा, कोई भरोसा भी नहीं, उन्होंने (बाजवा) देश को धोखा दिया है।’ अनाम खुर्शीद लिखते हैं, ‘भरोसा नहीं रहा… उन्होंने हमारे दिलों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए।’

पाक आर्मी और अमेरिका के गठजोड़ को साबित करते हुए आईएसआई के पूर्व डीजी हामिद गुल का एक वीडियो खूब शेयर हो रहा है। इसमें वह कहते हैं, ‘अमेरिका ऐसे देश में तानाशाहों को पसंद करता है। पाकिस्तान के अंदर वह आर्मी चीफ को अपनी मर्जी से…. यहां आर्मी चीफ नहीं बनता अगर आप समझते हैं कि ये हमारा अंदरूनी मामला है तो ऐसा नहीं होता है।’ लोग कह रहे हैं कि पाकिस्तान में अमेरिका की मर्जी से आर्मी चीफ नियुक्त किया जाता है।

इमरान सपोर्टर नैयर लिखते हैं कि बाजवा ने इमरान खान की पीठ में छुरा घोंपा, जिन्होंने उन्हें एक्सटेंशन दिया था। इमरान के ऊपर कोई भ्रष्टाचार के आरोप नहीं थे। इतिहास बताएगा कि बाजवा ने ऐसा क्यों किया? बाजवा की तस्वीर को लेकर कई मीम्स भी बन रहे हैं। एक फोटो में बाजवा पाक आर्मी के अधिकारियों के साथ बैठक करते दिख रहे हैं और पीछे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की तस्वीर लगा दी गई है। मोहम्मद आतिफ बाजवा पर भड़कते हुए कहते हैं कि अगर आपका अप्रोच क्रिस्टल क्लियर नहीं हो सकता तो आप सेना में क्यों हैं? अगर एक लेटर जनता को नहीं दिखाया जा सकता तो उन मिसाइलों को रखने का क्या मतलब है जो आप टेस्ट करते हैं। आप 1971 की जंग की तरह पहले ही सरेंडर कर चुके हैं।

पाकिस्तान के लोग जिस चिट्ठी के बारे में बात कर रहे हैं उसका जिक्र इमरान खान ने किया था। उन्होंने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव लाने में विपक्ष की मदद करने में विदेशी ताकतें शामिल थीं और उसके सबूत इस लेटर में मौजूद है। विदेश नीति के तहत इस चिट्ठी को सार्वजनिक नहीं किया गया। इमरान ने खुले तौर पर अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू का नाम लिया था।

#BajwaSurrender के साथ एक पाकिस्तानी यूजर ने लिखा कि 2016 में तुर्की में तख्तापलट की कोशिश की गई जब तुर्की की सेना ने राष्ट्रपति तैयब एर्दोगान को हटाने के लिए ऑपरेशन चलाया था। 2022 में इमरान खान के खिलाफ इतिहास दोहराया गया लेकिन इस बार सब बंद कमरे में हुआ।

मोहम्मद शाहिद अजीज ने अमेरिकी राजनयिक के साथ बाजवा के हाथ मिलाने की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘देश आपके गद्दार चेहरे को कभी नहीं भूलेगा।’



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