वजन घटाने पर इंप्लॉइज को बोनस दिया जाना ​कितना सही? Zerodha के नितिन कामथ के ऐलान पर छिड़ी बहस

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वजन घटाने पर इंप्लॉइज को बोनस दिया जाना ​कितना सही? Zerodha के नितिन कामथ के ऐलान पर छिड़ी बहस

वजन घटाने पर इंप्लॉइज को बोनस दिया जाना ​कितना सही? Zerodha के नितिन कामथ के ऐलान पर छिड़ी बहस

नई दिल्ली: पिछले कुछ सालों से कॉरपोरेट वेलनेस प्रोग्राम (Corporate Wellness Programme) मौजूद हैं। महामारी (Covid19) के आने के बाद से इनमें और इजाफा हुआ है। कई एंप्लॉयर्स ने अपने इंप्लॉइज को मेडिटेशन से लेकर आंतों की हेल्थ बेहतर करने तक पर ऑनलाइन क्लासेज उपलब्ध कराईं और अभी भी करा रहे हैं। लेकिन क्या हेल्दी रहने को इंप्लॉइज के परफॉरमेंस अप्रेजल या बोनस से जोड़ा जाना सही है, क्या यह उन पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालेगा। एक सवाल यह भी है कि क्या यह उनकी पर्सनल लाइफ में दखलअंदाजी नहीं कहलाएगा।

हाल ही में फिनटेक स्टार्टअप जेरोधा (Zerodha) के फाउंडर और सीईओ नितिन कामथ (Nithin Kamath) द्वारा किए गए ऐलान ने इस मुद्दे को चर्चा में ला दिया है। कामथ ने 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे के मौके पर अपने इंप्लॉइज के लिए एक हेल्थ प्रोग्राम का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मचारी जिनका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 25 से कम होगा, उन्हें आधे महीने की सैलरी बोनस के तौर पर दी जाएगी। वहीं अगर पूरी टीम अपना बीएमआई घटाकर 24 तक लाती है तो उन्हें और आधे महीने की सैलरी बोनस के तौर पर मिलेगी। कामथ ने इसके लिए कर्मचारियों को अगस्त 2022 तक का वक्त दिया है।

आखिर क्या है BMI?
बीएमआई एक ऐसा तरीका है जिसमें हाइट और मास के आधार पर वयस्कों में न्यूट्रिशन स्टेटस को पता किया जाता है। यह व्यक्ति के किलोग्राम में वजन और मीटर में हाइट के स्क्वैयर का रेशियो है। अगर किसी का बीएमआई 18.5 से 25 के बीच है तो उसे नॉर्मल माना जाता है। BMI अगर 25 से 30 के बीच हो तो इस ओवरवेट माना जाता है और अगर यह 30 से ज्यादा हो तो मोटापे की तरफ इशारा करता है। 18.5 से कम BMI अंडरवेट की श्रेणी में आता है। हालांकि कामथ ने खुद यह माना है कि मोटापे को ट्रैक करने के लिए एक टूल के तौर पर बीएमआई बेहद ज्यादा सटीक नहीं है।

फायदेमंद या नुकसानदायक
हेल्थ एंड फिटनेस कोच प्रियंका लाहिरी कहती हैं कि वेट लॉस को कैश के साथ जोड़ना अनप्रॉडक्टिव है। एक इंसान जो प्रतिस्पर्धी है या पैसे की जरूरत है, वह वजन घटाने के लिए ऐसे कठोर तरीके भी अपना सकता है, जो उसके लिए नुकसानदायक साबित हों। फोर्टिस सी—डीओसी हॉस्पिटल में डायबिटीज व अलाइड साइंसेज के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन डॉ. अनूप मिश्रा का कहना है कि वजन घटाने के लिए वर्कप्लेस पर प्रोत्साहित किया जाना गलत कदम नहीं है। लेकिन अच्छी डायटरी प्रैक्टिसेज और वर्कप्लेस एक्सरसाइज की इनकैलकुलेशन ज्यादा महत्वपूर्ण है।

माई बॉडी, माई प्रॉब्लम, माई रूल्स
हालांकि कुछ लोगों का यह भी मानना है कि किसी के वजन की उसके वर्कप्लेस में कोई भूमिका नहीं है। तो फिर वजन घटाने को बोनस या इंसेंटिव से जोड़ा जाना गलत है। कामथ के सोशल मीडिया पोस्ट पर भी उनके नए ऐलान को लेकर कई निगेटिव कमेंट आए हैं। कई लोगों को बीएमआई को सैलरी बोनस से जोड़ा जाना पसंद नहीं आया। फिटनेस कोच चित्रा बालाचंद्रन का कहना है कि किसी का मेडिकल डेटा उसके एंप्लॉयर के साथ शेयर किया जाना, उस व्यक्ति की प्राइवेसी में दखलअंदाजी हो सकता है। कंसल्टेंट साइकोलॉजिस्ट प्रज्ञा लोढ़ा का कहना है कि ऐसी चीजों को विकल्प में रखा जाना चाहिए न कि अनिवार्य किया जाना चाहिए। नहीं तो तनाव क्रिएट हो सकता है। महामारी के बाद कई लोगों की बॉडी में बदलाव हुए हैं। यह ज्यादा सेंसिटिव रहने का वक्त है।

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