Shehbaz Sharif News: शपथ से पहले ही कश्मीर राग! शहबाज शरीफ का पाकिस्तान का PM बनना भारत के लिए कितना सही, हाफिज सईद को दे चुके हैं करोड़ों रुपये h3>
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में सत्ता से इमरान खान (Imran Khan Latest News) की विदाई के बाद नए प्रधानमंत्री (Pakistan New Prime Minister Name) की ताजपोशी की तैयारी की जा रही है। संयुक्त विपक्ष ने पीएमएल-एन के नेता शहबाज शरीफ (News About Shehbaz Sharif) को प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किया है। ऐसे में प्रधानमंत्री बनने से पहले ही शहबाज शरीफ ने कश्मीर राग छेड़ दिया है। उन्होंने कहा कि वे भारत के साथ शांति चाहते हैं जो कश्मीर विवाद के समाधान तक संभव नहीं है। शहबाज शरीफ मुख्यमंत्री रहते हुए कुख्यात वैश्विक आतंकवादी हाफिस सईद (Hafiz Saeed) के आतंकी संगठन जमात उल दावा को करोड़ो रुपये दिए थे।
शहबाज शरीफ और लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद के साथ संबंध काफी दोस्ताना हैं। जून 2013 में पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री रहने के दौरान शहबाज शरीफ ने हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात उल दावा को सरकारी खजाने से 6.1 करोड़ रुपये दिए थे। यह पैसा जमात-उल-दावा के सबसे बड़े केंद्र मरकज-ए-तैयबा के लिए दिया गया था। इसके अलावा राज्य सरकार ने मरकज़-ए-तैयबा में नॉलेज पार्क की स्थापना और अन्य विकास परियोजनाओं के लिए 350 मिलियन रुपये आवंटित किए थे। बड़ी बात यह है कि तब हाफिज सईद के खिलाफ मुंबई आतंकी हमले की साजिश रचने के पुख्ता सबूत भी थे।
2013 में पंजाब विधानसभा में पेश किए गए बजट दस्तावेज में कहा गया था कि मुरीदकी मरकज के मुख्य प्रशासक को 61.35 मिलियन रुपये का अनुदान दिया जाता है। जमात उद दावा का केंद्र लाहौर के बाहरी इलाके मुरीदके में स्थित है। इतना ही नहीं, विधानसभा में अपने बजट भाषण में तब के पंजाब के वित्त मंत्री मुजतबा शुजौर रहमान नेकहा था कि प्रांतीय सरकार मुरीदके में एक नॉलेज पार्क स्थापित करने का इरादा रखती है। सरकार ने पंजाब में पार्क और कई अन्य पहलों के लिए 35 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री बनने से पहले एक इंटरव्यू में कहा कि वे भारत के साथ शांति चाहते हैं जो कश्मीर विवाद के समाधान तक संभव नहीं है। ऐसे में तय है कि शहबाज शरीफ भी अपने पूर्ववर्ती इमरान खान की तरह कश्मीर राग गाना जारी रखेंगे। पाकिस्तान में सेना के डर से हर राजनीतिक दल की मजबूरी है कि वे कश्मीर मुद्दे को हमेशा उठाते रहे। पाकिस्तानी सेना भी इसी मुद्दे के दम पर अपने गरीब मुल्क के बजट से भारी-भरकम पैसा ऐंठती है। इमरान खान भी अपने हर भाषण में कश्मीर का नाम लेते रहे हैं।
शहबाज शरीफ और लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद के साथ संबंध काफी दोस्ताना हैं। जून 2013 में पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री रहने के दौरान शहबाज शरीफ ने हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात उल दावा को सरकारी खजाने से 6.1 करोड़ रुपये दिए थे। यह पैसा जमात-उल-दावा के सबसे बड़े केंद्र मरकज-ए-तैयबा के लिए दिया गया था। इसके अलावा राज्य सरकार ने मरकज़-ए-तैयबा में नॉलेज पार्क की स्थापना और अन्य विकास परियोजनाओं के लिए 350 मिलियन रुपये आवंटित किए थे। बड़ी बात यह है कि तब हाफिज सईद के खिलाफ मुंबई आतंकी हमले की साजिश रचने के पुख्ता सबूत भी थे।
2013 में पंजाब विधानसभा में पेश किए गए बजट दस्तावेज में कहा गया था कि मुरीदकी मरकज के मुख्य प्रशासक को 61.35 मिलियन रुपये का अनुदान दिया जाता है। जमात उद दावा का केंद्र लाहौर के बाहरी इलाके मुरीदके में स्थित है। इतना ही नहीं, विधानसभा में अपने बजट भाषण में तब के पंजाब के वित्त मंत्री मुजतबा शुजौर रहमान नेकहा था कि प्रांतीय सरकार मुरीदके में एक नॉलेज पार्क स्थापित करने का इरादा रखती है। सरकार ने पंजाब में पार्क और कई अन्य पहलों के लिए 35 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री बनने से पहले एक इंटरव्यू में कहा कि वे भारत के साथ शांति चाहते हैं जो कश्मीर विवाद के समाधान तक संभव नहीं है। ऐसे में तय है कि शहबाज शरीफ भी अपने पूर्ववर्ती इमरान खान की तरह कश्मीर राग गाना जारी रखेंगे। पाकिस्तान में सेना के डर से हर राजनीतिक दल की मजबूरी है कि वे कश्मीर मुद्दे को हमेशा उठाते रहे। पाकिस्तानी सेना भी इसी मुद्दे के दम पर अपने गरीब मुल्क के बजट से भारी-भरकम पैसा ऐंठती है। इमरान खान भी अपने हर भाषण में कश्मीर का नाम लेते रहे हैं।