Pakistan Political Crisis: शहबाज शरीफ या शाह महमूद कुरैशी… पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री कौन होगा? सोमवार को होगा फैसला h3>
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इमरान खान (News About Imran Khan) की सत्ता से विदाई के बाद नए प्रधानमंत्री (Pakistan New PM News) के लिए राजनीतिक जंग जारी है। संयुक्त विपक्ष की तरफ से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif Pakistan News PM) ने रविवार को पर्चा दाखिल किया। वहीं, इमरान खान की पार्टी और पूर्व सत्तारूढ़ दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने प्रधानमंत्री पद के लिए शाह महमूद कुरैशी (News About Shah Mahmood Qureshi) को अपना उम्मीदवार नामित किया है। सोमवार को पाकिस्तानी संसद की बैठक में नए प्रधानमंत्री का चुनाव किया जाएगा।
संयुक्त विपक्ष की तरफ से शहबाज शरीफ ने दाखिल किया पर्चा
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल असेंबली के निर्धारित समय सीमा के भीतर 70 वर्षीय शहबाज शरीफ ने सदन के नए नेता के लिए नामांकन पत्र जमा किया। पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता ख्वाजा आसिफ और राणा तनवीर शहबाज के अनुमोदक के तौर पर काम करेंगे। शहबाज शरीफ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं। वे पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं। उनको पाकिस्तान की अंदरूनी राजनीति में एक प्रभावी प्रशासक के रूप में माना जाता है।
शाह महमूद कुरैशी बने इमरान की पार्टी के उम्मीदवार
इमरान खान की पार्टी ने 65 वर्षीय पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार नामित किया। पीटीआई नेता आमिर डोगर और अली मुहम्मद खान पार्टी के उपाध्यक्ष के लिए अनुमोदक के रूप में काम करेंगे। नेशनल असेंबली सचिवालय ने इससे पहले सदन के नेता और प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने और जांच को लेकर कार्यक्रम की घोषणा की थी।
पर्चा दाखिल करने के बाद संसद में क्या होगा
नेशनल असेंबली के अध्यक्ष उम्मीदवारों या उनके प्रस्तावकों या समर्थकों की उपस्थिति में नामांकन पत्र की जांच करेंगे। स्क्रूटनी के बाद, स्पीकर के पास नामांकन पत्रों को स्वीकार या अस्वीकार करने की शक्ति होती है। यदि कागजात खारिज कर दिए जाते हैं, तो स्पीकर को कारणों को संक्षेप में दर्ज करना होगा। नेशनल असेंबली के नियमों के अनुसार, अध्यक्ष का निर्णय – नामांकन पत्र को स्वीकार या अस्वीकार करना – अंतिम होगा। अगर वह संतुष्ट नहीं हैं तो नामांकन पत्र को इन आधारों पर अस्वीकार कर सकते हैं।
1- उम्मीदवार नेशनल असेंबली का सदस्य नहीं है।
2- नियम 32 के किसी प्रावधान का अनुपालन नहीं किया गया है।
3- प्रस्तावक, अनुमोदक या उम्मीदवार के हस्ताक्षर “वास्तविक” नहीं हैं।
प्रधानमंत्री पद के लिए एक से ज्यादा उम्मीदवार हुए तो
चुनाव के दिन स्पीकर उम्मीदवारों के नाम पढ़कर सुनाएंगे। यदि चुनाव लड़ने वाला केवल एक उम्मीदवार है और अगर उनके पास नेशनल असेंबली में बहुमत है तो अध्यक्ष उन्हें निर्वाचित घोषित कर देगा। लेकिन, उम्मीदवार नेशनल असेंबली में बहुमत पाने में विफल रहता है तो तो सभी कार्यवाही नए सिरे से शुरू होगी। इस बीच, यदि दो या अधिक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार हैं और यदि कोई भी उम्मीदवार पहले चुनाव में इतना बहुमत हासिल नहीं करता है, तो दो सबसे अधिक मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों के बीच दूसरा मतदान होगा।
संयुक्त विपक्ष की तरफ से शहबाज शरीफ ने दाखिल किया पर्चा
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल असेंबली के निर्धारित समय सीमा के भीतर 70 वर्षीय शहबाज शरीफ ने सदन के नए नेता के लिए नामांकन पत्र जमा किया। पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता ख्वाजा आसिफ और राणा तनवीर शहबाज के अनुमोदक के तौर पर काम करेंगे। शहबाज शरीफ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं। वे पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं। उनको पाकिस्तान की अंदरूनी राजनीति में एक प्रभावी प्रशासक के रूप में माना जाता है।
शाह महमूद कुरैशी बने इमरान की पार्टी के उम्मीदवार
इमरान खान की पार्टी ने 65 वर्षीय पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार नामित किया। पीटीआई नेता आमिर डोगर और अली मुहम्मद खान पार्टी के उपाध्यक्ष के लिए अनुमोदक के रूप में काम करेंगे। नेशनल असेंबली सचिवालय ने इससे पहले सदन के नेता और प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने और जांच को लेकर कार्यक्रम की घोषणा की थी।
पर्चा दाखिल करने के बाद संसद में क्या होगा
नेशनल असेंबली के अध्यक्ष उम्मीदवारों या उनके प्रस्तावकों या समर्थकों की उपस्थिति में नामांकन पत्र की जांच करेंगे। स्क्रूटनी के बाद, स्पीकर के पास नामांकन पत्रों को स्वीकार या अस्वीकार करने की शक्ति होती है। यदि कागजात खारिज कर दिए जाते हैं, तो स्पीकर को कारणों को संक्षेप में दर्ज करना होगा। नेशनल असेंबली के नियमों के अनुसार, अध्यक्ष का निर्णय – नामांकन पत्र को स्वीकार या अस्वीकार करना – अंतिम होगा। अगर वह संतुष्ट नहीं हैं तो नामांकन पत्र को इन आधारों पर अस्वीकार कर सकते हैं।
1- उम्मीदवार नेशनल असेंबली का सदस्य नहीं है।
2- नियम 32 के किसी प्रावधान का अनुपालन नहीं किया गया है।
3- प्रस्तावक, अनुमोदक या उम्मीदवार के हस्ताक्षर “वास्तविक” नहीं हैं।
प्रधानमंत्री पद के लिए एक से ज्यादा उम्मीदवार हुए तो
चुनाव के दिन स्पीकर उम्मीदवारों के नाम पढ़कर सुनाएंगे। यदि चुनाव लड़ने वाला केवल एक उम्मीदवार है और अगर उनके पास नेशनल असेंबली में बहुमत है तो अध्यक्ष उन्हें निर्वाचित घोषित कर देगा। लेकिन, उम्मीदवार नेशनल असेंबली में बहुमत पाने में विफल रहता है तो तो सभी कार्यवाही नए सिरे से शुरू होगी। इस बीच, यदि दो या अधिक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार हैं और यदि कोई भी उम्मीदवार पहले चुनाव में इतना बहुमत हासिल नहीं करता है, तो दो सबसे अधिक मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों के बीच दूसरा मतदान होगा।