नींबू को लगी गर्मी की नजर, निचोड़ रहा इंसान की जेब,10 में 5 की जगह 15 में 1 | lemon price hiked in indor | Patrika News h3>
-10 रुपए के 5 बिकने वाला नीबू मिल रहा 15 रुपए का एक
-शहर में रोज 10 से 11 टन की खपत, आवक 4 से 5 टन की भी नहीं
इंदौर
Published: April 08, 2022 04:12:30 pm
इंदौर। गर्मी की प्रचंडता बढ़ती जा रही है। ऐसे में गर्मी और लू से बचाव करने वाले इम्युनिटी बूस्टर नीबू की डिमांड बढ़ रही है, लेकिन महंगाई ने इस बार नीबू का रस इतना खट्टा कर दिया कि दाम सुनकर लोगों के पसीने छूट रहे हैं। भीषण गर्मी के बीच 10 रुपए के 05 मिलने वाला नीबू अब 10 से 15 रुपए में एक बिक रहा है। नीबू की कीमतों में लगी आग के पीछे उत्पादन पर मावठे व दक्षिण में हुई बारिश की मार तो है ही, कॉर्पोरेट खरीदी भी संकट बढ़ा रही है। देखने में आया है कि कोरोना के बाद नीबू की मांग बढ़ गई है। उत्पादन में कमी और मांग में बढ़ोतरी से इसके दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं। महंगाई के इस दौर में नीबू भी लोगों को जेबें निचोड़ रहा है।
lemon price
अचानक बढ़े दाम
मंडी के कारोबारियों का कहना है कि एक महीने पहले तक थोक में 10 से 25 रुपए किलो तक बिक रहे नीबू के दाम अचानक बढ़े हैं। थोक में हरा नीबू 200 से 250 रुपए किलो तक पहुंच गया, वहीं पीला नीबू 160 से 180 रुपए में बिका है। शहर में पीला नीबू 10 से 12 रुपए नग तो हरा नीबू 15 रुपए नग बिक रहा हैं।
मौसम की मार: उत्पादन में भारी गिरावट
नीबू के दाम बढ़ने के पीछे वजह सिर्फ गर्मी ही नहीं, बल्कि मुख्य वजह 6 महीने पहले गुजरात में आया तूफान है। इसके कारण नीबू के फूल झड़ गए और भारी संख्या में नीबू के पेड़ टूट गए। गुजरात और आंध्र प्रदेश सर्वाधिक नीबू का उत्पादन करने वाले राज्य हैं। ऐसे में गुजरात के तूफान व आंध्र प्रदेश में बेमौसम बरसात ने नीबू की फसल प्रभावित की। कर्नाटक के बीजापुर में होने वाली नीबू की पैदावार पर्याप्त न होने से कभी कभार ही मंडियों में माल पहुंच रहा है। यही हाल हैदराबाद का हैं। इस समय सिर्फ मद्रास के गडूर से नीबू आ रहा है।
चेन्नई, कर्नाटक व गुजरात से आपूर्ति कम
एशिया की सबसे बड़ी मंडी कही जाने वाली चोइथराम मंडी में मात्र 40 से 50 बोरी नीबू आ रहा है, जबकि गत वर्ष 500 से 600 बोरी की आवक रही थी। पीला नीबू चेन्नई, कर्नाटक व गुजरात से आता है, लेकिन फसल कम होने से आवक रूक गई है। मालूम हो, भारत दुनिया का सबसे बड़ा नीबू उत्पादक है जो हर साल दुनिया के 17.42 फीसदी हिस्से का उत्पादन अकेले करता है।
सबसे सस्ता इम्युनिटी बूस्टर
नीबू में विटामिन सी होता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हरा नीबू देसी होता है, इसका रस स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। नीबू शिकंजी सबसे आसान और सस्ती इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक है। नीबू-पानी पीने से शरीर को विटामिन सी, पौटेशियम और फाइबर मिलता है।
इम्युनिटी बढ़ाने में है कारगर
नीबू पाचन में सहायक होता है, एसिडिटी से निजात दिलाता है। नीबू पानी पीने से तनाव दूर करने में भी मदद मिलती है। नीबू पानी से वजन कम होता है।
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-10 रुपए के 5 बिकने वाला नीबू मिल रहा 15 रुपए का एक
-शहर में रोज 10 से 11 टन की खपत, आवक 4 से 5 टन की भी नहीं
इंदौर
Published: April 08, 2022 04:12:30 pm
इंदौर। गर्मी की प्रचंडता बढ़ती जा रही है। ऐसे में गर्मी और लू से बचाव करने वाले इम्युनिटी बूस्टर नीबू की डिमांड बढ़ रही है, लेकिन महंगाई ने इस बार नीबू का रस इतना खट्टा कर दिया कि दाम सुनकर लोगों के पसीने छूट रहे हैं। भीषण गर्मी के बीच 10 रुपए के 05 मिलने वाला नीबू अब 10 से 15 रुपए में एक बिक रहा है। नीबू की कीमतों में लगी आग के पीछे उत्पादन पर मावठे व दक्षिण में हुई बारिश की मार तो है ही, कॉर्पोरेट खरीदी भी संकट बढ़ा रही है। देखने में आया है कि कोरोना के बाद नीबू की मांग बढ़ गई है। उत्पादन में कमी और मांग में बढ़ोतरी से इसके दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं। महंगाई के इस दौर में नीबू भी लोगों को जेबें निचोड़ रहा है।
lemon price
अचानक बढ़े दाम
मंडी के कारोबारियों का कहना है कि एक महीने पहले तक थोक में 10 से 25 रुपए किलो तक बिक रहे नीबू के दाम अचानक बढ़े हैं। थोक में हरा नीबू 200 से 250 रुपए किलो तक पहुंच गया, वहीं पीला नीबू 160 से 180 रुपए में बिका है। शहर में पीला नीबू 10 से 12 रुपए नग तो हरा नीबू 15 रुपए नग बिक रहा हैं।
मौसम की मार: उत्पादन में भारी गिरावट
नीबू के दाम बढ़ने के पीछे वजह सिर्फ गर्मी ही नहीं, बल्कि मुख्य वजह 6 महीने पहले गुजरात में आया तूफान है। इसके कारण नीबू के फूल झड़ गए और भारी संख्या में नीबू के पेड़ टूट गए। गुजरात और आंध्र प्रदेश सर्वाधिक नीबू का उत्पादन करने वाले राज्य हैं। ऐसे में गुजरात के तूफान व आंध्र प्रदेश में बेमौसम बरसात ने नीबू की फसल प्रभावित की। कर्नाटक के बीजापुर में होने वाली नीबू की पैदावार पर्याप्त न होने से कभी कभार ही मंडियों में माल पहुंच रहा है। यही हाल हैदराबाद का हैं। इस समय सिर्फ मद्रास के गडूर से नीबू आ रहा है।
चेन्नई, कर्नाटक व गुजरात से आपूर्ति कम
एशिया की सबसे बड़ी मंडी कही जाने वाली चोइथराम मंडी में मात्र 40 से 50 बोरी नीबू आ रहा है, जबकि गत वर्ष 500 से 600 बोरी की आवक रही थी। पीला नीबू चेन्नई, कर्नाटक व गुजरात से आता है, लेकिन फसल कम होने से आवक रूक गई है। मालूम हो, भारत दुनिया का सबसे बड़ा नीबू उत्पादक है जो हर साल दुनिया के 17.42 फीसदी हिस्से का उत्पादन अकेले करता है।
सबसे सस्ता इम्युनिटी बूस्टर
नीबू में विटामिन सी होता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हरा नीबू देसी होता है, इसका रस स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। नीबू शिकंजी सबसे आसान और सस्ती इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक है। नीबू-पानी पीने से शरीर को विटामिन सी, पौटेशियम और फाइबर मिलता है।
इम्युनिटी बढ़ाने में है कारगर
नीबू पाचन में सहायक होता है, एसिडिटी से निजात दिलाता है। नीबू पानी पीने से तनाव दूर करने में भी मदद मिलती है। नीबू पानी से वजन कम होता है।
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