Mines and Petroleum Department: माइंस और पेट्रोलियम विभाग की राजस्व बढ़ाने के तैयारी | Preparation of Mines and Petroleum Department to increase revenue | Patrika News h3>
राज्य के माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग ( Mines and Petroleum Department ) ने राजस्व बढ़ाने के प्रयासों में तेजी लाना शुरु कर दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि राज्य सरकार ने खनन पट्टों ( royalty contracts ) से निकलने वाले खनिज पर देय राजस्व की वसूली के लिए 74 रॉयल्टी ठेकों की ई-प्लेटफार्म पर नीलामी प्रकिया शुरु कर दी है।
जयपुर
Published: April 08, 2022 04:31:04 pm
राज्य के माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग ने राजस्व बढ़ाने के प्रयासों में तेजी लाना शुरु कर दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि राज्य सरकार ने खनन पट्टों से निकलने वाले खनिज पर देय राजस्व की वसूली के लिए 74 रॉयल्टी ठेकों की ई-प्लेटफार्म पर नीलामी प्रकिया शुरु कर दी है। यह ठेके खनिजों के जारी खनन पट्टों आदि से निकाले जाने वाले खनिज पर वसूल किए जाने वाले रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट, एक्सेस रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट, जिला स्तरीय मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट, राज्य स्तरीय मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट आदि के दिए जाएंगे। 472 करोड़ रुपए से अधिक की आरक्षित राशि के इन ठेकों की ई-नीलामी सूूचना जारी कर दी गई है। विभाग ने ई-ऑक्शन की पारदर्शी व्यवस्था से राज्य के 74 रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी के लिए विभागीय वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी के साथ ही भारत सरकार द्वारा प्रधान खनिजों के नीलामी के ऑनलाइन एमएसटीसी पोर्टल पर ई-नीलामी की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इससे देश-दुनिया में कहीं से भी कोई भी व्यक्ति इस ई-नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेगा। ई-ऑक्शन में हिस्सा लेने वाले इच्छुक व्यक्तियों को भारत सरकार के पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा, वहीं पहले से पंजीकृत व्यक्ति, फर्म या कंपनी को दोबारा पंजीयन नहीं कराना होगा।
यह ठेके मुख्यतः ग्रेनाइट, जिप्सम, मारबल, मेसेनरी स्टोन, क्वार्टज, फैल्सपार, सोपस्टोन, डोलोमाइट, सिलिका सेंड आदि की खानों से आरआरसी, ईआरआरसी, डीएमएफटी, आरएसएमईटी आदि के शुल्क, अधिशुल्क वसूली के लिए दिए जा रहे हैं। ई-प्लेटफार्म पर पारदर्शी व्यवस्था से नीलामी से स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होने के साथ ही राजस्व वृद्धि की भी संभावना हो जाती है। नीलामी के बाद ठेका किसी अन्य को हस्तांतरण, सबलेट तथा सरेण्डर नहीं किया जा सकेगा। रॉयल्टी ठेकों की नीलामी की विस्तृत जानकारी में ठेकों से संबंधित शर्तें, नियम, प्रक्रिया आदि विभागीय वेबसाइट पर भी देखी जा सकती है। ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए ही विभाग ने भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से नीलामी की व्यवस्था की है। दस करोड़ रुपए से अधिक की बिड राशि के ठेकों में ठेकेदार को स्वयं के खर्चें पर कम्प्यूटराइज्ड तुला यंत्र यानी की कम्प्यूटरीकृत तुलाई मशीन लगानी होगा।
Mines and Petroleum Department: माइंस और पेट्रोलियम विभाग की राजस्व बढ़ाने के तैयारी
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राज्य के माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग ( Mines and Petroleum Department ) ने राजस्व बढ़ाने के प्रयासों में तेजी लाना शुरु कर दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि राज्य सरकार ने खनन पट्टों ( royalty contracts ) से निकलने वाले खनिज पर देय राजस्व की वसूली के लिए 74 रॉयल्टी ठेकों की ई-प्लेटफार्म पर नीलामी प्रकिया शुरु कर दी है।
जयपुर
Published: April 08, 2022 04:31:04 pm
राज्य के माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग ने राजस्व बढ़ाने के प्रयासों में तेजी लाना शुरु कर दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि राज्य सरकार ने खनन पट्टों से निकलने वाले खनिज पर देय राजस्व की वसूली के लिए 74 रॉयल्टी ठेकों की ई-प्लेटफार्म पर नीलामी प्रकिया शुरु कर दी है। यह ठेके खनिजों के जारी खनन पट्टों आदि से निकाले जाने वाले खनिज पर वसूल किए जाने वाले रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट, एक्सेस रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट, जिला स्तरीय मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट, राज्य स्तरीय मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट आदि के दिए जाएंगे। 472 करोड़ रुपए से अधिक की आरक्षित राशि के इन ठेकों की ई-नीलामी सूूचना जारी कर दी गई है। विभाग ने ई-ऑक्शन की पारदर्शी व्यवस्था से राज्य के 74 रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी के लिए विभागीय वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी के साथ ही भारत सरकार द्वारा प्रधान खनिजों के नीलामी के ऑनलाइन एमएसटीसी पोर्टल पर ई-नीलामी की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इससे देश-दुनिया में कहीं से भी कोई भी व्यक्ति इस ई-नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेगा। ई-ऑक्शन में हिस्सा लेने वाले इच्छुक व्यक्तियों को भारत सरकार के पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा, वहीं पहले से पंजीकृत व्यक्ति, फर्म या कंपनी को दोबारा पंजीयन नहीं कराना होगा।
यह ठेके मुख्यतः ग्रेनाइट, जिप्सम, मारबल, मेसेनरी स्टोन, क्वार्टज, फैल्सपार, सोपस्टोन, डोलोमाइट, सिलिका सेंड आदि की खानों से आरआरसी, ईआरआरसी, डीएमएफटी, आरएसएमईटी आदि के शुल्क, अधिशुल्क वसूली के लिए दिए जा रहे हैं। ई-प्लेटफार्म पर पारदर्शी व्यवस्था से नीलामी से स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होने के साथ ही राजस्व वृद्धि की भी संभावना हो जाती है। नीलामी के बाद ठेका किसी अन्य को हस्तांतरण, सबलेट तथा सरेण्डर नहीं किया जा सकेगा। रॉयल्टी ठेकों की नीलामी की विस्तृत जानकारी में ठेकों से संबंधित शर्तें, नियम, प्रक्रिया आदि विभागीय वेबसाइट पर भी देखी जा सकती है। ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए ही विभाग ने भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से नीलामी की व्यवस्था की है। दस करोड़ रुपए से अधिक की बिड राशि के ठेकों में ठेकेदार को स्वयं के खर्चें पर कम्प्यूटराइज्ड तुला यंत्र यानी की कम्प्यूटरीकृत तुलाई मशीन लगानी होगा।
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