Imran Khan Latest News: शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे इमरान खान, जानें पाकिस्तानी संसद में क्या होगा? h3>
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (News About Imran Khan Pakistan) सुप्रीम कोर्ट के आदेश (Pakistan Supreme Court Decision) के बाद शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion Against Imran Khan)) का सामना करेंगे। कोर्ट का आदेश है कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हर हाल में शनिवार सुबह 10.30 बजे से पहले हो जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Rules Against Imran Khan) ने कहा कि प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी का नेशनल असेंबली को भंग किए जाने का फैसला अवैध था। ऐसे में कोर्ट ने नेशनल असेंबली और इमरान खान कैबिनेट को बहाल कर दिया है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या इमरान खान शनिवार को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे। इस बीच पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख राशिद ने कहा है कि उन्होंने पीएम इमरान को मंत्रिमंडल भंग करने की सलाह दी है। इमरान खान भी आज यानी शुक्रवार शाम को देश को संबोधित करने वाले हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या लिखा?
गुरुवार को जारी पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के नौवें पैरा में लिखा है कि स्पीकर का कर्तव्य है कि वे वर्तमान सत्र में नेशनल असेंबली की बैठक बुलाएं। ऐसा उन्हें तत्काल करना होगा और और किसी भी मामले में शनिवार को सुबह 10:30 बजे के बाद नहीं होगा। सदन का संचालन और कामकाज 3 अप्रैल 2022 को जारी आदेश के अनुसार किया जाएगा जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 95 में कहा गया है। इसके अलावा नेशनल असेंबली नियम-2007 में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों का पालन भी किया जाए।
शनिवार की कार्यवाही के लिए आज जारी होगा ऑर्डर ऑफ द डे
ऐसे में संभावना है कि नेशनल असेंबली का सचिवालय आज (शुक्रवार) शनिवार के सत्र के लिए ऑर्डर ऑफ द डे आदेश जारी करेगा। नेशनल असेंबली की बैठक का सत्रावसान तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाए या फिर मतदान नहीं हो जाता। विपक्ष ने 7 मार्च को नेशनल असेंबली के सचिवालय में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जबकि स्पीकर ने इसे 25 मार्च को सदन में पेश किया था।
3 अप्रैल को जारी ऑर्डर ऑफ द डे में क्या लिखा था
नियमों के तहत स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल तक वोटिंग कराने के लिए बाध्य थे। ऐसा करने के लिए दो अप्रैल को अगले दिन के लिए नेशनल असेंबली के सचिवालय ने ऑर्डर ऑफ द डे भी जारी किया था। जिसके छह बिंदुओं में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवाना भी शामिल था। 3 अप्रैल को नेशनल असेंबली के एजेंडे के चौथे प्वाइंट में लिखा था कि 28 मार्च, 2022 को विपक्ष के नेता मियां मुहम्मद शहबाज शरीफ द्वारा पेश किए गए निम्नलिखित प्रस्ताव पर मतदान: -“इस प्रस्ताव के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 95 के खंड (1) के तहत इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान का यह सदन संकल्प करता है कि उसे प्रधानमंत्री इमरान खान पर कोई भरोसा नहीं है और परिणामस्वरूप उसे खंड (4) के तहत पद धारण करना बंद कर देना चाहिए।”
विपक्ष ने नया स्पीकर चुनकर किया था मतदान
दिलचस्प बात यह है कि जब नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने 3 अप्रैल को सत्र का सत्रावसान किया था, तो विपक्ष ने अपने दम पर सत्र का आयोजन किया। पीएमएल-एन के सांसदों ने अयाज सादिक को अध्यक्ष चुना और अविश्वास प्रस्ताव को 197 मतों से पारित कराया। विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि स्पीकर असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, लेकिन वह शनिवार को सदन की अध्यक्षता कर सकते हैं। वे संविधान के अनुच्छेद 53 (4) का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि अध्यक्ष या उपाध्यक्ष असेंबली की बैठक की अध्यक्षता तब नहीं करेंगे, जब उनके पद से हटाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा हो।
स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, फिर भी कर सकते हैं अध्यक्षता
उनकी राय में नियम केवल असद कैसर को उस सत्र की अध्यक्षता करने से रोकते हैं जहां उनके खिलाफ अविश्वास पर विचार किया जा रहा हो। ऐसे में वह शनिवार की कार्यवाही की अध्यक्षता करने में सक्षम होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या लिखा?
गुरुवार को जारी पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के नौवें पैरा में लिखा है कि स्पीकर का कर्तव्य है कि वे वर्तमान सत्र में नेशनल असेंबली की बैठक बुलाएं। ऐसा उन्हें तत्काल करना होगा और और किसी भी मामले में शनिवार को सुबह 10:30 बजे के बाद नहीं होगा। सदन का संचालन और कामकाज 3 अप्रैल 2022 को जारी आदेश के अनुसार किया जाएगा जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 95 में कहा गया है। इसके अलावा नेशनल असेंबली नियम-2007 में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों का पालन भी किया जाए।
शनिवार की कार्यवाही के लिए आज जारी होगा ऑर्डर ऑफ द डे
ऐसे में संभावना है कि नेशनल असेंबली का सचिवालय आज (शुक्रवार) शनिवार के सत्र के लिए ऑर्डर ऑफ द डे आदेश जारी करेगा। नेशनल असेंबली की बैठक का सत्रावसान तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाए या फिर मतदान नहीं हो जाता। विपक्ष ने 7 मार्च को नेशनल असेंबली के सचिवालय में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जबकि स्पीकर ने इसे 25 मार्च को सदन में पेश किया था।
3 अप्रैल को जारी ऑर्डर ऑफ द डे में क्या लिखा था
नियमों के तहत स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल तक वोटिंग कराने के लिए बाध्य थे। ऐसा करने के लिए दो अप्रैल को अगले दिन के लिए नेशनल असेंबली के सचिवालय ने ऑर्डर ऑफ द डे भी जारी किया था। जिसके छह बिंदुओं में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवाना भी शामिल था। 3 अप्रैल को नेशनल असेंबली के एजेंडे के चौथे प्वाइंट में लिखा था कि 28 मार्च, 2022 को विपक्ष के नेता मियां मुहम्मद शहबाज शरीफ द्वारा पेश किए गए निम्नलिखित प्रस्ताव पर मतदान: -“इस प्रस्ताव के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 95 के खंड (1) के तहत इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान का यह सदन संकल्प करता है कि उसे प्रधानमंत्री इमरान खान पर कोई भरोसा नहीं है और परिणामस्वरूप उसे खंड (4) के तहत पद धारण करना बंद कर देना चाहिए।”
विपक्ष ने नया स्पीकर चुनकर किया था मतदान
दिलचस्प बात यह है कि जब नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने 3 अप्रैल को सत्र का सत्रावसान किया था, तो विपक्ष ने अपने दम पर सत्र का आयोजन किया। पीएमएल-एन के सांसदों ने अयाज सादिक को अध्यक्ष चुना और अविश्वास प्रस्ताव को 197 मतों से पारित कराया। विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि स्पीकर असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, लेकिन वह शनिवार को सदन की अध्यक्षता कर सकते हैं। वे संविधान के अनुच्छेद 53 (4) का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि अध्यक्ष या उपाध्यक्ष असेंबली की बैठक की अध्यक्षता तब नहीं करेंगे, जब उनके पद से हटाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा हो।
स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, फिर भी कर सकते हैं अध्यक्षता
उनकी राय में नियम केवल असद कैसर को उस सत्र की अध्यक्षता करने से रोकते हैं जहां उनके खिलाफ अविश्वास पर विचार किया जा रहा हो। ऐसे में वह शनिवार की कार्यवाही की अध्यक्षता करने में सक्षम होंगे।