मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना से वंचित हैं प्रदेश के डेढ़ लाख पशुपालक परिवार, गहलोत को ज्ञापन देकर लगाई गुहार h3>
Rajasthan News: मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना से वंचित प्रदेश के डेढ़ लाख पशुपालक परिवारों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से योजना का लाभ देने की गुहार लगाई है। इसके लिए प्रदेशभर के ऐसे किसान मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दे चुके हैं। सरकार अभी सिर्फ सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों से जुड़े पशुपालकों को ही योजना का लाभ दे रही है।
हाइलाइट्स
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना से वंचित हैं प्रदेश के डेढ़ लाख पशुपालक परिवार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन देकर योजना का लाभ देने की मांग
अभी सिर्फ सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों से जुड़े पशुपालकों को मिल रहा लाभ
रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने प्रदेश के पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए 2019-20 में शुरू की गई योजना का लाभ अभी कई पशुपालकों तक नहीं पहुंच रहा है। ऐसे करीब डेढ़ लाख पशुपालक परिवार है जो सरकार की मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना (Mukhyamantri Dugdh Sambal Yojna) से वंचित हैं। इस योजना के तहत सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों को दूध बेचने वाले पशुपालकों को प्रति लीटर 5 रुपए अनुदान दिया जा रहा है। इससे पहले यह अनुदान 2 रुपए प्रति लीटर दिया जा रहा था। मुख्यमंत्री ने अपनी ताजा बजट घोषणा में अनुदान की राशि 3 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दी है। लेकिन इसका लाभ अब भी सभी पशुपालकों को नहीं मिल रहा है। दरअसल, इस योजना से प्रदेश के करीब साढे़ 5 लाख पशुपालकों को अनुदान का सीधा फायदा मिलने वाला है लेकिन जो पशुपालक स्वयं के स्तर पर समितियों का गठन करके दुग्ध संकलन और वितरण का कार्य करते हैं, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। प्रदेश में ऐसे करीब डेढ़ लाख पशुपालक परिवार हैं। इन पशुपालकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन देकर इस योजना का लाभ देने की मांग की है। Explainer : अब दूध पर 2 के बजाय 5 रुपए प्रति लीटर अनुदान, पशुपालकों के लिए ऐसे सौगात बनी दुग्ध उत्पादक संबल योजना सिर्फ सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों से जुड़े पशुपालकों को मिल रहा लाभ वर्तमान में मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना का लाभ केवल आरसीडीएफ से जुड़े सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों को दूध सप्लाई करने वाले पशुपालकों को ही इस योजना का लाभ मिल रहा है जबकि प्रदेश में पशुपालकों ने मिलकर अपने स्तर पर संस्थाओं का गठन करके दुग्ध संकलन और वितरण का कार्य किया जाता है। इन पशुपालकों को मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। सखी महिला मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिडेट, पायस मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, आशा महिला मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड और उजाला मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड भी किसानों और पशुपालकों के स्वामित्व वाली कंपनियां हैं जहां करीब डेढ़ लाख से ज्यादा पशुपालक परिवार जुड़े हुए हैं। इन पशुपालकों ने भी मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि उन्हें भी इस योजना का लाभ दिया जाए। सरकारी अनुदान नहीं मिलने से पशुपालकों के स्वामित्व वाली ये कंपनियां बंद होने के कगार पर है। Rajasthan Chiranjeevi Yojna Explainer: राजस्थान में अब ₹1000000 तक का मुफ्त इलाज, जानें- कैसे मिलेगा लाभ सभी जिलों से पशुपालक ने बना रखी हैं अलग-अलग संस्थाएं राजस्थान का शायद ही कोई ऐसा जिला हो जहां पशुपालकों के स्वामित्व वाली कंपनियों और संस्थाएं नहीं हो। इन पशुपालकों का कहना है कि जहां वे निवास करते हैं वहां आरसीडीएफ से जुड़ी सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ या दूध का संकलन करने वाली समितियां नहीं है। ऐसे में इन पशुपालकों ने अपने स्तर पर दूध संकलन और वितरण के लिए संस्थाएं बनाई है। चूंकि यह संस्थाएं भी सहकारी समितियों के जैसे ही कार्य करती है और दूध का पैसा सीधा किसानों के बैंक खातों में दिया जाता है। ऐसे में इन पशुपालकों को इस योजना से वंचित रखना उचित नहीं है।
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Web Title : rajasthan milk farmers demand a subsidy of rs 5 per litre under state govt scheme Hindi News from Navbharat Times, TIL Network
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