बारो बाजार के मुख्य सड़क पर 15 साल से बह रहा है नाला का गंदा पानी h3>
गढ़हरा(बरौनी)। एक संवाददाता
तेघड़ा प्रखंड की बारो दक्षिणी पंचायत में आपसी विवाद के कारण बारो बाजार के मुख्य सड़क पर नाला का गंदा पानी वर्षों से बह रहा है। इससे राहगीर समेत स्थानीय लोग काफी परेशान हैं। करीब 15 साल से यह गंभीर समस्या बनी हुई है। घरों के गंदा जल की निकासी स्थल का चयन आज तक नहीं हो पाया है। पास में दो बड़े बड़े गढ्ढे हैं। जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। वार्ड संख्या 10, 11 एवं 12 में अवस्थित घरों में बहने वाला नालियों का गंदा पानी पिछले 15 वर्षों से बारो बाजार के मुख्य सड़क पर बहता है। स्थानीय गैरमजरूआ जमीन के विवाद के कारण गंदा जल सड़क बह रहा है।
हिन्दुस्तान अखबार में बीते 18 जनवरी को भी नाला से बारो बाजार में सड़क पर बह रहा पानी खबर प्रमुखता से छपने पर 22 जनवरी को तेघड़ा एसडीएम राकेश कुमार और सीओ परमजीत सिरमौर मामले की जानकारी लेने 22 जनवरी को विवादित स्थल पर पहुंचे थे। अधिकारियों ने विवादित जमीन को लेकर स्थानीय लोगों से गहन पूछताछ की थी। कुछ लोगों के द्वारा सरकारी जमीन का अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए जमकर विरोध किया गया।
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क्या कहते हैं स्थानीय लोग
बारो दक्षिणी पंचायत के मुखिया मो जफर आलम ने कहा कि नाले की तरफ के चिह्नित गड्ढे में भी पानी गिराने की व्यवस्था होनी चाहिए। परन्तु अतिक्रमणकारी पानी के बहाव को रोके हुए अवैध अतिक्रमण किये हुए हैं। कई जगहों पर गैरमजरूआ जमीन है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। इससे जुड़ा एक वाद 2005 से जारी है। तत्कालीन सीओ तेघड़ा के समक्ष प्रस्तुत हुआ था। किंतु विभागीय शिथिलता के कारण ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। समस्या आज भी यथावत है। 2018में बीडीओ को आवेदन दिया था। इसकी प्रतिलिपि एसडीओ, भूमि सुधार उप समाहर्ता, सीओ को दी गई थी। 2020 में डीएम को भी अवगत कराया गया। परंतु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
समाजसेवी मो. आरिफ अंसारी ने कहा कि जल निकासी व्यवस्था नहीं होने से राहगीर व स्थानीय लोग परेशान हैं। कुछ लोगों के कारण मामला पेंचीदा बना हुआ है। प्रशासन सख्त रूप अपनाएगा तो त्वरित मामले का निष्पादन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 साल से मामले का निबटारा नहीं होना आमलोगों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है।
व्यवसायी मुकेश ठाकुर ने कहा कि आपसी समझौता से मामले का निष्पादन हो सकता है। यह जल निकासी व्यवस्था समाज, प्रतिनिधि और पदाधिकारी के सामने जनहित को लेकर बहुत बड़ी समस्या है। बारो बाजार का नाम देश विदेश में है। इस मामले को हर तरह का भेद भाव भुलाकर जनहित में समाधान करना चाहिये।
समाजसेवी प्रमोद सिंह ने कहा कि बारो बाजार में सड़क पर पानी बहाया जा रहा है। तमाम गैरमजरूआ गड्ढा को अतिक्रमण कर लिया गया है। इस बात पर न तो किसी जनप्रतिनिधि का और ना ही किसी अधिकारी का ध्यान जा रहा है। सड़क पर पानी बहते लोग देखकर पानी पानी चिल्ला रहे हैं। पानी बहाने वाले को रोकने की बात कोई नहीं कर रहे हैं। जबतक बुनियादी ढांचे को मजबूत नहीं किया जाएगा,तब तक इस समस्या से छुटकारा नहीं मिल सकता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
एसडीएम राकेश कुमार ने बताया कि बारो बाजार के सड़क पर गन्दा पानी बहने का मामला काफी चिंतनीय है। स्थल जांच के क्रम में गैर मजरुआ जमीन से जुड़ी कई मामले सामने आए हैं। पक्षकारों को नोटिस की गई है। मामले की सुनवाई हो रही है। इसके बाद सीओ रिपोर्ट करेंगे। पूर्व में शिकायत मिली थी कि गैरमजरूआ जमीन का अतिक्रमण कर स्वरूप बदला जा रहा है। इसकी जांच की जा रही है।
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गढ़हरा(बरौनी)। एक संवाददाता
तेघड़ा प्रखंड की बारो दक्षिणी पंचायत में आपसी विवाद के कारण बारो बाजार के मुख्य सड़क पर नाला का गंदा पानी वर्षों से बह रहा है। इससे राहगीर समेत स्थानीय लोग काफी परेशान हैं। करीब 15 साल से यह गंभीर समस्या बनी हुई है। घरों के गंदा जल की निकासी स्थल का चयन आज तक नहीं हो पाया है। पास में दो बड़े बड़े गढ्ढे हैं। जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। वार्ड संख्या 10, 11 एवं 12 में अवस्थित घरों में बहने वाला नालियों का गंदा पानी पिछले 15 वर्षों से बारो बाजार के मुख्य सड़क पर बहता है। स्थानीय गैरमजरूआ जमीन के विवाद के कारण गंदा जल सड़क बह रहा है।
हिन्दुस्तान अखबार में बीते 18 जनवरी को भी नाला से बारो बाजार में सड़क पर बह रहा पानी खबर प्रमुखता से छपने पर 22 जनवरी को तेघड़ा एसडीएम राकेश कुमार और सीओ परमजीत सिरमौर मामले की जानकारी लेने 22 जनवरी को विवादित स्थल पर पहुंचे थे। अधिकारियों ने विवादित जमीन को लेकर स्थानीय लोगों से गहन पूछताछ की थी। कुछ लोगों के द्वारा सरकारी जमीन का अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए जमकर विरोध किया गया।
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क्या कहते हैं स्थानीय लोग
बारो दक्षिणी पंचायत के मुखिया मो जफर आलम ने कहा कि नाले की तरफ के चिह्नित गड्ढे में भी पानी गिराने की व्यवस्था होनी चाहिए। परन्तु अतिक्रमणकारी पानी के बहाव को रोके हुए अवैध अतिक्रमण किये हुए हैं। कई जगहों पर गैरमजरूआ जमीन है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। इससे जुड़ा एक वाद 2005 से जारी है। तत्कालीन सीओ तेघड़ा के समक्ष प्रस्तुत हुआ था। किंतु विभागीय शिथिलता के कारण ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। समस्या आज भी यथावत है। 2018में बीडीओ को आवेदन दिया था। इसकी प्रतिलिपि एसडीओ, भूमि सुधार उप समाहर्ता, सीओ को दी गई थी। 2020 में डीएम को भी अवगत कराया गया। परंतु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
समाजसेवी मो. आरिफ अंसारी ने कहा कि जल निकासी व्यवस्था नहीं होने से राहगीर व स्थानीय लोग परेशान हैं। कुछ लोगों के कारण मामला पेंचीदा बना हुआ है। प्रशासन सख्त रूप अपनाएगा तो त्वरित मामले का निष्पादन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 साल से मामले का निबटारा नहीं होना आमलोगों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है।
व्यवसायी मुकेश ठाकुर ने कहा कि आपसी समझौता से मामले का निष्पादन हो सकता है। यह जल निकासी व्यवस्था समाज, प्रतिनिधि और पदाधिकारी के सामने जनहित को लेकर बहुत बड़ी समस्या है। बारो बाजार का नाम देश विदेश में है। इस मामले को हर तरह का भेद भाव भुलाकर जनहित में समाधान करना चाहिये।
समाजसेवी प्रमोद सिंह ने कहा कि बारो बाजार में सड़क पर पानी बहाया जा रहा है। तमाम गैरमजरूआ गड्ढा को अतिक्रमण कर लिया गया है। इस बात पर न तो किसी जनप्रतिनिधि का और ना ही किसी अधिकारी का ध्यान जा रहा है। सड़क पर पानी बहते लोग देखकर पानी पानी चिल्ला रहे हैं। पानी बहाने वाले को रोकने की बात कोई नहीं कर रहे हैं। जबतक बुनियादी ढांचे को मजबूत नहीं किया जाएगा,तब तक इस समस्या से छुटकारा नहीं मिल सकता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
एसडीएम राकेश कुमार ने बताया कि बारो बाजार के सड़क पर गन्दा पानी बहने का मामला काफी चिंतनीय है। स्थल जांच के क्रम में गैर मजरुआ जमीन से जुड़ी कई मामले सामने आए हैं। पक्षकारों को नोटिस की गई है। मामले की सुनवाई हो रही है। इसके बाद सीओ रिपोर्ट करेंगे। पूर्व में शिकायत मिली थी कि गैरमजरूआ जमीन का अतिक्रमण कर स्वरूप बदला जा रहा है। इसकी जांच की जा रही है।