जंग में रूस कमजोर हुआ तो चीन का होगा अहम रोल, शशि थरूर ने लोकसभा में सरकार को किया आगाह h3>
नई दिल्ली: यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) के राजनीतिक व आर्थिक प्रभाव को लेकर विपक्षी सदस्यों ने सरकार को सचेत करते हुए लोकसभा (Lok Sabha) में कहा कि सरकार को इस युद्ध को खत्म कराने और शांति की बहाली में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। लोकसभा में नियम 193 के तहत यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा में भाग लेते हुए मंगलवार कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Congress MP Shashi Tharoor) ने कहा कि रूस- यूक्रेन युद्ध के बीच चीन और रूस (China And Russia) करीब आते जा रहे हैं। चीन और रूस जिस प्रकार से करीब आ रहे हैं इसको लेकर उन्होंने सरकार को आगाह किया। शशि थरूर ने कहा कि इस लड़ाई में हम देख रहे हैं कि रूस और चीन एक-दूसरे के और करीब आते जा रहे हैं। इस लड़ाई के परिणास्वरूप यदि रूस कमजोर होता है और ऐसा लगता है कि होगा तो उसका कमजोर होना ही इस रिश्ते में चीन निर्णायक भूमिका में होगा। इसको लेकर भारत को सजग रहने की जरूरत है।
शशि थरूर ने चीन की ओर से जो LAC पर किया गया उसका भी जिक्र किया गया। शशि थरूर ने कहा कि ऐसी स्थिति में हमको सतर्क रहने की जरूरत है। शशि थरूर ने इसके साथ ही कहा कि हम रूस-चीन-पाकिस्तान को साथ देख रहे हैं। इस बारे में भी हमें सोचने की जरूरत है। उन्होंने सैन्य अभियान शुरू होने के दिन इमरान खान की मॉस्को यात्रा का भी जिक्र किया।
शशि थरूर ने कहा कि सरकार के पास मौका है कुछ करने का। हाल के दिनों में जिस प्रकार से कई विदेश मंत्री भारत आए इसको लेकर शशि थरूर ने कहा कि अच्छे संकेत हैं। शशि थरूर ने कहा कि सरकार को आगे बढ़कर अपना रोल अदा करना चाहिए। मध्यस्थता करनी चाहिए।
वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सरकार से आग्रह किया कि उसे मौजूदा समय में गुटनिरपेक्षता से जुड़े नेहरूवादी सिद्धांत का अनुसरण करना चाहिए जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है। तिवारी ने रूस के साथ भारत के संबंधों का हवाला देते हुए कहा कहा कि रूस भारत का विश्वसनीय मित्र रहा है और बहुत मुश्किल समय में उसने हमारी मदद की। कांग्रेस नेता ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय का उल्लेख करते हुए कहा कि उस वक्त भारत की सेना के पराक्रम और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की दक्ष कूटनीति के चलते बांग्लादेश को आजादी मिली।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन की स्थिति के लिए क्या रूस अकेले जिम्मेदार है। मुझे लगता है कि अमेरिका और उसके साथी इसके लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। तिवारी ने कहा कि आज पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता है, श्रीलंका में आर्थिक बदहाली है। अब तक सरकार बहुत सतर्क रही है, इसके लिए इसकी सराहना होनी चाहिए।
शशि थरूर ने चीन की ओर से जो LAC पर किया गया उसका भी जिक्र किया गया। शशि थरूर ने कहा कि ऐसी स्थिति में हमको सतर्क रहने की जरूरत है। शशि थरूर ने इसके साथ ही कहा कि हम रूस-चीन-पाकिस्तान को साथ देख रहे हैं। इस बारे में भी हमें सोचने की जरूरत है। उन्होंने सैन्य अभियान शुरू होने के दिन इमरान खान की मॉस्को यात्रा का भी जिक्र किया।
शशि थरूर ने कहा कि सरकार के पास मौका है कुछ करने का। हाल के दिनों में जिस प्रकार से कई विदेश मंत्री भारत आए इसको लेकर शशि थरूर ने कहा कि अच्छे संकेत हैं। शशि थरूर ने कहा कि सरकार को आगे बढ़कर अपना रोल अदा करना चाहिए। मध्यस्थता करनी चाहिए।
वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सरकार से आग्रह किया कि उसे मौजूदा समय में गुटनिरपेक्षता से जुड़े नेहरूवादी सिद्धांत का अनुसरण करना चाहिए जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है। तिवारी ने रूस के साथ भारत के संबंधों का हवाला देते हुए कहा कहा कि रूस भारत का विश्वसनीय मित्र रहा है और बहुत मुश्किल समय में उसने हमारी मदद की। कांग्रेस नेता ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय का उल्लेख करते हुए कहा कि उस वक्त भारत की सेना के पराक्रम और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की दक्ष कूटनीति के चलते बांग्लादेश को आजादी मिली।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन की स्थिति के लिए क्या रूस अकेले जिम्मेदार है। मुझे लगता है कि अमेरिका और उसके साथी इसके लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। तिवारी ने कहा कि आज पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता है, श्रीलंका में आर्थिक बदहाली है। अब तक सरकार बहुत सतर्क रही है, इसके लिए इसकी सराहना होनी चाहिए।