Rajasthan: विधानसभा में 87% सवाल पेंडिंग, रेप मामलों से जुड़े 46 सवालों में से महज 2 पर जवाब

106
Rajasthan: विधानसभा में 87% सवाल पेंडिंग, रेप मामलों से जुड़े 46 सवालों में से महज 2 पर जवाब

Rajasthan: विधानसभा में 87% सवाल पेंडिंग, रेप मामलों से जुड़े 46 सवालों में से महज 2 पर जवाब

रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: राजस्थान विधानसभा (rajasthan vidhansabha) में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य सवाल तो काफी लगा रहे हैं लेकिन सरकार इन सवालों के जवाब देने गंभीर नहीं है। इसका ताजा उदाहरण हाल ही में हुए बजट सत्र में देखा जा सकता है। 9 फरवरी को शुरू हुआ बजट सत्र 28 मार्च को समाप्त हो गया। डेढ़ महीने तक चले इस बजट सत्र में सरकार ने केवल 13 फीसदी सवालों के ही जवाब दिए, जबकि 87 फीसदी सवालों को जवाब का इंतजार है। विधायकों की आरे से सरकार से कुल 7735 सवाल पूछे गए। इन 7735 में से सरकार ने केवल 1003 सवालों के ही जवाब दिए। सवालों के जवाब नहीं मिलने से कई विधायक नाराजगी जता चुके हैं इसके बावजूद भी सरकार इनके प्रति गम्भीर नजर नहीं आ रही है।

रेप से जुड़े करीब 4 दर्जन सवाल, 2 पर जवाब
विपक्ष की माने तो सरकार विधायकों के उत्तर देने में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। इस अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि लगातार बढ़ रहे दुष्कर्म के मामलों के 46 प्रश्नों में से केवल 2 के उत्तर दिए हैं। साथ ही ऐसे गंभीर सवाल भी लॉटरी के भरोसे हैं। दरअसल, प्रश्नों का सिलेक्शन विषय की गंभीरता से नहीं होता, बल्कि लाॅटरी निकलने से होता है।

MLA ने 108 किलोमीटर दौड़ लगाकर जताया था विरोध
सदन में गम्भीर मुद्दे उठाने के बावजूद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं होने से क्षुब्ध होकर बहरोड़ से विधायक बलजीत यादव ने 25 मार्च को बिना रुके लगातार 108 किलोमीटर दौड़ लगाई थी। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक लगातार 12 घंटे 20 मिनट तक दौड़ लगाकर बलजीत यादव ने सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने साफ कहा कि चुनाव से पहले उन्हें लगता था कि सदन में उठाए गए मुद्दों पर सरकार गम्भीर होकर कार्रवाई करती है। बीते तीन साल में कई गम्भीर विषयों को सदन में उठाया गया लेकिन सरकार उन मुद्दों के प्रति गम्भीर नजर नहीं आई। बलजीत यादव ने कहा कि सरकार द्वारा गम्भीर मुद्दों पर कार्रवाई नहीं करने से वे स्वयं को घृणित महसूस कर रहे हैं। खुद को सजा देने के लिए उन्होंने लगातार 108 किलोमीटर तक दौड़ लगाई थी।
राजस्थान के करौली में फैली सांप्रदायिक हिंसा पर CM गहलोत क्यों ले रहे योगी आदित्यनाथ का नाम? जानें इनसाइड स्टोरी
रोजाना 1 घंटे चलता है प्रश्नकाल
विधानसभा सत्र के दौरान सोमवार से शुक्रवार को अलग अलग दिन अलग अलग विभागों के सवाल लिए जाते हैं। इन सवालों का चयन लॉटरी के जरिए होता है। सदन में सुबह 11 बजे से लेकर 12 बजे तक एक घंटे का समय प्रश्नकाल का होता है। इस दौरान जितने सवाल लॉटरी के जरिए शामिल किए जाते हैं, केवल उन्हीं सवालों के जवाब दिए जाते हैं। अन्य सवालों के जवाब विभाग द्वारा बाद में ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड से भेजे जाते हैं। इन सवालों के जवाब भेजने की गति बहुत धीमी है। विधायकों के कई सवालों के जवाब सालभर तक नहीं आते हैं। कुछ सवाल तो ऐसे होते हैं जिनके जवाब पूरे पांच साल तक नहीं मिलते हैं। ऐसे सवालों के बारे में विधानसभा द्वारा गठित कमेटी निर्णय करती है कि विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी है या सवालों को ड्रॉप करना है।
Petrol-Diesel:श्रीगंगानगर, जैसलमेर , बाड़मेर के बाद जयपुर में 100 पर पहुंचा डीजल!, जानिए प्रमुख शहरों का भाव
100 से ज्यादा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेंडिंग- राजेन्द्र राठौड़
सवालों के इतर गंभीर मुद्दों को ध्यान आकर्षण प्रस्ताव के जरिए सदन में उठाए जाते हैं। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ का कहना है है कि 100 से ज्यादा ध्यान आकर्षण प्रस्ताव पेडिंग पड़े हैं। सरकार उन प्रस्तावों पर भी ध्यान नहीं दे रही है। सवालों के जवाब नहीं देने और जरूरी मुद्दों पर सदन में बोलने से रोकने पर न केवल विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष के सदस्य भी सरकार को आड़े हाथों लेते रहे हैं। कांग्रेसी विधायकों ने अपनी ही सरकार पर कई बार सवाल खड़े किए। इसके बावजूद भी सरकार की सेहत पर कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आता।

राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News