Chirag Paswan News : मोदी कैबिनेट के किस मंत्री ने चिराग पासवान को दिया था मदद का भरोसा? ‘नीतीश के इशारे पर हुआ खेल’ h3>
पटना:अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान को राष्ट्रीय राजधानी में आवंटित बंगला ‘12 जनपथ’ से बेदखल किये गये लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने शनिवार को कहा कि इस घटनाक्रम में उन्हें साजिश की बू आती है। पासवान ने आरोप लगाया कि जिस दिन उन्हें उस बंगले से बाहर किया गया, उससे एक दिन पहले तक उन्हें एक ‘शीर्ष केंद्रीय मंत्री’ ने आश्वासन दिया था कि उन्हें घर नहीं छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने संदेह जताया कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें ‘अपमानित’ करने के लिए कोई भूमिका अदा की है? पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को भी निशाना बनाया और कहा कि उनके चाचा दिवंगत ‘रामविलास पासवान की स्मृति को अपमानित करने के कुत्सित प्रयासों’ में मूकदर्शक बने रहे।
किस केंद्रीय मंत्री ने दिया था चिराग को आश्वासन?
चिराग पासवान ने दावा किया है कि बंगले से बेदखल किए जाने से ठीक एक रात पहले एक कैबिनेट मंत्री ने उन्हें अपने पास बुलाया था। इसी कैबिनेट मंत्री ने उन्हें बंगला न खाली कराए जाने का आश्वासन तक दिया था। चिराग के मुताबिक बंगले से बेदखल किये जाने से एक रात पहले एक कैबिनेट मंत्री ने बुलाकर आश्वस्त किया था कि वह (पासवान) उसी बंगले में रुकेंगे। पासवान ने कहा कि उस मंत्री ने एक अधिकारी को फोन करके कहा था, ‘चिराग पर कठोर रवैया न अपनाएं, क्योंकि वह बिहार के भविष्य हैं।’
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मोदी कैबिनेट के टॉप मंत्रियों में शामिल
चिराग पासवान ने ये दावा भी किया कि वो कोई ऐरा-गैरा मंत्री नहीं था, बल्कि मोदी कैबिनेट के शीर्ष पांच मंत्रियों में शामिल व्यक्ति था। उन्होंने कहा कि समय आने पर वह उस मंत्री का नाम भी उजागर कर सकते हैं। चिराग के इस दावे के बाद अब सियासी हलके में इस बात के खूब कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर चिराग का दावा सच है तो आखिर वो मंत्री कौन थे जो पर्दे के पीछे से उनकी मदद का दंभ भर रहे थे।
उधर एलजेपी (रामविलास) ने BJP के खिलाफ खोला मोर्चा
उधर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष अशरफ अंसारी ने अपमानजनक तरीके से घर का सामान 12 जनपथ (दिल्ली) से निकालने पर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अशरफ ने कहा कि ‘सामान निकालने के लिए चिराग को एक हफ्ते का समय भी नहीं दिया गया। वहीं, दूसरी तरफ लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को कई सालों से गैर कानूनी तरीके से कोठी आवंटित है। ये दोहरा मापदंड है।’
Tejashwi Yadav ने दिखाई सहानुभूति, क्या चिराग को मिलेगा सहारा?
अशरफ ने आगे कहा है कि चिराग पासवान ने घर खाली करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा था और अपने लिए घर आवंटित करने के लिए आग्रह किया था ताकि घर में रखा वर्षों का सामान निकाल कर दूसरे स्थान पर पहुंचाया जा सके। लेकिन केंद्र सरकार ने जिस अपमानजनक तरीके से सामान को निकालकर सड़क पर रखा, यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। ना सिर्फ मैं (अशरफ अंसारी) बल्कि वो सभी लोग जिन लोगों ने ये मंजर देखा, उनके आखों में आंसू आ गए। इसकी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास घोर निंदा करती है।’
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चिराग पासवान ने दावा किया है कि बंगले से बेदखल किए जाने से ठीक एक रात पहले एक कैबिनेट मंत्री ने उन्हें अपने पास बुलाया था। इसी कैबिनेट मंत्री ने उन्हें बंगला न खाली कराए जाने का आश्वासन तक दिया था। चिराग के मुताबिक बंगले से बेदखल किये जाने से एक रात पहले एक कैबिनेट मंत्री ने बुलाकर आश्वस्त किया था कि वह (पासवान) उसी बंगले में रुकेंगे। पासवान ने कहा कि उस मंत्री ने एक अधिकारी को फोन करके कहा था, ‘चिराग पर कठोर रवैया न अपनाएं, क्योंकि वह बिहार के भविष्य हैं।’
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चिराग पासवान ने ये दावा भी किया कि वो कोई ऐरा-गैरा मंत्री नहीं था, बल्कि मोदी कैबिनेट के शीर्ष पांच मंत्रियों में शामिल व्यक्ति था। उन्होंने कहा कि समय आने पर वह उस मंत्री का नाम भी उजागर कर सकते हैं। चिराग के इस दावे के बाद अब सियासी हलके में इस बात के खूब कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर चिराग का दावा सच है तो आखिर वो मंत्री कौन थे जो पर्दे के पीछे से उनकी मदद का दंभ भर रहे थे।
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उधर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष अशरफ अंसारी ने अपमानजनक तरीके से घर का सामान 12 जनपथ (दिल्ली) से निकालने पर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अशरफ ने कहा कि ‘सामान निकालने के लिए चिराग को एक हफ्ते का समय भी नहीं दिया गया। वहीं, दूसरी तरफ लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को कई सालों से गैर कानूनी तरीके से कोठी आवंटित है। ये दोहरा मापदंड है।’
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अशरफ ने आगे कहा है कि चिराग पासवान ने घर खाली करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा था और अपने लिए घर आवंटित करने के लिए आग्रह किया था ताकि घर में रखा वर्षों का सामान निकाल कर दूसरे स्थान पर पहुंचाया जा सके। लेकिन केंद्र सरकार ने जिस अपमानजनक तरीके से सामान को निकालकर सड़क पर रखा, यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। ना सिर्फ मैं (अशरफ अंसारी) बल्कि वो सभी लोग जिन लोगों ने ये मंजर देखा, उनके आखों में आंसू आ गए। इसकी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास घोर निंदा करती है।’