Betul Rape Case : नाबालिग का कराया गर्भपात, प्रशासन ने अस्पताल को किया सील h3>
बैतूल : आमला थाना क्षेत्र की 15 साल की नाबालिग के साथ कोचिंग संचालक द्वारा दुष्कर्म (Betul Rape Case) करने के मामले में जहां न्यायालय ने चारों आरोपियों को जेल भेज दिया। वहीं, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने नाबालिग का गर्भपात (Abortion of minor in Betul) कराने वाली निजी अस्पताल में जांच की और कार्रवाई करते हुए अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया (administration sealed the hospital)। साथ ही जांच के दौरान सोनोग्राफी मशीन भी जब्त कर ली है।
जानकारी के अनुसार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को जांच के दौरान पाया कि निजी अस्पताल में रखी दो सोनोग्राफी मशीन में से एक मशीन का ही रजिस्ट्रेशन है, दूसरी मशीन अवैध है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने दूसरी मशीन जब्त कर ली। इसके अलावा पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण किया गया, जिस डॉक्टर के नाम से लैब रजिस्टर्ड है, वह डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। साथ ही जो कर्मचारी वहां उपस्थित थे, उनके पास डिग्री नहीं थी। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पैथोलॉजी लैब भी सील कर दिया। इसके साथ ही अबॉर्शन कक्ष भी सील किया गया ।
जानकारी देते हुए डॉ एके तिवारी ने बताया कि पुलिस के पत्र के बाद जांच की गई, जिसमें एक सोनोग्राफी मशीन अवैध रूप से पाई गई है, पैथोलॉजी लैब का संचालन अवैध रूप से हो रहा था। इनको जो एमटीपी का लाइसेंस दिया गया था, वह 12 हफ्ते का था। लेकिन, उन्होंने उससे ज्यादा समय का गर्भपात किया है। इसके अलावा नाबालिग का गर्भपात बिना अनुमति के नहीं किया जाता है इसको लेकर एमटीपी का लाइसेंस और पैथोलॉजी लैब के साथ ही अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है।
वहीं, मामले में आरोपी डॉ वंदना कापसे के वकील अंशुल गर्ग का कहना है कि पीड़िता की उम्र 20 साल लिखी थी और वह किसी महिला के साथ आई थी। उसकी हालत कमजोर थी उसकी जांच के बाद उसे जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से ब्लड बुलवाकर लगवाया गया था। पुलिस ने जो दस्तावेज जब्त किए हैं, उसमें कोई डीएनसी, कोई अबॉर्शन करने का रिकॉर्ड नहीं है। पीड़िता ने कहीं नहीं बोला कि उसका करुणा हॉस्पिटल में अबॉर्शन हुआ है, उसने बोला है कि उसका इलाज हुआ है।
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जानकारी के अनुसार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को जांच के दौरान पाया कि निजी अस्पताल में रखी दो सोनोग्राफी मशीन में से एक मशीन का ही रजिस्ट्रेशन है, दूसरी मशीन अवैध है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने दूसरी मशीन जब्त कर ली। इसके अलावा पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण किया गया, जिस डॉक्टर के नाम से लैब रजिस्टर्ड है, वह डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। साथ ही जो कर्मचारी वहां उपस्थित थे, उनके पास डिग्री नहीं थी। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पैथोलॉजी लैब भी सील कर दिया। इसके साथ ही अबॉर्शन कक्ष भी सील किया गया ।
जानकारी देते हुए डॉ एके तिवारी ने बताया कि पुलिस के पत्र के बाद जांच की गई, जिसमें एक सोनोग्राफी मशीन अवैध रूप से पाई गई है, पैथोलॉजी लैब का संचालन अवैध रूप से हो रहा था। इनको जो एमटीपी का लाइसेंस दिया गया था, वह 12 हफ्ते का था। लेकिन, उन्होंने उससे ज्यादा समय का गर्भपात किया है। इसके अलावा नाबालिग का गर्भपात बिना अनुमति के नहीं किया जाता है इसको लेकर एमटीपी का लाइसेंस और पैथोलॉजी लैब के साथ ही अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है।
वहीं, मामले में आरोपी डॉ वंदना कापसे के वकील अंशुल गर्ग का कहना है कि पीड़िता की उम्र 20 साल लिखी थी और वह किसी महिला के साथ आई थी। उसकी हालत कमजोर थी उसकी जांच के बाद उसे जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से ब्लड बुलवाकर लगवाया गया था। पुलिस ने जो दस्तावेज जब्त किए हैं, उसमें कोई डीएनसी, कोई अबॉर्शन करने का रिकॉर्ड नहीं है। पीड़िता ने कहीं नहीं बोला कि उसका करुणा हॉस्पिटल में अबॉर्शन हुआ है, उसने बोला है कि उसका इलाज हुआ है।
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