पीके का खुलासा : ‘आज भी नीतीश की दी सलाह पर अमल करता हूं, पहनता हूं उनके ही दिए वो खास कपड़े’

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पीके का खुलासा : ‘आज भी नीतीश की दी सलाह पर अमल करता हूं, पहनता हूं उनके ही दिए वो खास कपड़े’

पीके का खुलासा : ‘आज भी नीतीश की दी सलाह पर अमल करता हूं, पहनता हूं उनके ही दिए वो खास कपड़े’

पटना: बिहार की सियासत में और कुछ हो या ना हो लेकिन एक बात तो तय है कि आज जिससे दोस्ती है, कल उससे गाढ़ी दुश्मनी भी हो सकती है। आज जिसके साथ एक थाली में खा रहे हैं कल उसे ही देखना भी गवारा नहीं करेंगे। आपको यकीन न हो तो 2015 में बनी महागठबंधन सरकार का उदाहरण सामने है, जब लालू के जंगलराज के नाम पर 2005 उन्हें सत्ता से उखाड़ने वाले नीतीश कुमार ने 2015 में फिर से उनसे हाथ मिला लिया था। लेकिन जैसा कि पहले ही लिखा कि यहां सब संभव है, फिर से वो दोस्ती दुश्मनी में बदल गई और नीतीश की NDA में वापसी हो गई। हालांकि इस पूरे प्रकरण में जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में आया वो था पीके का, पीके यानि प्रशांत किशोर… जेडीयू के चुनावी चाणक्य और पता नहीं कौन-कौन से खिताब से उनको नवाजा गया। आज वो नीतीश के साथ नहीं हैं, लेकिन फिर भी उन्हें गुरु मानते हैं। ये खुलासा खुद पीके ने किया है।

पीके आज भी नीतीश के मुरीद
एक न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कई खुलासे किए हैं। उन्होंने एक बड़ा राज भी खोला है कि पैंट-शर्ट को छोड़ उन्होंने कुर्ता कबसे और किसके कहने पर पहनना शुरू किया। अपने इंटरव्यू में पीके ने कहा कि…

जब मैं बिहार में नीतीश जी के साथ काम कर रहा था, तो उन्होंने मुझे कुर्ता-पायजामा पहनने की सलाह दी। सिर्फ सलाह ही नहीं दी बल्कि सिलवाकर भी दे दिए। आज भी उन्हीं के सिलवाए कुर्ता-पायजामा पहन रहा हूं।

प्रशांत किशोर, रणनीतिकार

जी, आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा। प्रशांत किशोर ने खुलकर ये बात कही है कि उन्हें कुर्ता पायजामा पहनने की सलाह नीतीश ने ही दी थी क्योंकि सियासत का ड्रेस कोड ही यही है। प्रशांत किशोर के मुताबिक आज भी न सिर्फ वो नीतीश की सलाह पर अमल करते हैं बल्कि उन्हीं का दिया कुर्ता पायजामा भी पहनते हैं।
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महागठबंधन जैसी कामयाबी किसी को नहीं मिली- PK
पीके ने अपने इंटरव्यू में बिहार के 2015 वाले महागठबंधन पर भी खूब बातें की। पीके ने कहा कि ‘ये जो महागठबंधन का कॉन्सेप्ट है, ये 2015 में बिहार से ही शुरू किया गया था। जैसा चुनाव में हम लोग कर रहे थे। उसके बाद से ही लोगों की धारणा बनी कि सारा विपक्ष एक साथ आएगा तो चुनाव जीत जाएंगे, लेकिन 2015 के बाद जितने भी इस तरह के प्रयास किए गए हैं, वो सारे धराशायी हुए हैं। कोई भी चुनाव नहीं जीत पाया है।’ एक तरह से पीके ने यहां ये क्रेडिट लेने की कोशिश की कि नेता महागठबंधन जरूर बना सकते हैं, लेकिन उनके जैसा Ara News : क्या नीतीश की पुलिस ने वीर कुंवर सिंह के वंशज को पीट कर मार डाला? घरवालों के सनसनीखेज आरोप के बाद आरा में हड़कंपनहीं।

हाल ही में पीके ने नीतीश से अकेले में की थी मुलाकात
पिछले महीने ही यानि फरवरी में नीतीश के दिल्ली दौरे में ही पीके ने उनसे मुलाकात भी की थी। तब नीतीश ने खुद ही ये बात मीडिया को बताई थी कि उनकी प्रशांत किशोर से मुलाकात हुई है। नीतीश ने ये तक कहा था कि ‘ये रिश्ता आज का थोड़े ही है।’

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