Imran Khan News: न बता पा रहे, न छिपा पा रहे हैं… विदेशी साजिश वाली ‘गुप्त चिट्ठी’ पर पाक में बुरी तरह फंस गए इमरान h3>
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (News About Pakistan PM Imran Khan) विदेशी साजिश वाली गुप्त चिट्ठी पर बुरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं। विपक्ष मांग कर रहा है कि इमरान खान उस गुप्त चिट्ठी (Imran Khan Threat Letter) को संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाकर सार्वजनिक करें। वहीं, इमरान खान के खास नेता बयान दे रहे हैं कि वे उस चिट्ठी को पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of Pakistan) के चीफ जस्टिस को दिखा सकते हैं। इस बीच पाकिस्तानी सोशल मीडिया में इमरान की इस गुप्त चिट्ठी को लेकर खूब मीम्स शेयर किए जा रहे हैं। पाकिस्तानी राजनीति पर गहरी नजर रखने वाले कई विशेषज्ञों का भी मानना है कि इमरान खान की चिट्ठी वाला दांव सिर्फ एक नाटक है। दरअसल, इमरान ने इस्लामाबाद में आयोजित एक रैली में कागज का एक टुकड़ा लहराते हुए दावा किया था कि उनकी सरकार को गिराने के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ है और उनके पास इसका सबूत भी है।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने खारिज किया पीएम इमरान का दावा
पाकिस्तानी मीडिया एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष अधिकारियों ने बताया है कि उन्हें इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने को लेकर अंतरराष्ट्रीय साजिश के कोई सबूत नहीं मिले हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि दरअसल, यह चिट्ठी पाकिस्तान के विदेशी राजनयिक मिशनों में से एक द्वारा साझा किया गया आंतरिक मूल्यांकन था। वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का दावा है कि धमकी देने वाला पत्र सैन्य नेतृत्व के साथ भी साझा किया गया था। लेकिन, संबंधित पाकिस्तानी अधिकारियों ने खुलासा किया है कि उन्हें इस तरह की किसी भी साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही कोई सबूत देखा है।
अधिकारी बोले- सच्चाई होती तो अब तक कार्रवाई हो गई होती
रिपोर्ट में पाकिस्तान के बाहरी खतरों से निपटने वाले विभाग के एक सूत्र ने कहा कि अगर कोई खतरा होता तो अब तक कुछ कार्रवाई की जाती, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि अगर खतरा इतना गंभीर था तो राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक तुरंत क्यों नहीं बुलाई गई। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के कुछ अधिकारी इस बात से नाराज हैं कि अगर यह साजिश वास्तविक थी तो इसे प्रधानमंत्री को सार्वजनिक तौर पर उठाने के बजाए संबंधित मंचों पर रखना चाहिए था।
इमरान पर पीएम पद की शपथ के उल्लंघन का आरोप
कुछ जानकारों का मानना है कि इमरान खान ने इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाकर अपनी संविधानिक शपथ का उल्लंघन किया है। ऐसे विवरणों को सार्वजनिक रूप से प्रकट करने की अनुमति नहीं होती है। इस बीच पाकिस्तान के संघीय मंत्री असद उमर ने कहा कि इमरान खान इस चिट्ठी को पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल को दिखाने के लिए तैयार हैं। सूचना मंत्री फवाद चौधरी के साथ इस्लामाबाद में योजना और विकास मंत्री उमर ने कहा कि उन्होंने खुद पत्र देखा है, अगर किसी को संदेह है, तो प्रधानमंत्री तैयार हैं.. उन्होंने सोचा कि हम सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के साथ साझा कर सकते हैं।
चीफ जस्टिस के साथ चिट्ठी शेयर करने को तैयार हैं इमरान
उन्होंने कहा कि जाहिर है, यह पाकिस्तान में न्याय का सर्वोच्च पद है, यह एक बहुत बड़ा पद है, जिसका इस देश में सम्मान है। व्यक्तिगत रूप से भी, प्रधान न्यायाधीश की बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश की ओर से, यदि आवश्यक होता है और लोगों की संतुष्टि के लिए वह सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के समक्ष यह पत्र पेश करने के लिए तैयार हैं। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री ने कहा कि पत्र नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने से पहले का है।
इमरान खान
अगला लेखPakistan PM Imran Khan: 3 अप्रैल को होगा इमरान खान के भाग्य का फैसला, अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करेंगे पाक सांसद
पाकिस्तानी अधिकारियों ने खारिज किया पीएम इमरान का दावा
पाकिस्तानी मीडिया एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष अधिकारियों ने बताया है कि उन्हें इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने को लेकर अंतरराष्ट्रीय साजिश के कोई सबूत नहीं मिले हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि दरअसल, यह चिट्ठी पाकिस्तान के विदेशी राजनयिक मिशनों में से एक द्वारा साझा किया गया आंतरिक मूल्यांकन था। वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का दावा है कि धमकी देने वाला पत्र सैन्य नेतृत्व के साथ भी साझा किया गया था। लेकिन, संबंधित पाकिस्तानी अधिकारियों ने खुलासा किया है कि उन्हें इस तरह की किसी भी साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही कोई सबूत देखा है।
अधिकारी बोले- सच्चाई होती तो अब तक कार्रवाई हो गई होती
रिपोर्ट में पाकिस्तान के बाहरी खतरों से निपटने वाले विभाग के एक सूत्र ने कहा कि अगर कोई खतरा होता तो अब तक कुछ कार्रवाई की जाती, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि अगर खतरा इतना गंभीर था तो राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक तुरंत क्यों नहीं बुलाई गई। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के कुछ अधिकारी इस बात से नाराज हैं कि अगर यह साजिश वास्तविक थी तो इसे प्रधानमंत्री को सार्वजनिक तौर पर उठाने के बजाए संबंधित मंचों पर रखना चाहिए था।
इमरान पर पीएम पद की शपथ के उल्लंघन का आरोप
कुछ जानकारों का मानना है कि इमरान खान ने इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाकर अपनी संविधानिक शपथ का उल्लंघन किया है। ऐसे विवरणों को सार्वजनिक रूप से प्रकट करने की अनुमति नहीं होती है। इस बीच पाकिस्तान के संघीय मंत्री असद उमर ने कहा कि इमरान खान इस चिट्ठी को पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल को दिखाने के लिए तैयार हैं। सूचना मंत्री फवाद चौधरी के साथ इस्लामाबाद में योजना और विकास मंत्री उमर ने कहा कि उन्होंने खुद पत्र देखा है, अगर किसी को संदेह है, तो प्रधानमंत्री तैयार हैं.. उन्होंने सोचा कि हम सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के साथ साझा कर सकते हैं।
चीफ जस्टिस के साथ चिट्ठी शेयर करने को तैयार हैं इमरान
उन्होंने कहा कि जाहिर है, यह पाकिस्तान में न्याय का सर्वोच्च पद है, यह एक बहुत बड़ा पद है, जिसका इस देश में सम्मान है। व्यक्तिगत रूप से भी, प्रधान न्यायाधीश की बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश की ओर से, यदि आवश्यक होता है और लोगों की संतुष्टि के लिए वह सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के समक्ष यह पत्र पेश करने के लिए तैयार हैं। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री ने कहा कि पत्र नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने से पहले का है।
इमरान खान