CM गहलोत की डिनर पार्टी में शामिल नहीं हुए सचिन पायलट, क्या फिर से तेज हो रहा दोनों का शीतयुद्ध?

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CM गहलोत की डिनर पार्टी में शामिल नहीं हुए सचिन पायलट, क्या फिर से तेज हो रहा दोनों का शीतयुद्ध?

CM गहलोत की डिनर पार्टी में शामिल नहीं हुए सचिन पायलट, क्या फिर से तेज हो रहा दोनों का शीतयुद्ध?

रामस्वरूप लामरोड़,जयपुर:बजट सत्र के समापन के अवसर हर वर्ष की भांति मुख्यमंत्री आवास पर सदन के सभी सदस्यों को सहभोज दिया गया। इस सहभोज कार्यक्रम में भाजपा और कांग्रेस सहित तमाम दलों के विधायक और निर्दलीय विधायक शामिल हुए, लेकिन कांग्रेस विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट नहीं पहुंचे। हालांकि सब पहले से ही जानते थे सचिन पायलट मुख्यमंत्री के सहभोज में शामिल नहीं होंगे।

पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त विधेयक पर अपना संबोधन दिया था उस दिन भी सचिन पायलट सदन में नहीं पहुंचे थे। हालांकि सचिन पायलट सोमवार को जयपुर में नहीं थे, लेकिन मुख्यमंत्री आवास पर हुए सहभोज कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का कारण सर्वविदित है। मुख्यमंत्री और पूर्व उपमुख्यमंत्री की राजनैतिक द्वेषता किसी से छिपी नहीं है।

दोनों एक दूसरे के खिलाफ छोड़ रहे तीखे बाण
जुलाई 2020 में प्रदेश कांग्रेस में खुलकर बगावत सामने आई थी। सरकार बचाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने समर्थित विधायकों को लेकर 34 दिनों तक होटलों में बंद रहे। बाद में आलाकमान की दखल के बाद सुहल होकर सरकार बच गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के हाथ तो मिल गए ,लेकिन दोनों के दिल नहीं मिले।

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अक्सर सामने आती रहती है एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी
देखा जाता है कि सरकार बचने के बाद भी गहलोत और पायलट दोनों एक दूसरे के खिलाफ तीखे बयान देते रहे हैं। गत वर्ष सचिन पायलट ने कहा था कि किसी को कुर्सी पर चिपके रहने के बजाय जनता की सेवा के कार्य करने चाहिए। पायलट के इस बयान के बाद गहलोत ने बयान दिया कि वे आगामी 50 साल तक कहीं नहीं जाने वाले। जनता ने उन्हें तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाया है और आगे भी वे यहीं रहकर सेवा करते रहेंगे।

पिछले दिनों दोनों ने दिए तल्ख बयान
पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि सचिन पायलट को केन्द्र में मंत्री बनाने के लिए उन्होंने सिफारिश की थी। गहलोत का यह बयान मीडिया की सुर्खियां बना और सचिन पायलट के केन्द्र में मंत्री बनाने का क्रेडिट अशोक गहलोत ने लिया था। इसके कुछ दिन बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के बयान का पलटवार किया। जयपुर में महारानी कॉलेज में आयोजिक कार्यक्रम में सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को जोधपुर से लोकसभा का टिकिट दिलाने के लिए पैरवी की थी।

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पालयट ने कहा कि आलाकमान वैभव गहलोत को टिकट नहीं देना चाहता था लेकिन चूंकि मैं प्रदेशाध्यक्ष था ऐसे में मैंने मुख्यमंत्री आशोक गहलोत का मनोबल बढ़ाने के लिए वैभव गहलोत को टिकट दिलाया था। हालांकि वे बड़े अंतर से चुनाव हार गए।

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