असम-मेघालय के बीच सुलझा 50 साल पुराना सीमा विवाद, समझौते के पीछे अमित शाह की अहम भूमिका

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असम-मेघालय के बीच सुलझा 50 साल पुराना सीमा विवाद, समझौते के पीछे अमित शाह की अहम भूमिका

असम-मेघालय के बीच सुलझा 50 साल पुराना सीमा विवाद, समझौते के पीछे अमित शाह की अहम भूमिका

नई दिल्ली:असम और मेघालय (Assam and Meghalaya) दोनों ही राज्यों के लिए मंगलवार 29 मार्च का दिन ऐतिहासिक है। दोनों राज्यों की सरकार 50 साल से चले आ रहे पुराने सीमा विवाद (50 Year Old Boundary Dispute) को हल करने के लिए देश के गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की उपस्थिति में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के सीएम कोनराड के संगमा ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। 31 जनवरी को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से अमित शाह को एक मसौदा प्रस्ताव पेश करने के दो महीने बाद असम और मेघालय के बीच यह समझौता हुआ है।

असम और मेघालय की सरकार 884 किलोमीटर की सीमा में 12 विवाद की जगहों में से 6 को हल करने के लिए मसौदा तैयार करके आए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज विवाद की 12 जगहों में से 6 पर असम और मेघालय के बीच समझौता हुआ है। सीमा की लंबाई की दृष्टि से देखें तो लगभग 70% सीमा आज विवाद मुक्त हो गई है। मुझे भरोसा है कि बाकी की 6 जगहों को भी हम निकट भविष्य में सुलझा देंगे।

आज का दिन एक विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन है, देश में जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने तब से पूर्वोत्तर की शांति प्रक्रिया, विकास, समृद्धि और यहां की सांस्कृतिक धरोहर के संवर्धन के लिए अनेक वृहद प्रयास किए।

अमित शाह, गृह मंत्री

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस एमओयू के बाद हम दूसरे चरण का काम शुरू करेंगे और अगले 6-7 महीने में बाकी की 6 विवादित जगहों का हल निकालने की पूरी कोशिश करेंगे। वहीं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि हम इसे आगे ले जाकर जिन बाकी जगहों पर विवाद है उन्हें हल करने कोशिश करेंगे।

सीमा विवाद के मुद्दें पिछले 50 वर्षों से हैं। हम इस साल अपने राज्य की स्वर्ण जयंती मना रहे हैं और 50 साल बाद भी यह मुद्दा बना हुआ है। इसलिए समाज का एक बड़ा वर्ग इसका समाधान चाहता था।

कोनराड संगमा, मेघालय के मुख्यमंत्री

36.79 वर्ग किमी भूमि के लिए प्रस्तावित सिफारिशों के अनुसार, असम 18.51 वर्ग किमी और शेष 18.28 वर्ग किमी मेघालय को देगा। असम और मेघालय के बीच समझौता महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद बहुत लंबे समय से लंबित है। लंबे समय से चले आ रहे विवाद की शुरुआत 1972 में हुई थी जब मेघालय असम से अलग होकर एक नया राज्य बना। नए राज्य बनने के बाद प्रारंभिक समझौते में सीमाओं के सीमांकन को लेकर कई विवाद थे।



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