Bharat Bandh LIVE: भारत बंद में क्या-क्या खुला रहेगा? क्यों हड़ताल पर हैं ट्रेड यूनियनें और बैंक? सबकुछ जानिए h3>
नई दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर हड़ताल हो रही है। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और बैंक कर्मचारियों की असोसिएशन ने सोमवार और मंगलवार को भारत बंद का ऐलान किया है। वजह केंद्र सरकार की नीतियों से कर्मियों, किसानों और आम लोगों पर पड़ रहे नकारात्मक असर को बताया गया है। यूनियनों ने अपने संयुक्त बयान में रविवार को कहा, ‘हमारी हड़ताल में रोडवेज, ट्रांसपोर्ट और बिजली कर्मचारी भी शामिल हो गए हैं। कोयला, रेलवे, इंश्योरेंस, डिफेंस, टेलिकॉम, तेल, पोस्टल जैसे अन्य कर्मचारी संगठनों का भी सहयोग मिला है।’ हड़ताल को मिले समर्थन को देखते हुए आम लोगों को दिक्कत हो सकती है। बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट और दूसरी सेवाओं पर असर पड़ सकता है। एसबीआई ने कहा कि दोनों दिन सरकारी बैंकों का कामकाज प्रभावित होगा।
भारत बंद : क्या खुला, क्या बंद रहेगा?
बैंक बंद रहेंगे। अन्य बैंकिंग सेवाएं भी प्रभावित रह सकती हैं।
ट्रांसपोर्ट सविर्सिज में दिक्कत आ सकती है।
बिजली सप्लाई प्रभावित हो सकती है।
स्कूल-कॉलेज खुले रहेंगे।
आपातकालीन सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहेंगी।
भारत बंद को लेकर सरकारों के क्या इंतजाम?
पावर मिनिस्ट्री ने रविवार को सभी राज्यों को पत्र भेजकर बिजली सप्लाई सामान्य रूप से जारी रखने को कहा है। आपात स्थिति को संभालने के लिए पावर स्टेशनों पर अतिरिक्त मैनपावर तैनात करने को कहा गया है। हॉस्पिटल, डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवे जैसी जरूरी सेवाओं की बिजली सप्लाई जारी रखने के लिए सभी कंट्रोल रूम को अलर्ट पर रहने के निर्देश हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि कर्मचारी संगठन अभी स्ट्राइक टाल दें। वे इसे भविष्य में किसी अनुकूल तारीख के दिन रख सकते हैं। उधर, पश्चिम बंगाल सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी सरकारी कर्मचारियों की सोमवार और मंगलवार को दफ्तरों में अटेंडेंस जरूरी कर दी है। नहीं आने पर सैलरी काटी जाएगी।
किसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं बैंक और ट्रेड यूनियन?
सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन को लेकर बैंक यूनियन लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। 22 मार्च को हुई एक बैठक में विभिन्न ट्रेड यूनियन ने भी बैंक कर्मियों का साथ देने का ऐलान किया। दोनों पक्षों ने मिलकर सभी कर्मचारी संगठनों से साथ आने की अपील करते हुए 48 घंटे के देशव्यापी बंद की घोषणा की थी।
यूपी से 15 लाख कर्मचारी और मजदूर होंगे शामिल
श्रम संगठनों का दावा है कि यूपी में करीब 15 लाख कर्मचारी और मजदूर इसमें शामिल होंगे। इस दौरान बैंक, डाक, बीएसएनएल, एलआईसी और बिजली विभाग के कर्मचारी काम नहीं करेंगे। इस हड़ताल में ज्यादातर नैशनल बैंकों के अधिकारी यूनियन शामिल नहीं होंगे। इसकी वजह से आम आदमी को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बताया जा रहा है कि भारतीय मजूदर संघ को छोड़ कर सभी राष्ट्रीय श्रम संगठन इसमें शामिल होंगे। आम हड़ताल में एटक, इंटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, एआईसीसीटीयू, टीयूसीसी, एलपीएफ सहित कई संगठन भाग ले रहे हैं।
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भारत बंद : क्या खुला, क्या बंद रहेगा?
बैंक बंद रहेंगे। अन्य बैंकिंग सेवाएं भी प्रभावित रह सकती हैं।
ट्रांसपोर्ट सविर्सिज में दिक्कत आ सकती है।
बिजली सप्लाई प्रभावित हो सकती है।
स्कूल-कॉलेज खुले रहेंगे।
आपातकालीन सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहेंगी।
भारत बंद को लेकर सरकारों के क्या इंतजाम?
पावर मिनिस्ट्री ने रविवार को सभी राज्यों को पत्र भेजकर बिजली सप्लाई सामान्य रूप से जारी रखने को कहा है। आपात स्थिति को संभालने के लिए पावर स्टेशनों पर अतिरिक्त मैनपावर तैनात करने को कहा गया है। हॉस्पिटल, डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवे जैसी जरूरी सेवाओं की बिजली सप्लाई जारी रखने के लिए सभी कंट्रोल रूम को अलर्ट पर रहने के निर्देश हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि कर्मचारी संगठन अभी स्ट्राइक टाल दें। वे इसे भविष्य में किसी अनुकूल तारीख के दिन रख सकते हैं। उधर, पश्चिम बंगाल सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी सरकारी कर्मचारियों की सोमवार और मंगलवार को दफ्तरों में अटेंडेंस जरूरी कर दी है। नहीं आने पर सैलरी काटी जाएगी।
किसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं बैंक और ट्रेड यूनियन?
सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन को लेकर बैंक यूनियन लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। 22 मार्च को हुई एक बैठक में विभिन्न ट्रेड यूनियन ने भी बैंक कर्मियों का साथ देने का ऐलान किया। दोनों पक्षों ने मिलकर सभी कर्मचारी संगठनों से साथ आने की अपील करते हुए 48 घंटे के देशव्यापी बंद की घोषणा की थी।
यूपी से 15 लाख कर्मचारी और मजदूर होंगे शामिल
श्रम संगठनों का दावा है कि यूपी में करीब 15 लाख कर्मचारी और मजदूर इसमें शामिल होंगे। इस दौरान बैंक, डाक, बीएसएनएल, एलआईसी और बिजली विभाग के कर्मचारी काम नहीं करेंगे। इस हड़ताल में ज्यादातर नैशनल बैंकों के अधिकारी यूनियन शामिल नहीं होंगे। इसकी वजह से आम आदमी को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बताया जा रहा है कि भारतीय मजूदर संघ को छोड़ कर सभी राष्ट्रीय श्रम संगठन इसमें शामिल होंगे। आम हड़ताल में एटक, इंटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, एआईसीसीटीयू, टीयूसीसी, एलपीएफ सहित कई संगठन भाग ले रहे हैं।