आज इकाना स्‍टेडियम में हजारों का मजमा… तब स्‍कूल के हॉल में पड़ी थी पार्टी की नींव

115
आज इकाना स्‍टेडियम में हजारों का मजमा… तब स्‍कूल के हॉल में पड़ी थी पार्टी की नींव

आज इकाना स्‍टेडियम में हजारों का मजमा… तब स्‍कूल के हॉल में पड़ी थी पार्टी की नींव

Yogi Adityanath Shapath Grahan: लखनऊ के इकाना स्‍टेडियम (Ekana Stadium Lucknow) में शुक्रवार को इतिहास बना। टीवी और दूसरे माध्‍यमों के जरिये लाखों-करोड़ों लोग इसके साक्षी बने। स्‍टेडियम में ही हजारों का मजमा था। कानों में दूर-दूर तक एक आवाज। जय श्रीराम… भारत माता की जय। जिधर आंख उठाओ उधर सिर्फ भगवा ही भगवा। जश्‍न होना भी चाहिए। यूपी में 1985 के बाद पहली बार लगातार दूसरी बार अपने दल को पूर्ण बहुमत दिलाने के साथ ही सीएम पद की शपथ लेकर योगी आदित्‍यनाथ (Yogi Adityanath Swearing-in Ceremony) ने एक साथ कई कीर्तिमान बनाए हैं। आज योगी का सियासी कद कहीं और बड़ा हो गया है। यह सिर्फ शप‍थ ग्रहण समारोह नहीं था। यह योगी युग के शुरुआत की गूंज थी। जलसा था। एक वो दिन भी था जब उस पार्टी की नींव रखी गई थी जिससे आज की बीजेपी खड़ी हुई है। यह पार्टी थी भारतीय जनसंघ (BJS) जिसका नया अवतार बीजेपी है। 21 अक्‍टूबर, 1951 को दिल्‍ली में एक छोटे से स्‍कूल में जनसंघ शुरू हुई थी। बाद में इसी ने धीरे-धीरे बीजेपी का रूप धारण कर लिया।

शुक्रवार को भव्‍य समारोह में योगी आदित्‍यनाथ ने शपथ ग्रहण की। स्‍टेडियम में 27 हजार लोगों के बैठने की व्‍यवस्‍था की गई थी। पूरा प्रशासनिक अमला सिर के बल खड़ा था। एक-एक चीज पर नजर थी। एक साथ लखनऊ में सभी वीवीआईपी के आने के कारण शहर के होटल हाउसफुल थे। स्‍टेडियम में चकाचौंध कर देने वाली लाइटिंग की व्‍यवस्‍था थी। सैकड़ों की तदाद में सफाईकर्मी लगे थे।

बीजेपी की टॉप लीडरशिप में आ गए हैं योगी? दुबारा सीएम की शपथ लेने तक मजबूत नेता के रूप में हुए स्थापित

हालां‍कि, वो भी एक दिन था। गर्मियों का नहीं सर्दियों का। साल था 1951 और दिन था 21 अक्‍टूबर। तब दिल्‍ली के कनॉट प्‍लेस में रघुमल आर्य कन्‍या विद्यालय में जन संघ की स्‍थापना हुई थी। करीब 250 लोग इस दौरान जुटे थे। स्‍कूल के हॉल में यह कार्यक्रम रखा गया था। कांग्रेस को चुनौती पेश करने वाले एक नए राजनीतिक दल का जन्‍म हुआ था। देश को इसके कुछ साल पहले ही आजादी मिली थी।

डॉ श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी ने तब इन ढाई सौ लोगों को संबोधित करते हुए पार्टी का संविधान पढ़ा था। वो भी ऐतिहासिक दिन था। इसके पहले देश में कांग्रेस को चुनौती देने वाली कोई पार्टी नहीं थी। उसकी मोनोपली थी। जनसंघ ने मुखर्जी को अपना पहला राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया था। बलराज मधोक पहले राष्‍ट्रीय सचिव बने थे। नई दिल्‍ली के गोल मार्केट में यह स्‍कूल आज भी मौजूद है।

दिनेश शर्मा से आखिर क्‍या खता हुई कि बीजेपी ने नहीं किया योगी कैबिनेट 2.0 में शामिल?

इस स्‍कूल को चुनने की कहानी भी बहुत दिलचस्‍प है। पुस्‍तक ‘द राइज एंड राइज ऑफ बीजेपी’ में इसका जिक्र मिलता है। इस स्‍कूल का नाम रघुमल के नाम पर पड़ा था। रघुमल दिल्‍ली के पहले मेयर और राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवकसंघ (RSS) के सदस्‍य लाला हंसराज गुप्‍ता के ससुर थे। उस समय पार्टी के पास न तो कॉन्‍वोकेश हॉल लेने के लिए पैसा था न ही पुलिस की परमिशन। उस वक्‍त लाला हंसराज आरएसएस से जुड़े हुए थे। उन्‍होंने स्‍कूल में बने एक हॉल को इस्‍तेमाल करने की पेशकश की थी। इसी के बाद वेन्‍यू फाइनल हुआ।

स्‍कूल में पार्टी के गठन के ऐलान के दिन श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी की स्‍पीच ने लोगों को मंत्रमुग्‍ध कर दिया था। स्‍पीच के दौरान कई बार लोगों ने तालियां बजाई थीं। इसके कुछ दिन बाद भारतीय जन संघ ने भीड़भाड़ वाले अजमेरी गेट के पास साधारण सी लोकैलिटी में अपना दफ्तर बनाया था। बीजेपी की जड़ें इसी जन संघ से जुड़ी हैं।

Ekana Stadium and Yogi Adityanath



Source link