Yogi Shapath Grahan: अब खुद से प्रतिस्पर्धा का शुरू होगा दौर…विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी ने विधायकों से कही ये 5 बड़ी बातें h3>
लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का दूसरा कार्यकाल शुक्रवार यानी 25 मार्च से शुरू होगा। इससे पहले गुरुवार की शाम लोकभवन में आयोजित एनडीए विधायक दल की बैठक में योगी को नेता चुना गया। भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) विधानमंडल दल का नेता चुने जाने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधायकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार के पहले कार्यकाल में कुशासन से सुशासन स्थापित करने की प्रतिस्पर्धा थी। अब सुशासन को और सुदृढ़ करने के लिए आगे क्या करना चाहिए, इसकी प्रतिस्पर्धा होगी। अब खुद से प्रतिस्पर्धा का दौर शुरू होगा। इसके लिए सभी को तैयार रहना होगा। सीएम योगी ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने जिस प्रकार से अपनी छवि बनाई है। एक कर्मठ और जनता से जुड़े नेता के रूप में उस छवि से हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए। सीएम योगी ने विधायकों को सुशासन, सेवक बने रहने, जनता से जुड़ने, सत्ता में प्रतिष्ठा न खोने और पार्टी की नीतियों पर आगे बढ़ने का मंत्र विधायकों को दिया।
साफ किया अगली सरकार का रोडमैप
विधानमंडल दल का नेता चुने जाने के बाद योगी ने नवनिर्वाचित विधायकों को अगली सरकार का रोडमैप साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि यूपी की विकास यात्रा का यह अभियान प्रधानमंत्री के मागदर्शन में ही आगे बढ़ सका है। तमाम दुष्प्रचार के बावजूद हम आगे बढ़ते गए। जातिवाद और वंशवाद की राजनीति से ऊपर उठकर हम आगे बढ़ते गए। इस मौके पर मौजूद केंद्रीय पर्यवेक्षक और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि योगी सरकार ने पांच साल में यूपी के विकास की जो नींव डाली है, उस पर भव्य इमारत खड़ी करनी है। आगे के पांच वर्ष यूपी के खोए हुए गौरव को वापस दिलवाने और देश का नंबर एक राज्य बनाने वाले हैं।
योगी मंत्र, सत्ता में प्रतिष्ठा न खोजें
योगी ने कहा कि सत्ता एक बड़ी जिम्मेदारी है। सत्ता प्राप्त करना प्रतिष्ठा का विषय नहीं है। यह आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है। आगे बढ़ने के लिए परीक्षा के दौर से गुजरना होता है। अब हम सबके लिए परीक्षा भी है कि हम कितना खरा उतर सकते हैं। पूरी ईमानदारी से साथ प्रदेश को आगे बढ़ाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
भावुक हुए योगी, कहा- हम तो अनगढ़ थे
योगी विधायकों को संबोधित करते हुए भावुक भी हुए। उन्होंने पिछले कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि 2017 में जब उन्होंने सत्ता संभाली तब वह अनगढ़ थे। योगी ने कहा कि 2017 में जब उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया, तब उनके पास कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था और न ही शासन के किसी दायित्व का अनुभव था। उस वक्त वह सिर्फ एक सामान्य सांसद थे। पार्टी ने मुझ पर भरोसा कर जिम्मेदारी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन, तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सहयोग और संगठन के टीम वर्क से ही प्रदेश में बदलाव संभव हुआ और यूपी देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बना। पहले यूपी में केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू नहीं किया जाता था, अब करीब 50 योजनाओं में यूपी नंबर एक पर है।
शाह की विधायकों को नसीहत- पार्टी सबसे ऊपर
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी विधायकों को संबोधित किया। उन्होंने विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि हम सबको लगता है कि हम अपनी लोकप्रियता से चुनकर आए हैं। लेकिन याद रखें पार्टी सबसे ऊपर होती है। पार्टी की नीतियों को लेकर ही लोकप्रियता का सृजन होता है। सरकार के कार्यक्रम ही नेतृत्व को लोकप्रिय बनाते हैं। इस दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की और कहा कि हमने योगी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और जीतकर आए।
शाह ने कहा कि योगी सरकार के पांच साल के शासन में परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण जैसे लोकतंत्र के तीन नासूरों को समाप्त किया है। अमित शाह ने कहा कि 2014, 2017, 2019 और 2022 के चुनाव परिणामों ने सिद्ध कर दिया कि प्रदेश की जनता अब परिवारवाद और जातिवाद को नहीं बल्कि ‘पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस’ को मानती है। उन्होंने कहा कि इसी सभागार से बदलाव, विकास, सुरक्षा, समृद्धि की बुलंद इमारत बनाने की यात्रा शुरू हो रही है।
शाह ने कहा कि यहां संकल्प लेना होगा कि यूपी को नंबर एक अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाएं। अब संगठन की योजनाओं को आगे पहुंचाना ही हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने जीत का श्रेत कार्यकर्ताओं को भी दिया और कहा कि कार्यकर्ताओं के परिश्रम से ही यह चुनाव परिणाम आया है।
नाम तय करने को होता रहा मंथन
भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में लोकभवन आने से पहले भाजपा के पर्यवेक्षक अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल के साथ भाजपा द्फ्तर में भी बैठे। यहां नामों को लेकर कई बार मंथन होता रहा है। वह करीब एक घंटे बाद लोकभवन पहुंचे।
विधानमंडल दल का नेता चुने जाने के बाद योगी ने नवनिर्वाचित विधायकों को अगली सरकार का रोडमैप साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि यूपी की विकास यात्रा का यह अभियान प्रधानमंत्री के मागदर्शन में ही आगे बढ़ सका है। तमाम दुष्प्रचार के बावजूद हम आगे बढ़ते गए। जातिवाद और वंशवाद की राजनीति से ऊपर उठकर हम आगे बढ़ते गए। इस मौके पर मौजूद केंद्रीय पर्यवेक्षक और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि योगी सरकार ने पांच साल में यूपी के विकास की जो नींव डाली है, उस पर भव्य इमारत खड़ी करनी है। आगे के पांच वर्ष यूपी के खोए हुए गौरव को वापस दिलवाने और देश का नंबर एक राज्य बनाने वाले हैं।
योगी मंत्र, सत्ता में प्रतिष्ठा न खोजें
योगी ने कहा कि सत्ता एक बड़ी जिम्मेदारी है। सत्ता प्राप्त करना प्रतिष्ठा का विषय नहीं है। यह आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है। आगे बढ़ने के लिए परीक्षा के दौर से गुजरना होता है। अब हम सबके लिए परीक्षा भी है कि हम कितना खरा उतर सकते हैं। पूरी ईमानदारी से साथ प्रदेश को आगे बढ़ाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
भावुक हुए योगी, कहा- हम तो अनगढ़ थे
योगी विधायकों को संबोधित करते हुए भावुक भी हुए। उन्होंने पिछले कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि 2017 में जब उन्होंने सत्ता संभाली तब वह अनगढ़ थे। योगी ने कहा कि 2017 में जब उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया, तब उनके पास कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था और न ही शासन के किसी दायित्व का अनुभव था। उस वक्त वह सिर्फ एक सामान्य सांसद थे। पार्टी ने मुझ पर भरोसा कर जिम्मेदारी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन, तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सहयोग और संगठन के टीम वर्क से ही प्रदेश में बदलाव संभव हुआ और यूपी देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बना। पहले यूपी में केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू नहीं किया जाता था, अब करीब 50 योजनाओं में यूपी नंबर एक पर है।
शाह की विधायकों को नसीहत- पार्टी सबसे ऊपर
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी विधायकों को संबोधित किया। उन्होंने विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि हम सबको लगता है कि हम अपनी लोकप्रियता से चुनकर आए हैं। लेकिन याद रखें पार्टी सबसे ऊपर होती है। पार्टी की नीतियों को लेकर ही लोकप्रियता का सृजन होता है। सरकार के कार्यक्रम ही नेतृत्व को लोकप्रिय बनाते हैं। इस दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की और कहा कि हमने योगी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और जीतकर आए।
शाह ने कहा कि योगी सरकार के पांच साल के शासन में परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण जैसे लोकतंत्र के तीन नासूरों को समाप्त किया है। अमित शाह ने कहा कि 2014, 2017, 2019 और 2022 के चुनाव परिणामों ने सिद्ध कर दिया कि प्रदेश की जनता अब परिवारवाद और जातिवाद को नहीं बल्कि ‘पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस’ को मानती है। उन्होंने कहा कि इसी सभागार से बदलाव, विकास, सुरक्षा, समृद्धि की बुलंद इमारत बनाने की यात्रा शुरू हो रही है।
शाह ने कहा कि यहां संकल्प लेना होगा कि यूपी को नंबर एक अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाएं। अब संगठन की योजनाओं को आगे पहुंचाना ही हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने जीत का श्रेत कार्यकर्ताओं को भी दिया और कहा कि कार्यकर्ताओं के परिश्रम से ही यह चुनाव परिणाम आया है।
नाम तय करने को होता रहा मंथन
भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में लोकभवन आने से पहले भाजपा के पर्यवेक्षक अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल के साथ भाजपा द्फ्तर में भी बैठे। यहां नामों को लेकर कई बार मंथन होता रहा है। वह करीब एक घंटे बाद लोकभवन पहुंचे।