भारत अपने कुल कच्चे तेल आयात का एक प्रतिशत से भी कम रूस से खरीदता है : सरकार h3>
नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि रूस से भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल की मात्रा काफी कम है और सरकार रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भुगतान सहित व्यापार संबंधित विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रही है।
जयशंकर ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि रूस से व्यापार में उभरती समस्या के कारण सरकार भुगतान पहलू सहित विभिन्न मुद्दों पर गौर कर रही है। उन्होंने कहा कि इन मामलों पर गौर करने के लिए वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में विभिन्न मंत्रालयों का एक समूह है।
रूस के साथ तेल व्यापार के संबंध में उन्होंने कहा, “हम रूस से बहुत कम (कच्चा) तेल आयात करते हैं। यह हमारे आयात का एक प्रतिशत से भी कम है। कई देश हमसे 20 गुना अधिक तेल (रूस से) आयात करते हैं।”
रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद भारत के पड़ोस में विभिन्न घटनाक्रम के संबंध में उन्होंने कहा, “हमारे पड़ोस में कई घटनाक्रम हुए हैं और हम उन पर सावधानी से नजर रख रहे हैं।’’
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत के रुख के बारे में उन्होंने कहा, “… हमारा रूख यह है कि हम शांति चाहते हैं। जब प्रधानमंत्री ने (रूस और यूक्रेन के) राष्ट्रपतियों से बात की, तो उस समय स्पष्ट इरादा था-छात्रों की निकासी… लेकिन इस विषय पर व्यापक बातचीत हुई कि हम क्या कर सकते हैं जिससे शत्रुता समाप्त हो गई और वार्ता और कूटनीति बहाल हो। मुझे लगता है कि आज यह भावना कई देशों द्वारा व्यापक रूप से साझा की जाती है। हमने इसे बहुत मजबूती से व्यक्त किया है।’’
रूस-यूक्रेन संकट के बीच व्यापार के संबंध में उन्होंने कहा, “भारतीय विदेश नीति के फैसले भारत के राष्ट्रीय हित में किए जाते हैं और हम अपनी सोच, विचारों और हितों से निर्देशित होते हैं। इसलिए, यूक्रेन की स्थिति को व्यापार के मुद्दों से जोड़ने का कोई सवाल नहीं है।”
जयशंकर ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, भारत ने अप्रैल 2021 से दिसंबर 2021 के बीच पाकिस्तान को 20.36 करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य के दवा उत्पादों का निर्यात किया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आयातकों द्वारा भारतीय दवा निर्यातकों को देय राशि का भुगतान नहीं करने के कुछ उदाहरण हमारे संज्ञान में आए हैं। उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारतीय निर्यातकों की कुल बकाया राशि लगभग 4,30,000 अमेरिकी डॉलर है।
विदेश मंत्री ने कहा कि बकाया राशि का मामला इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के माध्यम से पाकिस्तान में संबंधित अधिकारियों के साथ उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने अभी इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दिया है।
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जयशंकर ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि रूस से व्यापार में उभरती समस्या के कारण सरकार भुगतान पहलू सहित विभिन्न मुद्दों पर गौर कर रही है। उन्होंने कहा कि इन मामलों पर गौर करने के लिए वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में विभिन्न मंत्रालयों का एक समूह है।
रूस के साथ तेल व्यापार के संबंध में उन्होंने कहा, “हम रूस से बहुत कम (कच्चा) तेल आयात करते हैं। यह हमारे आयात का एक प्रतिशत से भी कम है। कई देश हमसे 20 गुना अधिक तेल (रूस से) आयात करते हैं।”
रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद भारत के पड़ोस में विभिन्न घटनाक्रम के संबंध में उन्होंने कहा, “हमारे पड़ोस में कई घटनाक्रम हुए हैं और हम उन पर सावधानी से नजर रख रहे हैं।’’
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत के रुख के बारे में उन्होंने कहा, “… हमारा रूख यह है कि हम शांति चाहते हैं। जब प्रधानमंत्री ने (रूस और यूक्रेन के) राष्ट्रपतियों से बात की, तो उस समय स्पष्ट इरादा था-छात्रों की निकासी… लेकिन इस विषय पर व्यापक बातचीत हुई कि हम क्या कर सकते हैं जिससे शत्रुता समाप्त हो गई और वार्ता और कूटनीति बहाल हो। मुझे लगता है कि आज यह भावना कई देशों द्वारा व्यापक रूप से साझा की जाती है। हमने इसे बहुत मजबूती से व्यक्त किया है।’’
रूस-यूक्रेन संकट के बीच व्यापार के संबंध में उन्होंने कहा, “भारतीय विदेश नीति के फैसले भारत के राष्ट्रीय हित में किए जाते हैं और हम अपनी सोच, विचारों और हितों से निर्देशित होते हैं। इसलिए, यूक्रेन की स्थिति को व्यापार के मुद्दों से जोड़ने का कोई सवाल नहीं है।”
जयशंकर ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, भारत ने अप्रैल 2021 से दिसंबर 2021 के बीच पाकिस्तान को 20.36 करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य के दवा उत्पादों का निर्यात किया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आयातकों द्वारा भारतीय दवा निर्यातकों को देय राशि का भुगतान नहीं करने के कुछ उदाहरण हमारे संज्ञान में आए हैं। उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारतीय निर्यातकों की कुल बकाया राशि लगभग 4,30,000 अमेरिकी डॉलर है।
विदेश मंत्री ने कहा कि बकाया राशि का मामला इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के माध्यम से पाकिस्तान में संबंधित अधिकारियों के साथ उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने अभी इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दिया है।
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