Corona 4th Wave : ओमीक्रोन पर नया खुलासा, पॉजिटिव मरीज डेल्टा की तरह सात दिनों बाद तक फैला सकता है इन्फेक्शन h3>
नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों में ओमीक्रोन का सब वैरिएंट BA.2 तेजी से फैल रहा है। यूरोप, चीन, हॉन्ग कॉन्ग, दक्षिण कोरिया में स्थिति गंभीर होती दिख रही है। ऐसे में ओमीक्रोन वैरिएंट (Omicron News) के संक्रमण की क्षमता को लेकर नया खुलासा हुआ है। रिसर्च में दावा किया गया है कि ओमीक्रोन से संक्रमित मरीज भी कई दिनों तक दूसरों को संक्रमण फैला सकता है। अब तक दावा किया जा रहा था कि इसमें पिछले वैरिएंट की तुलना में संक्रमण फैलाने की अवधि कम होती है। डच वायरोलॉजिस्ट डॉ. मर्जोलिन इरविन-नोस्टर यह मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि ओमीक्रोन पॉजिटिव लोगों के दूसरों को पॉजिटिव करने की अवधि कम होती है। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के केस में चार से सात दिनों तक संक्रमण फैलाने की बात कही गई थी। अगर ओमीक्रोन वैरिएंट में भी ऐसा होता है तो नई टेंशन पैदा हो सकती है।
आइसोलेशन कम होने से क्या खतरा है?
जी हां, चिंता की बात यह है कि वैरिएंट को कम गंभीर समझते हुए कई देशों में आइसोलेशन पीरियड कम किया जा रहा है। जबकि स्टडीज का कहना है कि लक्षण दिखने से दो दिन पहले और 7 दिन बाद तक ओमीक्रोन दूसरों में फैल सकता है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. मर्जोलिन कई लैब स्टडीज का हवाला देते हुए सात दिनों तक खतरा बने रहने की बात करती हैं। वह एक मेडिकल कॉन्फ्रेंस के जरिए दुनियाभर के देशों को यह संदेश देने वाली हैं कि अगर क्वारंटीन का टाइम घटाया गया तो नया वैरिएंट दोबारा हवा में फैल सकता है। वह यह भी कहती हैं कि फिलहाल ओमीक्रोन की गंभीरता कम होने के चलते यह स्वीकार्य है। Oxford University की स्टडीज में लगभग सभी संक्रमण को लेकर 10 दिन का पीरियड महत्वपूर्ण बताया जाता है।
दरअसल, ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट BA.1 की तुलना में BA.2 ज्यादा एडवांस है। यही वजह है कि आरटी-पीसीआर में भी इसे ट्रैक कर पाना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आइसोलेशन पीरियड दुनिया के देशों में घटता है तो महामारी फिर से विकराल रूप धारण कर सकती है।
इन देशों में घट रहा आइसोलेशन
डच साइंटिस्ट का दावा महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि एक महीने पहले ही इंग्लैंड में संक्रमित लोगों के खुद को आइसोलेट करने की कानूनी बाध्यता खत्म कर दी गई। उत्तर आयरलैंड में गाइडेंस की बात कही जा रही है। स्कॉटलैंड में लोगों को अब भी कम से कम एक हफ्ते के लिए आइसोलेट होने की जरूरत है, वेल्स में यह अवधि छह दिनों की है। यूके से बाहर नॉर्वे में आइसोलेशन पीरियड चार दिन और जर्मनी में 10 दिनों का है।
खांसी, जुकाम है तो…
डॉ. इरविन का कहना है कि सभी मामलों में सात दिनों का आइसोलेशन पीरियड सेफ होना चाहिए। हालांकि उन्होंने साफ कहा कि सांस संबंधी परेशानी जैसे खांसी और छींक आने-जुकाम आदि होने पर सात दिन के बाद 10 से 14 दिनों तक आइसोलेशन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित है तो लंबे समय तक संक्रमण फैला सकते हैं, जिनकी इम्युनिटी काफी कमजोर है वे महीने तक वायरस को फैलाते रह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कोई नया वैरिएंट हमें गंभीर रूप से बीमार बना रहा है तो आइसोलेशन पीरियड फिर से बढ़ाने की जरूरत है जो कम से कम सात दिन होना ही चाहिए।
India Coronavirus 4th Wave: एक्सपर्ट ने बताया- भारत में कितनी ज्यादा खतरनाक होगी चौथी लहर
भारत में चौथी लहर आएगी? सरकार ने यह बताया
देश में कोरोना की चौथी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच, सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि कोरोना मामलों के संबंध में पूर्वानुमान के लिए विभिन्न गणितीय मॉडल नमूनों का आकार छोटा होने के कारण बार-बार विश्वसनीय परिणाम देने में विफल रहे हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में कहा कि प्रयोगशालाओं का ‘सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ का नेटवर्क वायरस के बदलते स्वरूप का समय पर पता लगाने के लिए नमूनों के संपूर्ण जीनोम सिक्वेंसिंग का काम कर रहा है। मंत्री ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने स्पष्ट किया है कि उसकी तरफ से कोविड-19 की चौथी लहर की भविष्यवाणी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान में गणित और सांख्यिकी विभाग के अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम द्वारा किया गया स्वतंत्र अध्ययन है जिसने एक गणितीय मॉडल तैयार किया है।
फाइल फोटो
आइसोलेशन कम होने से क्या खतरा है?
जी हां, चिंता की बात यह है कि वैरिएंट को कम गंभीर समझते हुए कई देशों में आइसोलेशन पीरियड कम किया जा रहा है। जबकि स्टडीज का कहना है कि लक्षण दिखने से दो दिन पहले और 7 दिन बाद तक ओमीक्रोन दूसरों में फैल सकता है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. मर्जोलिन कई लैब स्टडीज का हवाला देते हुए सात दिनों तक खतरा बने रहने की बात करती हैं। वह एक मेडिकल कॉन्फ्रेंस के जरिए दुनियाभर के देशों को यह संदेश देने वाली हैं कि अगर क्वारंटीन का टाइम घटाया गया तो नया वैरिएंट दोबारा हवा में फैल सकता है। वह यह भी कहती हैं कि फिलहाल ओमीक्रोन की गंभीरता कम होने के चलते यह स्वीकार्य है। Oxford University की स्टडीज में लगभग सभी संक्रमण को लेकर 10 दिन का पीरियड महत्वपूर्ण बताया जाता है।
दरअसल, ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट BA.1 की तुलना में BA.2 ज्यादा एडवांस है। यही वजह है कि आरटी-पीसीआर में भी इसे ट्रैक कर पाना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आइसोलेशन पीरियड दुनिया के देशों में घटता है तो महामारी फिर से विकराल रूप धारण कर सकती है।
इन देशों में घट रहा आइसोलेशन
डच साइंटिस्ट का दावा महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि एक महीने पहले ही इंग्लैंड में संक्रमित लोगों के खुद को आइसोलेट करने की कानूनी बाध्यता खत्म कर दी गई। उत्तर आयरलैंड में गाइडेंस की बात कही जा रही है। स्कॉटलैंड में लोगों को अब भी कम से कम एक हफ्ते के लिए आइसोलेट होने की जरूरत है, वेल्स में यह अवधि छह दिनों की है। यूके से बाहर नॉर्वे में आइसोलेशन पीरियड चार दिन और जर्मनी में 10 दिनों का है।
खांसी, जुकाम है तो…
डॉ. इरविन का कहना है कि सभी मामलों में सात दिनों का आइसोलेशन पीरियड सेफ होना चाहिए। हालांकि उन्होंने साफ कहा कि सांस संबंधी परेशानी जैसे खांसी और छींक आने-जुकाम आदि होने पर सात दिन के बाद 10 से 14 दिनों तक आइसोलेशन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित है तो लंबे समय तक संक्रमण फैला सकते हैं, जिनकी इम्युनिटी काफी कमजोर है वे महीने तक वायरस को फैलाते रह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कोई नया वैरिएंट हमें गंभीर रूप से बीमार बना रहा है तो आइसोलेशन पीरियड फिर से बढ़ाने की जरूरत है जो कम से कम सात दिन होना ही चाहिए।
India Coronavirus 4th Wave: एक्सपर्ट ने बताया- भारत में कितनी ज्यादा खतरनाक होगी चौथी लहर
भारत में चौथी लहर आएगी? सरकार ने यह बताया
देश में कोरोना की चौथी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच, सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि कोरोना मामलों के संबंध में पूर्वानुमान के लिए विभिन्न गणितीय मॉडल नमूनों का आकार छोटा होने के कारण बार-बार विश्वसनीय परिणाम देने में विफल रहे हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में कहा कि प्रयोगशालाओं का ‘सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ का नेटवर्क वायरस के बदलते स्वरूप का समय पर पता लगाने के लिए नमूनों के संपूर्ण जीनोम सिक्वेंसिंग का काम कर रहा है। मंत्री ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने स्पष्ट किया है कि उसकी तरफ से कोविड-19 की चौथी लहर की भविष्यवाणी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान में गणित और सांख्यिकी विभाग के अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम द्वारा किया गया स्वतंत्र अध्ययन है जिसने एक गणितीय मॉडल तैयार किया है।
फाइल फोटो