Jayant Chaudhary news: सपा-आरएलडी की दोस्‍ती लंबी चलने के आसार, ‘साइकिल’ के सहारे जयंत पहुंच सकते हैं राज्‍यसभा

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Jayant Chaudhary news: सपा-आरएलडी की दोस्‍ती लंबी चलने के आसार, ‘साइकिल’ के सहारे जयंत पहुंच सकते हैं राज्‍यसभा

Jayant Chaudhary news: सपा-आरएलडी की दोस्‍ती लंबी चलने के आसार, ‘साइकिल’ के सहारे जयंत पहुंच सकते हैं राज्‍यसभा

मेरठ: समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल (samajwadi party rld) में सियासी दोस्ती (गठबंधन) के आगे भी चलने के आसार हैं। सियासी हलकों में मिल रहे संकेत से दोनों दलों में भविष्य की राजनीति का ताना-बाना बुना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इसी साल प्रस्तावित राज्यसभा चुनाव में चौधरी जयंत सिंह (jayant chaudhary news) को भेजने की संभावना है। दरअसल, आरएलडी के आठ विधायक जीते हैं। बाकी विधायकों के वोट सपा के खाते से देने की ज्यादा उम्मीद हैं।

बीजेपी नई सरकार का गठन 25 मार्च को करेगी, जबकि सपा अभी से राज्यसभा के लिए भी गोटी बिछाने लगी है। इस बार समाजवादी पार्टी के 111, आरएलडी के आठ और सुहेलदेव भारतीय समाजवादी पार्टी के छह विधायक यानी गठबंधन के कुल 125 एमएलए बने हैं। मई-जून में सूबे की कई राज्यसभा सीट खाली होने वाली हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि आरएलडी अध्यक्ष जयंत सिंह को गठबंधन की तरफ से राज्यसभा भेजने की तैयारी है।

दोनों दलों में सियासी दोस्ती आगे बढ़ी है
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा और आरएलडी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। हालांकि मुख्य गठबंधन सपा-बसपा का था। आरएलडी का गठबंधन सपा से हुआ था। उसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में भी अखिलेश और जयंत की पार्टियों में गठबंधन बरकरार रहा। अब 9 अप्रैल को होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए भी दोनों दलों में सियासी दोस्ती आगे बढ़ी है।

सपा से लंबी दोस्ती चलने की अटकलें
सपा ने मेरठ-गाजियाबाद और बुलंदशहर एमएससी सीट आरएलडी के लिए छोड़ी है। इसी के साथ अब तीन महीने बाद राज्यसभा के चुनाव में भी गठबंधन बरकरार रहने की अटकलें हैं। सपा और आरएलडी नेताओं से बात करने पर इसको बल मिला है। चौधरी जयंत के विधानसभा चुनाव में बीजेपी संग जाने के ऑफर ठुकराने के बाद से ही सपा से लंबी दोस्ती चलने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। अब उस राह पर दोनों दलों के नेता बढ़ते दिख भी रहे हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव में आरएलडी को सिर्फ छपरौली की सीट मिली थी। 2022 में सपा के साथ रहने पर आरएलडी ने आठ सीटें जीती हैं। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पहली बार जाट वोट आरएलडी के हिस्से में बड़ी तादाद में गया है। चौधरी जयंत 2009 में पहली बार मथुरा से सांसद चुने गए थे। 2012 में मथुरा की मांट सीट से विधायक बने थे, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद चौधरी जयंत सिंह रालोद के अध्यक्ष बने। 2022 में उनके नेतृत्व में रालोद ने पहला चुनाव लड़ा।

अखिलेश यादव और जयंत चौधरी यूपी विधानसभा चुनावों में साथ नजर आए



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