Coronavirus: साउथ कोरिया में 3 दिन में 14 लाख केस, चीन में 14 महीने बाद मौत, भारत में भी चौथी लहर की आशंका h3>
नई दिल्ली: यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना वायरस (New Covid Variant) की लहर चिंताजनक रफ्तार से ऊपर जा रही है। दक्षिण पूर्व एशिया की बात करें तो चीन में 14 महीने बाद कोरोना ने दो की जान ली है। हॉन्ग कॉन्ग में कुल केस 10 लाख पार कर गए, जिनमें से 97% केस कोरोना की हालिया लहर में बीती फरवरी के बाद सामने आए हैं। वहां यह वायरस अब तक 5,401 जानें ले चुका है, जो चीन में 2019 में इन्फेक्शन फैलने के बाद से अब तक हुई मौतों (4,636) से भी ज्यादा है। शवों को रेफ्रिजेरेटेड शिपिंग कंटेनरों में रखना पड़ रहा है क्योंकि ताबूत खत्म हो गए हैं या बहुत मुश्किल से मिल रहे हैं। सबसे ज्यादा चिंता साउथ कोरिया बढ़ा रहा है, जहां कोरोना के कुल मामले 90 लाख पार कर गए हैं। इनमें से 16% यानी 14 लाख से ज्यादा केस तो गुरुवार से शनिवार के बीच तीन दिन में आ गए।
यूरोप में फ्रांस, इंग्लैंड और इटली में एक हफ्ते के भीतर मामलों में 30% से ज्यादा की बढ़त देखी गई है। दुनियाभर में रोज आने वाले कोरोना के मामलों के औसम में पिछले हफ्ते के मुकाबले 12% का इजाफा हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि कोरोना के आंकड़ों में यह उछाल ‘टिप ऑफ द आइसबर्ग’ है यानी महामारी जितनी बड़ी दिख रही है, असल में तस्वीर उससे ज्यादा भयावह है। महामारी इतनी जल्द खत्म नहीं होने वाली। हम लोग अभी महामारी के बीच में हैं।
WHO ने लहर के पीछे तीन वजहें गिनाईं
स्टेल्थ सब वेरिएंट
ओमिक्रॉन के BA.2 सब-वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में पाए जाने वाले म्यूटेशंस रैपिड PCR टेस्ट में पकड़ में नहीं आते। चिंता यह भी है BA.1 और BA.2 मिलकर नया रूप बना सकते हैं। इस्राइल में ऐसे दो मामले आ चुके हैं।
ओमिक्रॉन पर भ्रम
सबसे बड़ी गलत सूचना यह है कि ‘ओमीक्रोन हल्का है’। यह धारणा भी गलत है कि यह अंतिम वेरिएंट है। ध्यान रखें कि महामारी खत्म नहीं हुई है। कोरोना की चपेट में ऐसे लोग ज्यादा आ रहा हैं, जिन्हें पूरी तरीके से टीके नहीं लगे हैं।
नियमों की अनदेखी
मामले घटने और वैक्सिनेशन का दायरा बढ़ने पर सरकारों ने पाबंदियां हटानी शुरू कर दीं। डब्ल्यूएचओ ने कहा, मास्क, दूरी और हाथों की नियमित सफाई जैसे नियमों का पालन करते रहें। भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहें।
केंद्र ने राज्यों से कहा, सर्दी-जुकाम पर नजर रखें
भारत में शनिवार को 2,075 केस आए और 71 मौतें दर्ज की गईं। इस दौरान 3,383 लोग ठीक हुए और ऐक्टिव केस घटकर 27,802 रह गए हैं, जो कुल 4.30 करोड़ मामलों का 0.06% हैं। द. पू. एशिया और यूरोप की स्थिति को देखते हुए केंद्र ने सभी राज्यों से कहा है कि वे सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों पर नजर रखें। साथ ही, जीनोम सिक्वेंसिंग पर भी जोर दें।
Corona Fourth Wave India: तीसरी लहर खत्म, क्या चौथी आएगी? देखिए जाने माने वायरोलॉजिस्ट की ‘भविष्यवाणी’
भारत में भी चौथी लहर की आशंका
देश में 27 मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिर शुरू होने वाली हैं। इसे देखते हुए भारत में भी चौथी लहर की आशंका है। लेकिन जानकारों का कहना है कि दिसंबर 2021 से इस साल फरवरी के बीच तीसरी लहर में ज्यादातर लोगों में वायरस के खिलाफ इम्युनिटी आ चुकी है। बड़ी आबादी को टीका लग चुका है। ऐसे में चौथी लहर के बहुत खतरनाक होने की आशंका कम है। लेकिन कोरोना से बचाव की सावधानी बरतते रहें। (इनपुट एजेंसी)
यूरोप में फ्रांस, इंग्लैंड और इटली में एक हफ्ते के भीतर मामलों में 30% से ज्यादा की बढ़त देखी गई है। दुनियाभर में रोज आने वाले कोरोना के मामलों के औसम में पिछले हफ्ते के मुकाबले 12% का इजाफा हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि कोरोना के आंकड़ों में यह उछाल ‘टिप ऑफ द आइसबर्ग’ है यानी महामारी जितनी बड़ी दिख रही है, असल में तस्वीर उससे ज्यादा भयावह है। महामारी इतनी जल्द खत्म नहीं होने वाली। हम लोग अभी महामारी के बीच में हैं।
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स्टेल्थ सब वेरिएंट
ओमिक्रॉन के BA.2 सब-वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में पाए जाने वाले म्यूटेशंस रैपिड PCR टेस्ट में पकड़ में नहीं आते। चिंता यह भी है BA.1 और BA.2 मिलकर नया रूप बना सकते हैं। इस्राइल में ऐसे दो मामले आ चुके हैं।
ओमिक्रॉन पर भ्रम
सबसे बड़ी गलत सूचना यह है कि ‘ओमीक्रोन हल्का है’। यह धारणा भी गलत है कि यह अंतिम वेरिएंट है। ध्यान रखें कि महामारी खत्म नहीं हुई है। कोरोना की चपेट में ऐसे लोग ज्यादा आ रहा हैं, जिन्हें पूरी तरीके से टीके नहीं लगे हैं।
नियमों की अनदेखी
मामले घटने और वैक्सिनेशन का दायरा बढ़ने पर सरकारों ने पाबंदियां हटानी शुरू कर दीं। डब्ल्यूएचओ ने कहा, मास्क, दूरी और हाथों की नियमित सफाई जैसे नियमों का पालन करते रहें। भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहें।
केंद्र ने राज्यों से कहा, सर्दी-जुकाम पर नजर रखें
भारत में शनिवार को 2,075 केस आए और 71 मौतें दर्ज की गईं। इस दौरान 3,383 लोग ठीक हुए और ऐक्टिव केस घटकर 27,802 रह गए हैं, जो कुल 4.30 करोड़ मामलों का 0.06% हैं। द. पू. एशिया और यूरोप की स्थिति को देखते हुए केंद्र ने सभी राज्यों से कहा है कि वे सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों पर नजर रखें। साथ ही, जीनोम सिक्वेंसिंग पर भी जोर दें।
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भारत में भी चौथी लहर की आशंका
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