India-Bangladesh rail link: बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस पर भारत देगा खास तोहफा, दो साल बाद फिर शुरू होगी दोस्ती की ट्रेन

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India-Bangladesh rail link: बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस पर भारत देगा खास तोहफा, दो साल बाद फिर शुरू होगी दोस्ती की ट्रेन

India-Bangladesh rail link: बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस पर भारत देगा खास तोहफा, दो साल बाद फिर शुरू होगी दोस्ती की ट्रेन

नई दिल्ली: बांग्लादेश 26 मार्च को अपना स्वतंत्रता दिवस (Independence Day of Bangladesh) मनाता है। इस मौके को खास बनाने के लिए भारत ने बांग्लादेश के साथ ट्रेन सर्विसेज (train services) को बहाल करने का फैसला किया है। कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) के कारण दोनों देशों के बीच ट्रेन सेवा को मार्च 2020 में बंद कर दिया गया था। उस समय दोनों देशों के बीच दो पैसेंजर ट्रेनें चल रही थी। इसके बाद एक और ट्रेन को पिछले साल मार्च में वर्चुअली हरी झंडी दिखाई गई थी लेकिन यह शुरू नहीं हो पाई थी।

दोनों देशों के बीच मैत्री एक्सप्रेस (Maitree Express) 2009 में और बंधन एक्सप्रेस (Bandhan Express) 2017 में शुरू की गई थी। लेकिन कोरोना महामारी के कारण 2020 में इनका परिचालन बंद कर दिया गया था। रेल मंत्रालय का कहना है कि ये ट्रेनें 26 मार्च से फिर शुरू हो सकती हैं। बांग्लादेश रेलवे ने इन ट्रेनों की फिर से शुरू करने का अनुरोध किया था। शुरुआत में ये ट्रेनें इंडियन रेलवे के रैक के साथ चलेंगी। हालांकि इसके लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी।

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रेलवे का कहना है कि न्यू जलपाईगुडडी और ढाका के बीच मिताली एक्सप्रेस (New Jalpaiguri-Dhaka Mitali Express) को पिछले साल मार्च में वर्चुअली हरी झंडी दी गई थी लेकिन इसका परिचालन शुरू नहीं हो पाया। रेल मंत्रालय ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (Northeast Frontier Railway) को मिताली एक्सप्रेस शुरू करने के लिए काम शुरू करने को कहा है। अगर गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिलती है तो भारत और बांग्लादेश के बीच 26 मार्च से रेलवे परिचालन एक बार फिर शुरू हो जाएगा।

मैत्री एक्सप्रेस
दोनों देशों के बीच चलने वाली पहली ट्रेन मैत्री एक्सप्रेस था। इसे 2008 में शुरू किया गया था। 43 साल के बाद दोनों देशों के बीच पहली बार अंतरराष्ट्रीय ट्रेन सेवा शुरू हुई थी। 43 साल पहले दोनों देशों को जोड़ने वाली ट्रेन सेवा बंद हो गई थी। कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस ट्रेन को कोलकाता स्टेशन से तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने हरी झंडी दिखा कर ढाका के लिए रवाना किया था। यह एक्सप्रेस हफ्ते में पांच दिन चलती थी। यह कोलकाता से ढाका के बीच 400 किमी की दूरी आठ घंटे से अधिक समय में तय करती है। इसमें 456 यात्री सफर कर सकते हैं।

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बंधन एक्सप्रेस
भारत और बांग्लादेश के बीच 2017 में एक और ट्रेन शुरू की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बंधन एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। कोलकाता और खुलना के बीच कुल 375 किलोमीटर की दूरी 10 घंटे में तय करती थी। यह रेल सेवा भी साल 2001 में दोनों देशों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत शुरू की गई थी। इस ट्रेन का सबसे ज्यादा बांग्लादेश के दक्षिणी हिस्से में रहने वाले लोगों को होता है। कोरोना काल से पहले इस ट्रेन के फेरे बढ़ा दिए गए थे। सूत्रों का कहना है कि यह ट्रेन हफ्ते में दो दिन रविवार और गुरुवार को चलेगी।

मिताली एक्सप्रेस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पिछले साल मार्च में वीडियो कांफ्रेंसिंस के जरिए भारत-बांग्लादेश के बीच तीसरी ट्रेन का उद्घाटन किया था। यह ट्रेन ढाका से पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चलाई गई। इसे मिताली एक्सप्रेस (Mitali Express) नाम दिया गया था। यह ट्रेन बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जयंती और बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम की स्वर्ण जयंती के मौके पर शुरू की गई थी। लेकिन इसे शुरू नहीं किया जा सका था।

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यह ट्रेन पश्चिम बंगाल में ढाका छावनी और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच बांग्लादेश के रेलवे स्टेशन चिलहाटी स्टेशन के रास्ते से चलेगी। ढाका और चिलहाटी के बीच की दूरी 453 किलोमीटर है और चिलहाटी और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच की दूरी 71 किलोमीटर है। तब विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने कहा था कि जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तब यह ट्रेन चलने लगेगी। अब कोरोना के मामलों में कमी के साथ ही दोनों देशों के बीच ट्रेन सेवा बहाल होने जा रही है।

बांग्लादेश का स्वतंत्रता दिवस
26 मार्च 1971 को शेख मुजीब-उर-रहमान ने बांग्लादेश को आजाद घोषित किया था। उन्होंने देश के लोगों से स्वतंत्रता संग्राम का आह्वान भी किया। इसके बाद शुरू हुआ स्वतंत्रता संग्राम नौ महीने चला। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की सेना के भारत के सामने आत्मसमर्पण करने के साथ ही ये संघर्ष खत्म हुआ। 16 दिसंबर को बांग्लादेश में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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